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Wednesday 15 June 2022 04:58:17 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने केंद्रीय पुरातत्व सलाहकार बोर्ड की 37वीं बैठक में जानकारी दी हैकि केंद्र सरकार ने बजट भाषण 2020 और 2021 में सांस्कृतिक महत्व के 5 प्रतिष्ठित स्थलों की घोषणा की थी, जिनको अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों के अनुसार विकसित किया जा रहा है। ये स्थल हैं-राखीगढ़ी (हरियाणा), हस्तिनापुर (उत्तर प्रदेश), धोलावीरा (गुजरात), सिबसागर (असम) और आदिचनल्लूर (तमिलनाडु)। उन्होंने बतायाकि भारत को हाल हीमें 2021 से 2025 तक के कार्यकाल केलिए यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति के सदस्य के रूपमें चुना गया है। इसके अलावा 9 नए स्थल नालंदा महाविहार बिहार, ऐतिहासिक शहर अहमदाबाद, जयपुर, काकतीय रुद्रप्पा मंदिर तेलंगाना, धोलावीरा गुजरात को यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थलों में शामिल किया गया है। भारत के 40 स्थल यूनेस्को की विरासत सूची में शामिल हो गए हैं।
केंद्रीय संस्कृति मंत्री ने यहभी बतायाकि अबतक 241 प्राचीन कलाकृतियों को भारत वापस लाया जा चुका है, इनमें से 228 कलाकृतियां 2014 केबाद अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, सिंगापुर, फ्रांस और अन्य देशों से वापस लाई गई हैं। उन्होंने बतायाकि सिनौली, वडनगर, कोडुमानल, गोटीपोरुलु जैसे स्थलों पर खुदाई की गई है, एपिग्राफी विंग ने भी बहुत अच्छा काम किया है और देशभर में 3500 से अधिक शिलालेखों की खोज की गई है और वे पढ़े गए हैं। जी किशन रेड्डी ने कहाकि सरकार प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थलों एवं अवशेष अधिनियम-1958 में संशोधन करने के बारेमें काम कर रही है, ताकि इसे अधिक लचीला और मैत्रीपूर्ण बनाया जा सके। उन्होंने 75वें स्वतंत्रता दिवस समारोह केलिए 'हर घर झंडा' अभियान में एएसआई को सक्रिय भूमिका निभाने केलिए कहा है। उन्होंने कहाकि भारत केलिए एक अच्छा अवसर आ रहा है, क्योंकि वह जी-20 देशों की मेजबानी कर रहा है। उन्होंने कहाकि यह बैठक महत्वपूर्ण स्थानों पर आयोजित की जाएगी, जिसमें एएसआई स्थलों को भी शामिल किया जाएगा।
संस्कृति राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहाकि एएसआई सूची में स्थलों और स्मारकों को शामिल करने का एक मानकीकरण किया जाना चाहिए, ताकि आवश्यकता पड़ने पर कुछ स्मारकों को इस सूची से हटाया भी जा सके। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेतृत्व में 2014 से अबतक 228 प्राचीन कलाकृतियों को भारत वापस लाया जा सका, जबकि इससे पहले केवल 13 प्राचीन कलाकृतियां को ही वापस लाया गया था। उन्होंने कहाकि हमारे विरासत स्थलों को विश्व समुदाय के सामने एक समग्र दृष्टिकोण केसाथ पेश करने का समाधान खोजने की जरूरत है। उन्होंने कहाकि एएसआई को हाल हीमें घोषित की गई 10 लाख रोज़गार की रिक्तियों मेंसे एक अच्छा हिस्सा मिलेगा और उसे आगामी जी-20 बैठक के कारण मिलने वाले अवसर का पूरी तरह से उपयोग करने की आवश्यकता है। बैठक में 42 प्रस्तावों, उत्खनन, जनशक्ति, प्रशिक्षण, संरक्षण, विश्वविद्यालयों के साथ सहयोग से संबंधित मामलों पर विचार-विमर्श किया गया। बैठक में संस्कृति एवं विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रतिनिधि, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पूर्व महानिदेशक, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के महानिदेशक, संस्कृति मंत्रालय और एएसआई के अधिकारी उपस्थित थे।