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चिड़ियाघर प्राधिकरण की हुई महत्वपूर्ण बैठक

जानवरों के अधिग्रहण व स्थानांतरण प्रस्ताव पर विचार-विमर्श

चिड़ियाघरों के मूल्यांकन और मास्टर प्लान को दी गई मंजूरी

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 1 August 2022 01:46:51 PM

the 39th meeting of the central zoo authority

नई दिल्ली। केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की राष्ट्रीय प्राणी उद्यान नई दिल्ली में आयोजित 39वीं बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की सचिव लीना नंदन, चंद्रप्रकाश गोयल महानिदेशक वन एवं विशेष सचिव, डॉ एसपी यादव निदेशक भारतीय वन्यजीव संस्थान, बिभाष रंजन अपर महानिदेशक वन्यजीव, प्रवीर पांडे अपर सचिव और वित्तीय सलाहकार तथा अन्य अधिकारी, भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान और स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर के प्रतिनिधि एवं सदस्यों ने भाग लिया। बैठक की मुख्य विशेषताओं में दो प्रकाशनों का विमोचन शामिल था-स्नो लेपर्ड केलिए राष्ट्रीय वंशावली पुस्तक (स्टडबुक) और सीजेडए का त्रैमासिक न्यूज़लेटर एक्स-सीटू अपडेट।
केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की बैठक में वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान सीजेडए की विभिन्न गतिविधियों से सदस्यों को अवगत कराया गया। इनमें 18 चिड़ियाघरों का मूल्यांकन किया गया, चिड़ियाघरों केलिए 10 मास्टरप्लान को मंजूरी दी गई। भारतीय चिड़ियाघरों में संरक्षण प्रजनन और संरक्षण शिक्षा के प्रयोजनों केलिए 69 राष्ट्रीय और 10 अंतर्राष्ट्रीय जानवरों का अधिग्रहण या स्थानांतरण किया गया। चिड़ियाघरों (दुनिया में पहलीबार) का प्रबंधन प्रभावशीलता मूल्यांकन (एमईई-चिड़ियाघर) 39 मान्यता प्राप्त चिड़ियाघरों (बड़े और मध्यम चिड़ियाघर) में किया गया है। आज़ादी के अमृत महोत्सव के उत्सव में देशभर के चिड़ियाघर सक्रिय रूपसे भाग ले रहे हैं। कार्यक्रम में अबतक 72 चिड़ियाघरों को कवर किया गया है, जिसमें 72 सप्ताह में 72 प्रजातियों को प्रमुखता दी गई है। इस प्रकार ‘संरक्षण से सह अस्तित्व: लोगों से जुड़ाव’ की अवधारणा के माध्यम से हमारे देश की समृद्ध जैवविविधता को प्रदर्शित करने वाली गतिविधियां दैनिक आधार पर आयोजित की जा रहीं हैं।
लुप्तप्राय प्रजातियों केलिए प्रस्तावित ‘राष्ट्रीय रेफरल केंद्र-वन्यजीव जैव-बैंकिंग’ पहल सहित सीजेडए और वैज्ञानिक संस्थानों केबीच अनुसंधान सहयोग, प्रस्तावित गतिविधियों में से एक है। चिड़ियाघर प्रबंधन सूचना प्रणाली (चिड़ियाघर-एमआईएस), सांविधिक रिपोर्टिंग को सरल बनाने और सीजेडए को प्रस्ताव प्रस्तुत करने केलिए विकसित एक वेब एप्लिकेशन है। चिड़ियाघरों की गतिविधियों को विज़न प्लान 2021-31 के साथ तालमेल बिठाने केलिए कई पहलों की शुरुआत की गई है, ताकि अत्याधुनिक अनुसंधान केसाथ संरक्षण केलिए भारतीय चिड़ियाघरों एक बड़ी ताकत बनाया जा सके, बदलाव सुनिश्चित किए जा सकें, आगंतुकों का अनुभव तल्लीन करने वाला हो तथा सभी उम्र लोगों केसाथ सार्थक तालमेल बिठा सके। जारी संरक्षण प्रजनन कार्यक्रम में लाल पांडा, गौर, हिम तेंदुआ जैसी प्रजातियों का सफल प्रजनन एवं बंदी वन्य जीवों जैसे इंडियन शेवरोटेन, रेड पांडा, वेस्टर्न ट्रैगोपन को जंगल में छोड़ने के प्रयास शामिल हैं।
चिड़ियाघर प्राधिकरण की बैठक में तकनीकी समिति और प्रशासनिक समिति की सिफारिशों की समीक्षा की गई और उन्हें मंजूरी दी गई। विचार-विमर्श में केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की वार्षिक रिपोर्ट (2021-22) और भारतीय चिड़ियाघर केबीच जानवरों के अधिग्रहण एवं स्थानांतरण के प्रस्ताव शामिल थे। प्रख्यात हस्तियों को भारतीय चिड़ियाघरों केलिए राजदूतों की पहचान करने के प्रस्ताव पर भी चर्चा की गई। इसे चिड़ियाघरों में शुरू की गई संरक्षण पहलों केलिए समर्थन जुटाने और इस क्षेत्र में बहुक्षेत्रीय राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। डॉ संजय कुमार शुक्ला सदस्य सचिव सीजेडए ने अध्यक्ष सीजेडए को सीजेडए की नियोजित गतिविधियों से अवगत कराया। केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार के तहत एक वैधानिक निकाय है।
केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की स्थापना 1992 में भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम-1972 में एक संशोधन के माध्यम से की गई थी, जिसका उद्देश्य भारतीय चिड़ियाघरों के कामकाज की निगरानी करना और पृथक उपायों के माध्यम से वन्यजीव संरक्षण रणनीतियों को सहायता प्रदान करना है। केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण का मार्गदर्शक उद्देश्य भारतीय चिड़ियाघरों में बंदी जानवरों के आवास, रखरखाव और स्वास्थ्य देखभाल केलिए सर्वोत्तम प्रथाओं को सुनिश्चित करना है। वर्तमान में केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण 147 चिड़ियाघरों को मान्यता देता है। चिड़ियाघर, संरक्षण जागरुकता, दुर्लभ जीवों का प्रदर्शन, बचाव और पुनर्वास तथा संकटग्रस्त प्रजातियों के संरक्षण प्रजनन कार्यक्रमों से लेकर कई अन्य कार्य पूरे करते हैं। करीब 80 मिलियन वार्षिक आगंतुकों केसाथ, चिड़ियाघर, वन्यजीव संरक्षण और जागरुकता केलिए शिक्षण केंद्र के रूपमें भी कार्य करते हैं।

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