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Tuesday 5 July 2022 12:32:16 PM
गांधीनगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधीनगर में डिजिटल इंडिया सप्ताह 2022 का उद्घाटन किया, जिसका विषय 'नव भारत प्रौद्योगिकी प्रेरणा' है। इस दौरान उन्होंने प्रौद्योगिकी की पहुंच बढ़ाने, जीवन को आसान बनाना सुनिश्चित करने केलिए सेवा वितरण को सुव्यवस्थित करने और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के मकसद से कई डिजिटल पहल भी शुरू कीं। उन्होंने चिप टू स्टार्टअप कार्यक्रम केतहत सहयोग किए जानेवाले 30 संस्थानों के पहले समूह की भी घोषणा की। प्रधानमंत्री ने कहाकि यह कार्यक्रम 21वीं सदी में भारत के निरंतर आधुनिकीकरण की एक झलक प्रस्तुत करता है, डिजिटल इंडिया के माध्यम से भारत ने उदाहरण पेश किया हैकि प्रौद्योगिकी का सही इस्तेमाल पूरी मानवता केलिए कितना क्रांतिकारी है। उन्होंने कहाकि उन्हें खुशी हैकि आठ वर्ष पहले शुरू हुआ यह अभियान बदलते हुए समय केसाथ खुद को विस्तार देता रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि समय केसाथ जो देश आधुनिक तकनीक को नहीं अपनाता, समय उसे पीछे छोड़कर आगे निकल जाता है, तीसरी औद्योगिक क्रांति के समय भारत इसका भुक्तभोगी रहा है, लेकिन आज हम गर्व से कह सकते हैंकि भारत चौथी औद्योगिक क्रांति इंडस्ट्री 4.0 में दुनिया को दिशा दे रहा है, इसमें भी एक तरह से पथ प्रदर्शक की भूमिका निभाने केलिए उन्होंने गुजरात की प्रशंसा की। प्रधानमंत्री ने कहाकि जन्म प्रमाणपत्र, बिल जमा करने, राशन, प्रवेश, रिजल्ट और बैंकों के लिए भी लाइन लगती थी, इतनी सारी लाइनों का समाधान भारत ने ऑनलाइन होकर कर दिया है। प्रधानमंत्री ने कहाकि वरिष्ठ नागरिकों के जीवन प्रमाणपत्र, आरक्षण, बैंकिंग आदि सेवाएं डिजिटल होने से वे सुलभ, तेज और सस्ती हो गई हैं, इसी तरह प्रौद्योगिकी के जरिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के तहत 8 वर्ष में 23 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा सीधे लाभार्थियों के खातों में भेजे गए। भ्रष्टाचार रोकने में डिजिटल इंडिया की भूमिका पर जोर देते हुए उन्होंने कहाकि इस प्रौद्योगिकी के कारण देश के 2 लाख 23 हजार करोड़ रुपये गलत हाथों में जाने से बच गए।
नरेंद्र मोदी ने कहाकि डिजिटल इंडिया ने सरकार को नागरिकों के द्वार और फोन तक पहुंचा दिया है। उन्होंने कहाकि 1.25 लाख से अधिक कॉमन सर्विस सेंटर और ग्रामीण स्टोर अब ई-कॉमर्स को ग्रामीण भारत में लेकर जा रहे हैं, इसी प्रकार ग्रामीण संपत्तियों केलिए संपत्ति के दस्तावेज भी प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से उपलब्ध कराए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि आठ वर्ष में डिजिटल इंडिया ने देश में जो सामर्थ्य पैदा किया, उसने कोरोना वैश्विक महामारी से मुकाबला करने में भारत की बहुत मदद की है। प्रधानमंत्री ने कहाकि हमने एक क्लिक पर देश की करोड़ों महिलाओं, किसानों, मजदूरों के बैंक खातों