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Tuesday 14 May 2013 09:59:53 AM
लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी लखनऊ पूर्व नगर महामंत्री अभिजात मिश्रा के नेतृत्व में विधानसभा के सामने भाजपा कार्यकर्ताओं ने मायावती का पुतला जलाया। पुतला दहन के बाद अभिजात मिश्रा ने कहा कि बसपा के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क संसद के समापन सत्र में हो रहे वंदेमातरम् के समय वहां से निकल कर बाहर चले गये और कहा कि वंदेमातरम् संसद भवन में नहीं होना चाहिए। अभिजात मिश्रा ने कहा कि ये बात एक राष्ट्रद्रोही ही कह सकता है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम तुष्टिकरण को लेकर मायावती और अखिलेश यादव में होड़ मची है कि कौन देश का सबसे अधिक अपमान करवा सकता है, अभी जल्द ही अखिलेश यादव ने भी आतंकवादियों को क्लीन चिट दे दी थी और अब मायावती के सांसद ने वंदेमातरम् का अपमान किया है। मायावती यदि वंदेमातरम के अपमान को सही नहीं मानती हैं तो तत्काल वे अपने दल के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क को अपनी पार्टी से निष्काषित करें।
अभिजात मिश्रा ने कहा कि वंदेमातरम् आजादी का बीज मंत्र रहा है, वंदेमातरम् कह कर देश के तमाम क्रांतिकारी और देशभक्तों ने अपने प्राणों की आहूति दी थी और फांसी पर झूलने से पहले उनके आखिरी शब्द वंदेमातरम् के ही शब्द थे, बसपा के सांसद ने उन शहीदों का भी अपमान किया है। शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा-सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा, हम बुलबुले हैं इसकी ये गुलसिता हमारा का गायन होना चाहिए, मगर शफीकुर्रहमान बर्क को शायद ये नहीं पता कि जिस शायर ने ये गीत लिखा था, देश के बंटवारे के समय सबसे पहले वो ही पाकिस्तान भागा था और मैं ये कहना चाहता हूं कि-उन बुलबुलों से कह दो, अपने चमन को जाएँ, यह भोग भू नहीं, यह कर्म भू हमारी। बुलबुले हमेशा वहीं रहती हैं, जहां हरियाली और बहार होती है, जब चमन उजाड़ जाता है, तो बुलबुले वहां से भाग जाती हैं और हम बुलबुले नहीं बल्कि भारत माँ के सच्चे सपूत हैं। पुतला दहन कार्यक्रम में पार्षद अमित सोनकर, संजय मिश्रा, रामकुमार वर्मा, बलवीर सिंह दुआ, लक्ष्मण शुक्ला, शिवशंकर शर्मा, संजय सिंह राठौर, विशाल रावत, पंकज पांडेय, विशाल सोनकर, अमर श्रीवास्तव सहित भाजपा कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।
उधर भारतीय जनता पार्टी ने वंदेमातरम् के बहिष्कार के मुद्दे पर बसपा प्रमुख से जवाब मांगा है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि घूम-घूमकर ब्राह्मण सम्मेलन करने वाले बसपा महासचिव सतीश मिश्र स्पष्ट करें कि वंदेमातरम के गायन पर उनकी क्या राय है? राष्ट्रगीत के इस अपमान के प्रश्न पर मायावती क्यों मौन हैं? विजय बहादुर पाठक ने कहा कि बसपा सांसद शफीकुर्ररहमान बर्क के बयान से राष्ट्रीय भावनाएं आहत हुई हैं, उन्होंने एक तो वंदेमातरम् का बहिष्कार किया, अब वे उस बहिष्कार को सही ठहराने की लगतार कोशिश कर रहे हैं, उस पर बसपा प्रमुख की चुप्पी बड़े सवाल खड़े करती है। अलग-अलग वोट बैंक की जुगाड़ करने की नीयत से भाईचारा कमेटियों का निर्माण करने वाली बसपा प्रमुख ने बर्क को लेकर भी कोई भाईचारा कमेटी बनाने का निर्णय तो नहीं कर लिया?
विजय पाठक ने कहा कि बसपा प्रमुख ने स्वयं कहा है कि उनकी पार्टी में वे जो कहती हैं वही बोला जाता है, संसद से लेकर विधानसभा तक के नेता क्या बोलेंगे उनकी सहमति से ही होता है। बार-बार राष्ट्रगीत का अपमान करते उनके सांसद क्या बगैर बसपा प्रमुख की सहमति के बोल रहे हैं? क्या बगैर उनकी सहमति के वे लगातार राष्ट्रगीत का बहिष्कार कर रहे हैं? राष्ट्रीय ध्वज, राष्ट्रगान या राष्ट्रगीत संविधान के भाग हैं, संविधान सभा ने ही उन्हे स्वीकृत किया है, फिर ऐसे प्रतीकों का सम्मान और किसी आस्था का अपमान कैसे हो सकता है? पाठक ने आरोप लगाया कि बसपा प्रमुख की सहमति से ही उनकी पार्टी के लोग राष्ट्रगीत का अपमान करने में लगे हैं, इसके विरोध में आम जन सड़कों पर है, आज लखनऊ में युवा कार्यकर्ताओं ने बसपा प्रमुख का पुतला फूंककर अपना विरोध दर्ज कराया है। प्रदेश के अन्य स्थानों पर भी लोग विरोध दर्ज करा रहे हैं।