स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Monday 18 July 2022 12:08:13 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय भारत की आजादी के 75वें वर्ष को आजादी के अमृत महोत्सव के रूपमें मना रहा है। इस अवसर पर राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय नई दिल्ली की ओर से 14 अगस्त तक 'आजादी का अमृत महोत्सव-22वां भारत रंग महोत्सव-2022' (आजादी खंड) नामक उत्सव आयोजित किया जा रहा है, जो हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को याद करने और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने केलिए आजादी के अमृत महोत्सव केतहत किया जा रहा है। भारत सरकार के संसदीय कार्य एवं संस्कृति राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने इस उत्सव के शुरुआती कार्यक्रम का उद्घाटन किया। पद्मश्री से सम्मानित और प्रसिद्ध भारतीय लोकगायिका मालिनी अवस्थी और अरविंद कुमार तथा संस्कृति मंत्रालय के निदेशक भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
संस्कृति राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहाकि स्वतंत्रता संग्राम के कई गुमनाम नायक हैं, जिन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय रूपसे भाग लिया है, फिरभी वे हमारे स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास का हिस्सा नहीं बन पाए हैं। एक उदाहरण देते हुए उन्होंने कहाकि वर्ष 1913 में मानगढ़ में उस क्षेत्र की जनजातियों को बेरहमी से प्रताड़ित किया गया और मार डाला गया, लेकिन अधिकांश लोग इस घटना से अच्छी तरह से अवगत नहीं हैं। उन्होंने कहाकि थिएटर कार्यकर्ताओं और राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय को उन घटनाओं पर आधारित नाटक तैयार करने केलिए आगे आना चाहिए, ताकि देशभर में ऐसे नायकों केबारे में नागरिकों को जागरुक किया जा सके और उनकी बहादुरी एवं साहस की गाथाओं से अवगत कराया जा सके।
लोकगायिका मालिनी अवस्थी ने अपने संबोधन में स्वतंत्रता सेनानियों की प्रशंसा में भारत के बड़े हिस्से में गाए जानेवाले विभिन्न लोकगीतों के बारे में बताया। उन्होंने बतायाकि ऐसे कई गीतों को ब्रिटिश सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया था, लेकिन लोक कलाकार उन्हें गाते रहे और इस तरह गुमनाम नायकों की गाथाओं को अगली पीढ़ी तक ले गए। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के निदेशक प्रोफेसर रमेशचंद्र गौर ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। उद्घाटन समारोह केबाद बंसी कौल के निर्देशित नाटक 'अरण्यधिपति तांतिया मामा' का मंचन किया गया।