में हजारों करोड़ रुपये भेजे, एक देश एक राशन कार्ड की मदद से हमने 80 करोड़ से अधिक देशवासियों को मुफ्त राशन सुनिश्चित किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि हमने दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे कुशल कोविड टीकाकरण और कोविड राहत कार्यक्रम चलाया, कोविन प्लेटफॉर्म के माध्यम से लगभग 200 करोड़ वैक्सीन खुराकें और प्रमाणपत्र दिए गए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत की फिनटेक पहल वास्तव में लोगों द्वारा, लोगों का, लोगों केलिए एक समाधान है, इसमें जो तकनीक है, वह भारत की अपनी यानी भारत के द्वारा, देशवासियों ने इसे जीवन का हिस्सा बनाया यानी लोगों का और इसने देशवासियों के लेनदेन को आसान बनाया यानी लोगों केलिए। उन्होंने कहाकि दुनिया का 40 प्रतिशत डिजिटल लेनदेन भारत में होता है और हमारे डिजिटल समाधानों में स्केल है, ये सुरक्षित हैं और इनमें लोकतांत्रिक मूल्य हैं। प्रधानमंत्री ने बतायाकि आनेवाले 4-5 वर्ष में इंडस्ट्री 4.0 केलिए 14-15 लाख युवाओं के स्किलिंग, अपस्किल और रीस्किलिंग पर फोकस किया जाएगा। उन्होंने कहाकि अंतरिक्ष हो, मैपिंग, ड्रोन, गेमिंग और एनिमेशन हो, ऐसे कई सेक्टर हैं, जो डिजिटल तकनीक के भविष्य को विस्तार देने जा रहे हैं, उन्हें नवाचार केलिए खोल दिया गया है, इंन-स्पेस और नई ड्रोन नीति जैसे प्रावधान इस दशक में आनेवाले वर्षों में भारत की तकनीक क्षमता को नई ऊर्जा देंगे।
प्रधानमंत्री ने बतायाकि भारत अगले तीन से चार वर्ष में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को 300 अरब डॉलर से ऊपर ले जाने के लक्ष्य पर काम कर रहा है, भारत अब चिप लेने वाले से चिप देने वाला बनना चाहता है, सेमीकंडक्टर का उत्पादन बढ़ाने केलिए भारत में निवेश तेजी से बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री ने आशा व्यक्त कीकि डिजिटल इंडिया अभियान अपने आपमें नए आयाम जोड़ता रहेगा और देश के नागरिकों की सेवा करता रहेगा। शुरू की गई पहलों के बारे में-'डिजिटल इंडिया भाषिणी' नागरिकों को उनकी अपनी भाषा में डिजिटल पहल से जोड़कर सशक्त बनाएगी। भाषिणी का लक्ष्य हैकि सभी भारतीयों को इंटरनेट और डिजिटल सेवाएं उनकी भाषा में आसानी से उपलब्ध हो सकें और भारतीय भाषाओं में सामग्री की वृद्धि हो। आवाज़ आधारित पहुंच सहित भारतीय भाषाओं में इंटरनेट और डिजिटल सेवाओं तक आसान पहुंच बनेगी और भारतीय भाषाओं में सामग्री के निर्माण में मदद करेगी।
एआई आधारित भाषा प्रौद्योगिकी समाधानों को तैयार करने में बहुभाषी डेटासेट का निर्माण होगा। भाषादान नामक एक क्राउडसोर्सिंग पहल के माध्यम से डिजिटल इंडिया भाषिणी डेटासेट को तैयार करने में बड़े पैमाने पर नागरिकों को भी जोड़ेगी। भाषिणी भारतीय भाषाओं में डेटासेट और भाषा तकनीकी समाधान केलिए एआई तकनीकों का विकास करके सभी भारतीयों केलिए अधिक समावेशी भविष्य का निर्माण करेगी। 