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Thursday 23 June 2022 05:47:31 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली में वाणिज्य भवन का उद्घाटन किया और निर्यात पोर्टल राष्ट्रीय आयात-निर्यात वार्षिक व्यापार विश्लेषण रिकॉर्ड का भी शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहाकि इन दोनों मेंसे एक फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर और दूसरा डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का प्रतीक है, ये दोनों ट्रेड और कॉमर्स से जुड़ी हमारी गवर्नेंस में सकारात्मक बदलाव और आत्मनिर्भर भारत की हमारी प्रतिनिधित्व करने की आकांक्षाएं हैं। उन्होंने कहाकि नए भारत में सिटिजन सेंट्रिक गवर्नेंस के जिस सफर पर देश 8 वर्ष से चल रहा है, आज उस दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। उन्होंने कहाकि देश को आज नया और आधुनिक वाणिज्य भवन और साथही निर्यात पोर्टल की भेंट मिली है। प्रधानमंत्री ने कहाकि आज देश के पहले उद्योग मंत्री डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि भी है। उन्होंने कहाकि उनकी नीतियां, उनके निर्णय, उनके संकल्प, उनके संकल्पों की सिद्धि, स्वतंत्र भारत को दिशा देने में बहुत अहम रहे, आज देश उन्हें अपनी विनम्र श्रद्धांजलि दे रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि यह कारोबारी सुगमता केसाथ-साथ जीवन में आसानी के संकल्प को दोहराने का भी समय है। उन्होंने कहाकि पहुंच में आसानी होना इन दोनों केबीच की कड़ी है। उन्होंने कहाकि सरकार से संवाद स्थापित करने में कोई बाधा नहीं आनी चाहिए और सरकार को सुगमता से सुलभ बनाना सरकार की प्रमुख प्राथमिकता है। उन्होंने कहाकि सरकार की नीतियों में यह दृष्टि स्पष्ट रूपसे परिलक्षित होती है। प्रधानमंत्री ने कहाकि नए भारत की नई कार्यसंस्कृति में पूर्णता तिथि एसओपी का हिस्सा है और इसका कड़ाई से पालन किया जाता है। उन्होंने कहाकि सरकार के प्रोजेक्ट्स बरसों तक लटके नहीं, समय पर पूरे हों, सरकार की योजनाएं अपने लक्ष्यों तक पहुंचे तभी देश के टैक्सपेयर का सम्मान है। उन्होंने कहाकि अब तो पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान के रूपमें हमारे पास एक आधुनिक प्लेटफॉर्म भी है और यह वाणिज्य भवन राष्ट्रों की 'गति शक्ति' को बढ़ावा देगा। प्रधानमंत्री ने कहाकि यह नया वाणिज्य भवन इस कालखंड में कॉमर्स के क्षेत्र में हमारी उपलब्धियों का भी सिंबॉल है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने याद करते हुए कहाकि शिलान्यास के समय मैंने इनोवेशन और ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में सुधार की जरूरत पर बल दिया था, आज हम ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में 46वें स्थान पर है और लगातार सुधार कर रहे हैं। उन्होंने उस समय ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में सुधार कीभी बात कही थी, आज 32000 से ज्यादा अनावश्यक अनुपालनों को हटा दिया गया है, इसी तरह भवन के शिलान्यास के समय जीएसटी नया था, आज प्रतिमाह 1 लाख करोड़ जीएसटी संग्रह आम बात हो गई है। उन्होंने कहाकि जीईएम की बात करें तो 9 हजार करोड़ रुपये के ऑर्डर की चर्चा हुई थी, आज 45 लाख से ज्यादा छोटे उद्यमी पोर्टल पर रजिस्टर्ड हैं और 2.25 करोड़ से ज्यादा के ऑर्डर दिए जा चुके हैं। प्रधानमंत्री ने उस समय 120 मोबाइल इकाइयों की बात की थी, जो 2014 में सिर्फ 2 थी, आज यह संख्या 200 को पार कर गई है। उन्होंने कहाकि आज भारत में 2300 पंजीकृत फिन-टेक स्टार्टअप हैं, जो 4 साल पहले केवल 500 थे।
