स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Monday 20 June 2022 12:13:54 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत से होते हुए शतरंज दुनिया के अनेक देशों तक पहुंचा और खूब लोकप्रिय हुआ, सदियों पहले इस खेल की मशाल भारत से चतुरंग के रूपमें पूरी दुनिया में गई थी और शतरंज की पहली ओलंपियाड मशाल भी भारत से निकल रही है। प्रधानमंत्री ने इंदिरा गांधी स्टेडियम में शतरंज ओलंपियाड के 44वें सत्र से पहले ऐतिहासिक मशाल रिले का शुभारंभ किया। उन्होंने कहाकि देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर अमृत महोत्सव मना रहा है और यह शतरंज ओलंपियाड मशाल देश के 75 शहरों में भी जाएगी। एफआईडीई के अध्यक्ष अर्कडी ड्वोरकोविच ने प्रधानमंत्री को मशाल सौंपी और उन्होंने इसे ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद को थमाया। मशाल को चेन्नई केपास महाबलीपुरम में अंतिम स्थल तक पहुंचने से पहले 40 दिन की अवधि में 75 शहरों में ले जाया जाएगा, हर स्थान पर प्रदेश के शतरंज ग्रैंड मास्टर इस मशाल का स्वागत करेंगे। प्रधानमंत्री ने शतरंज खिलाड़ी कोनेरू हम्पी केसाथ खेलो शतरंज में औपचारिक चाल भी चली।
इंटरनेशनल चेस फेडरेशन के प्रेसिडेंट अर्कडी ड्वोरकोविच ने मशाल रिले की नई परंपरा की शुरुआत में पहल करने केलिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया और कहाकि यह पहल दुनियाभर में इस खेल को लोकप्रिय और प्रेरित करेगी। उन्होंने कहाकि एफआईडीई, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति और हमें सम्मान देने केलिए उनका आभार प्रकट करता है। अर्कडी ड्वोरकोविच ने नई क्षमताओं के निर्माण में शतरंज के खेल के महत्व और सफलता की ओर ले जाने में शिक्षा तथा खेल के संयोजन की भूमिका पर 2010 में अधिकांश खिलाड़ियों को एकही स्थान पर शतरंज खेलने के अवसर पर प्रधानमंत्री के भाषण को याद किया। एफआईडीई के अध्यक्ष ने आशा व्यक्त कीकि शतरंज का खेल पूरे भारत और दुनियाभर के सभी स्कूलों का हिस्सा बनेगा। उन्होंने कहाकि भारत शतरंज के खेल में सबसे तेजीसे बढ़ने वाला देश है और शतरंज के हित में शानदार काम केलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आभार व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि चतुरंग की बिसात से लेकर कम्प्यूटर पर खेले जा रहे डिजिटल चेस तक भारत हर कदम पर शतरंज की इस लंबी यात्रा का साक्षी रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत ने इस खेल को नीलकंठ वैद्यनाथ, लाला राजाबाबू और तिरुवेंगदाचार्य शास्त्री जैसे महान खिलाड़ी दिए हैं, विश्वनाथन आनंद, कोनेरू हम्पी, विदित, दिव्या देशमुख जैसी अनेक प्रतिभाएं शतरंज में हमारे तिरंगे का सम्मान बढ़ा रही हैं। उन्होंने कहाकि नए भारत का युवा शतरंज केसाथ हर खेल में कमाल कर रहा है, भारतीय खिलाड़ियों ने विभिन्न आयोजनों में शानदार प्रदर्शन किया है, पुराने रिकॉर्ड तोड़े और नए रिकॉर्ड बनाए हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि प्रतिभा जब सही अवसरों से जुड़ती है तो सफलता के शिखर खुद झुककर स्वागत करते हैं और हमारे देशमें प्रतिभाओं की कमी नहीं है, देश के युवाओं में साहस, समर्पण और सामर्थ्य की कमी नहीं है। उन्होंने कहाकि पहले इन युवाओं को सही प्लेटफ़ार्म केलिए इंतज़ार करना पड़ता था, आज ‘खेलो इंडिया’ अभियान के तहत देश इन प्रतिभाओं को खुद तलाश रहा है, तराश भी रहा है, दूर-दराज इलाकों, गांवों-कस्बों, आदिवासी क्षेत्रों से हजारों युवाओं को खेलो इंडिया अभियान केतहत सलेक्ट किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि देश के अलग-अलग राज्यों और जिलों में आधुनिक स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया जा रहा है, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी स्पोर्ट्स को दूसरे विषयों की तरह ही प्राथमिकता दी गई है, स्पोर्ट्स की दुनिया में युवाओं केलिए खेलने के अलावा कई नए अवसर खुल रहे हैं, स्पोर्ट्स साइंस, स्पोर्ट्स फिजियो, स्पोर्ट्स रिसर्च ऐसे कितने ही नए आयाम जुड़ रहे हैं, देश में कई स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटीज भी खोली जा रही हैं, ताकि युवाओं को करियर बनाने में मदद मिल सके। प्रधानमंत्री ने कहाकि शतरंज ओलंपियाड खेलों केलिए पहली मशाल रिले भारत से शुरू हो रही है, इस साल पहलीबार भारत शतरंज ओलंपियाड खेलों की मेजबानी भी करने जा रहा है, हमें इस बात पर गर्व हैकि एक खेल, जो अपने जन्मस्थान से शुरू होकर पूरी दुनिया में अपनी छाप छोड़ रहा है, वह कई देशों केलिए जुनून बन चुका है। प्रधानमंत्री ने कहाकि एफआईडीई ने तय किया हैकि शतरंज ओलंपियाड के प्रत्येक सत्र केलिए मशाल रिले भारत से ही शुरू होगी, यह सम्मान न केवल भारत का सम्मान है, बल्कि शतरंज की इस गौरवशाली विरासत का भी सम्मान है।