'डिजिटल इंडिया जेनेसिस'-भारत के टियर-2 और टियर-3 शहरों में खोजने, सहयोग, विकास करने और सफल स्टार्टअप बनाने केलिए एक राष्ट्रीय डीप-टेक स्टार्टअप कार्यक्रम है, इसके लिए कुल 750 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। 'इंडियास्टैक डॉट ग्लोबल'-आधार, यूपीआई, डिजिलॉकर, कोविन टीकाकरण प्लेटफॉर्म, गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस, दीक्षा प्लेटफॉर्म और आयुष्मान भारत डिजिटल हेल्थ मिशन जैसी इंडिया स्टैक के तहत चल रहीं प्रमुख परियोजनाओं का वैश्विक भंडार है। वैश्विक सार्वजनिक डिजिटल भंडार की भारत की पेशकश जनसंख्या के पैमाने पर डिजिटल परिवर्तन परियोजनाओं के निर्माण में देश को अग्रणी के रूपमें स्थापित करने में मदद करेगा और यह अन्य देशों केलिए बहुत मददगार साबित होगा, जो ऐसी तकनीकी समाधानों की तलाश में हैं।
माईस्कीम-सरकारी योजनाओं तक पहुंच की सुविधा प्रदान करने केलिए यह एक सेवा खोजने वाला प्लेटफॉर्म है, यह वन-स्टॉप सर्च और डिस्कवरी पोर्टल के तौर पर खुद को पेश करता है, जहां यूजर्स उन योजनाओं को ढूंढ सकते हैं, जिसके लिए वे पात्र हैं। मेरी पहचान-नेशनल सिंगल साइन-ऑन एक उपयोगकर्ता प्रमाणीकरण सेवा है, जिसमें निजी जानकारी का एक सेट, कई ऑनलाइन एप्लिकेशन या सेवाओं तक पहुंच प्रदान करता है। सीटूएस कार्यक्रम का उद्देश्य स्नातक, परास्नातक और अनुसंधान के स्तरों पर सेमीकंडक्टर चिप्स के डिजाइन के क्षेत्र में विशेष जनशक्ति को प्रशिक्षित करना और देश में सेमीकंडक्टर डिजाइन में शामिल स्टार्टअप्स के विकास केलिए उत्प्रेरक के रूपमें काम करना है। यह संगठनात्मक स्तर पर परामर्श देने की पेशकश करता है और संस्थानों को डिजाइन केलिए अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराता है। यह सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में एक मजबूत डिजाइन इकोसिस्टम बनाने केलिए भारत सेमीकंडक्टर मिशन का हिस्सा है।
डिजिटल इंडिया वीक 2022 केतहत 6 जुलाई तक गांधीनगर में कई कार्यक्रम आयोजित होंगे। यह कार्यक्रम डिजिटल इंडिया की वर्षगांठ मनाएगा और प्रदर्शित करेगाकि कैसे आधार, यूपीआई, कोविन, डिजिलॉकर आदि सार्वजनिक डिजिटल प्लेटफॉर्म ने लोगों के जीवन को आसान बनाया है। यह पूरी दुनिया के सामने भारत के तकनीकी कौशल का प्रदर्शन करेगा, हितधारकों की एक विस्तृत श्रृंखला केसाथ सहयोग और व्यापार के अवसरों का पता लगाएगा और अगली पीढ़ी केलिए अवसरों के लिहाज से दशक की तकनीकी प्रस्तुत करेगा। इसमें स्टार्टअप तथा सरकार, उद्योग व शिक्षा जगत के प्रतिनिधियों की भागीदारी होगी। 200 से अधिक स्टालों केसाथ एक डिजिटल मेला भी आयोजित किया जा रहा है, जहां जीवन को आसान बनाने वाले डिजिटल समाधानों केसाथ भारतीय यूनिकॉर्न और स्टार्टअप से विकसित किए गए समाधान को भी प्रदर्शित किया जाएगा। डिजिटल इंडिया वीक में 7 से 9 जुलाई तक वर्चुअल मोड में ‘इंडिया स्टैक नॉलेज एक्सचेंज’ भी आयोजित किया जाएगा। इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और राजीव चंद्रशेखर, राज्य के मंत्री, जनप्रतिनिधि, स्टार्टअप्स और क्षेत्रीय हितधारक उपस्थित थे।