प्रधानमंत्री ने बतायाकि वाणिज्य भवन की आधारशिला रखने के समय भारत हर साल 8000 स्टार्टअप को मान्यता देता था, आज यह संख्या 15000 से अधिक है। प्रधानमंत्री ने कहाकि पिछले साल ऐतिहासिक ग्लोबल डिसरप्शंस के बावजूद भारत ने 670 बिलियन डॉलर यानी 50 लाख करोड़ रुपए का टोटल एक्सपोर्ट किया, पिछले साल देश ने तय किया थाकि हर चुनौती के बावजूद 400 बिलियन डॉलर यानी 30 लाख करोड़ रुपए के मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट का पड़ाव पार करना है, लेकिन हमने इसको भी पार करते हुए 418 बिलियन डॉलर यानी 31 लाख करोड़ रुपए के एक्सपोर्ट का नया रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने कहाकि पिछले वर्षों की इस सफलता से उत्साहित होकर हमने अब अपने निर्यात लक्ष्य बढ़ा दिए हैं और उन्हें प्राप्त करने के अपने प्रयासों को दोगुना कर दिया है, इन नए लक्ष्यों को प्राप्त करने केलिए सभी का सामूहिक प्रयास बहुत आवश्यक हैं। उन्होंने कहाकि न केवल अल्पकालिक, बल्कि दीर्घकालिक लक्ष्य निर्धारित किए जाने चाहिएं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि निर्यात पोर्टल सभी हितधारकों को तत्काल डेटा प्रदान करके साइलो को तोड़ने में मदद करेगा, इससे दुनिया के 200 से अधिक देशों को निर्यात किए जानेवाले 30 से अधिक कमोडिटी समूहों से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध होगी, इसपर आने वाले समय में जिलेवार निर्यात से जुड़ी जानकारी भी उपलब्ध होगी, इससे जिलों को निर्यात के महत्वपूर्ण केंद्रों के रूपमें विकसित करने के प्रयासों को भी मजबूती मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहाकि किसी देश को विकासशील से बदलकर विकसित देश के दर्जे तक पहुंचाने में उसके निर्यात में वृद्धि की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रधानमंत्री ने कहाकि इन आठ वर्ष में भारत भी लगातार अपने निर्यात में वृद्धि कर रहा है और निर्यात लक्ष्यों को प्राप्त कर रहा है, एक्सपोर्ट बढ़ाने केलिए बेहतर पॉलिसीज हों, प्रोसेस को आसान करना हो, प्रॉडक्ट्स को नए बाजार में ले जाना हो इन सबने इसमें बहुत मदद की है।
नरेंद्र मोदी ने कहाकि आज सरकार का हर मंत्रालय, हर विभाग होल ऑफ गवर्मेंट अप्रोच केसाथ एक्सपोर्ट बढ़ाने को प्राथमिकता दे रहा है, एमएसएमई मंत्रालय हो या फिर विदेश मंत्रालय, कृषि हो या कॉमर्स, सभी एक साझा लक्ष्य केलिए साझा प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहाकि नए क्षेत्रों से निर्यात बढ़ रहा है, कई आकांक्षी जिलों सेभी अब निर्यात कई गुना बढ़ गया है, कपास और हथकरघा उत्पादों के निर्यात में 55 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती हैकि जमीनी स्तर पर कैसे काम किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि सरकार वोकल फॉर लोकल अभियान ‘वन डिस्टिक, वन प्रोडक्ट’ योजना के जरिए जो स्थानीय उत्पादों पर बल दे रही है, उसने भी एक्सपोर्ट बढ़ाने में मदद की है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि अब दुनिया के नए-नए देशों में हमारे अनेक प्रॉडक्ट्स पहलीबार निर्यात किए जा रहे हैं। उन्होंने सीताभोग मिठाई को बहरीन में निर्यात किए जाने, नागालैंड की ताजा राजा मिर्च को लंदन, असम के ताजा बर्मी अंगूर को दुबई, छत्तीसगढ़ से आदिवासी महुआ उत्पादों को फ्रांस और कारगिल के खुमानी को दुबई में निर्यात किए जाने जैसे उदाहरणों का हवाला देते हुए कहाकि हमारा लोकल तेजीसे ग्लोबल हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहाकि हम अपने किसानों, बुनकरों और पारंपरिक उत्पादों को निर्यात की इको-सिस्टम से जोड़ने केलिए जीआई टैगिंग पर भी मदद करने के साथ-साथ उस पर जोर दे रहे हैं। उन्होंने पिछले साल संयुक्तअरब अमीरात और ऑस्ट्रेलिया केसाथ व्यापार सौदों का भी जिक्र करते हुए कहाकि अन्य देशों केसाथ भी काफी प्रगति हुई है। उन्होंने भारत केलिए बेहद चुनौतीपूर्ण माहौल को अवसरों में बदलने केलिए कड़ी मेहनत करने केलिए विदेशों में भारतीय राजनयिक संस्थानों की प्रशंसा की। उन्होंने कहाकि देश की प्रगति केलिए, व्यवसाय केलिए नए बाजारों की पहचान करना और उत्पादों का निर्माण उनकी जरूरतों की पहचान करना बेहद जरूरी है। प्रधानमंत्री ने प्रत्येक विभाग से हाल के दिनों में विकसित किए गए पोर्टलों और प्लेटफार्मों की समय-समय पर समीक्षा करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहाकि जिन लक्ष्यों केसाथ हमने इन उपकरणों को विकसित किया है, उन्हें कहां तक प्राप्त किया जा रहा है और यदि कोई समस्या है तो उन्हें हल करने के प्रयास किए जाने चाहिए। इस अवसर पर केंद्रीय वाणिज्य उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, सोम प्रकाश, राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल और उद्योग जगत के प्रमुख भी उपस्थित थे।