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Saturday 30 July 2022 06:42:23 PM
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य कर विभाग के अधिकारियों केसाथ प्रदेश में राजस्व संग्रह की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की। समीक्षा में बताया गया हैकि वित्तीय वर्ष 2017-18 में प्रदेश का कुल राजस्व संग्रह 58,700 करोड़ रुपये था, जो वर्ष 2021-22 में बढ़कर लगभग 1 लाख करोड़ रुपये हो गया है। उन्होंने इसपर संतोष व्यक्त करते हुए राज्य कर के भावी लक्ष्य भी तय किए। मुख्यमंत्री ने जोन कमिश्नरों से उनके प्रभार वाले ज़ोन में जीएसटी में व्यापारियों की पंजीयन स्थिति, जीएसटी और वैट संग्रह, कर चोरी रोकने के प्रयासों आदि की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने अलग-अलग ज़ोन के पोटेंशियल के अनुसार राजस्व संग्रह को बढ़ाने केलिए जरूरी दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहाकि यह संतोष की बात हैकि नियोजित प्रयासों से प्रदेश के राजस्व संग्रह में सतत वृद्धि हुई है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से यह भी कहाकि देश और प्रदेश के विकास में व्यापारी तथा उद्यमी बंधुओं का बड़ा सहयोग है। प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी उद्यमी, व्यापारी का उत्पीड़न न हो।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहाकि चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही के लक्ष्य 31,786 करोड़ रुपये के सापेक्ष 32,386 करोड़ रुपये का संग्रह संतोषजनक है। उन्होंने कहाकि यह जनता से एकत्रित राशि है, जो प्रदेश के विकास और लोककल्याणकारी कार्यों में व्यय होगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहाकि चालू वित्तीय वर्ष के लिए 1.50 लाख करोड़ रुपये के जीएसटी और वैट संग्रह लक्ष्य के अनुरूप राजस्व प्राप्ति केलिए ठोस कोशिश की जाएं। मुख्यमंत्री ने कहाकि व्यापक जनहित का ध्यान रखते हुए ही प्रदेश सरकार ने राज्य में वैट की दर में बढ़ोत्तरी अथवा अन्य कोई नया कर नहीं लगाया है, आज पेट्रोल/ डीजल पर सबसे कम वैट की दर उत्तर प्रदेश में है, निकट भविष्य में भी वैट में कोई बढ़ोत्तरी नहीं होगी, इसको ध्यान में रखते हुए ज़ोन वार पोटेंशियल के अनुसार राजस्व संग्रह बढ़ाने के प्रयास किए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहाकि राजस्व संग्रह बढ़ाने केलिए शासन स्तर से फील्ड के अधिकारियों को साप्ताहिक लक्ष्य दिया जाए, इसकी साप्ताहिक समीक्षा भी की जाए, ज़ोन में प्रवर्तन की कार्रवाई तथा राजस्व संग्रह की रिपोर्ट तैयार की जाए, जिसकी वह स्वयं जोनवार मासिक समीक्षा करेंगे।
योगी आदित्यनाथ ने कहाकि जीएसटी कंजप्शन आधारित कर प्रणाली है, राज्य के सकल घरेलू उत्पाद एवं प्रति व्यक्ति आय तथा देश की जीडीपी की वृद्धि दर के दृष्टिगत ही राजस्व प्राप्ति होती है, अतः कंजप्शन में वृद्धि केलिए नियोजित प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने कहाकि विगत 5 वर्ष में प्रदेश में व्यवसाय केलिए अनुकूल माहौल सृजित हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहाकि राज्य कर विभाग के प्रयासों के अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं, जो वर्तमान में जीएसटी पंजीकृत व्यापारियों की संख्या 26 लाख से अधिक हो गई है, अधिकारी आगामी 6 माह में इसे 30 लाख तक बढ़ाने का लक्ष्य लेकर कार्य करें। उन्होंने व्यापारियों से कहाकि वे अधिकाधिक जीएसटी में पंजीकृत कराएं और अधिकारियों से कहाकि वे व्यापारियों को जीएसटी पंजीयन या रिटर्न दाखिल करने के फायदों के बारे में जानकारी दें तथा कस्बों में संगोष्ठी इत्यादि का आयोजन करें। मुख्यमंत्री ने कहाकि गोरखपुर और बस्ती मंडल जैसे कई क्षेत्रों में अभी जागरुकता का अभाव है, इसके लिए फील्ड स्तर के अधिकारियों को विशेष प्रयास करने होंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहाकि अधिकारीगण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स का अधिकाधिक प्रयोग करें, विशेष अनुशासनिक इकाइयों और सचल दल इकाइयों की सक्रियता को और बढ़ाएं, हाल के समय में इनकी सजगता से कर चोरी/ अपवंचन पर प्रभावी रोक लगाने में सफलता प्राप्त हुई है। उन्होंने कहाकि इसके बावजूद अधिकांश ज़ोन की कार्यशैली को और बेहतर करने की जरूरत है। उन्होंने राजस्व संग्रह में आगरा, बरेली, गोरखपुर, अयोध्या जोन के लक्ष्य प्राप्ति के प्रयासों की सराहना की है। उन्होंने कहाकि इनकी बेस्ट प्रैक्टिस को अन्य ज़ोन भी अपनाएं, झांसी, प्रयागराज, लखनऊ, कानपुर, गाजियाबाद जैसे क्षेत्रों में औद्योगिक विकास के अनेक बड़े प्रोजेक्ट चल रहे हैं, यहां कर संग्रह की बहुत संभावनाएं हैं। मुख्यमंत्री ने कहाकि कार्यशैली को बेहतर करने के साथ कर चोरी पर प्रभावी कार्रवाई की जाए, एसजीएसटी की चोरी की कोशिशों को रोकने केलिए सजगता बढ़ाने की जरूरत है।
योगी आदित्यनाथ ने कहाकि राजस्व की चोरी राष्ट्रीय क्षति है, पूर्ण तैयारी केसाथ ही छापेमारी की कार्रवाई की जाए तथा इंटेलिजेंस को और बेहतर किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहाकि यह सुनिश्चित किया जाए कि जीएसटी की कर प्रणाली में समस्त कार्य ऑनलाइन हों और आईटी टूल्स के माध्यम विश्लेषण करके राजस्व संग्रह किया जाए। इस अवसर पर वित्तमंत्री सुरेश खन्ना, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, अपर मुख्य सचिव वित्त प्रशांत त्रिवेदी, प्रमुख सचिव राज्य कर नितिन रमेश गोकर्ण, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद, राज्य कर विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।