प्रधानमंत्री ने कहाकि हमारे पूर्वजों ने विश्लेषण करने और समस्या के समाधान ढूंढने में दिमाग के इस्तेमाल लिए चतुरंग या शतरंज जैसे खेलों का आविष्कार किया था। उन्होंने कहाकि हाल के वर्ष में भारत तेजीसे शतरंज के खेल में अपने प्रदर्शन में लगातार सुधार कर रहा है और इस साल शतरंज ओलंपियाड में हिस्सा ले रहा भारत का दल अबतक का सबसे बड़ा दल है। प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताईकि भारत इस साल पदकों का नया कीर्तिमान स्थापित करेगा। प्रधानमंत्री ने कहाकि जीवन में हर किसी का स्थान चाहे जोभी हो, उसके लिए सही सहयोग तथा सहायता की आवश्यकता होती है, जिस तरह से जैसे शतरंज के हर मोहरे की अपनी अनूठी ताकत और एक अनोखी क्षमता होती है, यदि आप एक मोहरे केसाथ सही चाल चलते हैं और उसकी शक्ति का ठीक उपयोग करते हैं तो वह सबसे शक्तिशाली बन जाता है। उन्होंने कहाकि शतरंज की बिसात की यह विशेषता हमें जीवन का बड़ा संदेश देती है, अगर सही सहयोग और अच्छा माहौल दिया जाए तो सबसे कमजोर व्यक्ति केलिए भी कोई लक्ष्य असंभव नहीं है।
प्रधानमंत्री ने कहाकि शतरंज के खेल की एक और बड़ी विशेषता इसकी दूरदर्शिता है, शतरंज हमें बताता हैकि वास्तविक सफलता अल्पकालिक सफलता के बजाय दूरदर्शिता से आती है। प्रधानमंत्री ने बतायाकि यह सबक भारत की खेल नीति और टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना (टॉप्स) जैसी योजनाओं के बारेमें बताता है, जिसके परिणाम सामने आने लगे हैं। टोक्यो ओलंपिक, पैरालंपिक, थॉमस कप और बॉक्सिंग में भारत की हालिया सफलताओं का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि हमारे देश में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। प्रधानमंत्री ने खिलाड़ी पर उम्मीदों के दबाव को स्वीकार किया और उन्हें बिना किसी तनाव या दबाव के अपनी क्षमता का शत-प्रतिशत देने की सलाह दी। उन्होंने कहाकि देश उनकी मेहनत और समर्पण को देखता है, जीत किसी खेल केलिए जितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, उतनी ही फिरसे जीतने की तैयारी भी खेल का हिस्सा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि यदि खेल एक गलती से जा सकता है तो व्यक्ति मस्तिष्क शक्ति के उपयोग से स्थिति को पुनः प्राप्त कर सकता है, इसलिए शांत रहना अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने सुझाव दियाकि योग और ध्यान इसमें बहुत मदद कर सकते हैं। उन्होंने योग को दैनिक जीवन का हिस्सा बनाने और आगामी अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस में उत्साहपूर्वक भाग लेने की अपील की।
अंतर्राष्ट्रीय शतरंज संघ ने इस वर्ष पहलीबार शतरंज ओलंपियाड मशाल की स्थापना की है, जो ओलंपिक परंपरा का हिस्सा है, लेकिन शतरंज ओलंपियाड में कभी इसका इस्तेमाल नहीं किया गया था। भारत शतरंज ओलंपियाड मशाल रिले रखने वाला पहला देश होगा, विशेष रूपसे शतरंज की भारतीय जड़ों को और अधिक ऊंचाई तक लेजाने में शतरंज ओलंपियाड केलिए मशाल रिले की यह परंपरा हमेशा भारत में शुरू होगी और मेजबान देशतक पहुंचने से पहले सभी महाद्वीपों में यात्रा करेगी। शतरंज ओलंपियाड 28 जुलाई से 10 अगस्त 2022 तक चेन्नई में आयोजित किया जाएगा। वर्ष 1927 से आयोजित इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता की मेजबानी भारत में पहलीबार और 30 साल बाद एशिया में हो रही है। शतरंज ओलंपियाड में 189 देशों के भाग लेने केसाथ ही यह किसी भी सबसे बड़ी भागीदारी होगी। इस अवसर पर ऑल इंडिया चेस फ़ेडरेशन के प्रेसिडेंट, विभिन्न देशों के राजदूत, उच्चायुक्त, केंद्रीय खेलमंत्री अनुराग ठाकुर और राज्यमंत्री निसिथ प्रमाणिक, शतरंज खिलाड़ी, खेलप्रेमी और शतरंज अधिकारी भी उपस्थित थे।