स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Saturday 13 August 2022 05:56:05 PM
नई दिल्ली। आज़ादी के अमृत महोत्सव पर दिल्ली विश्वविद्यालय के शहीद भगत सिंह सांध्य महाविद्यालय के पुस्तकालय में राष्ट्रीय पुस्तकालय दिवस पर स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े साहित्य की प्रदर्शनी लगाई गई। इस अवसर पर पुस्तकालय के वक्ताओं ने कहाकि यह पुस्तक प्रदर्शनी स्वातंत्रय चेतना को जागृत एवं विजयी करने वाले ज्ञात-अज्ञात मातृभूमि केलिए लाखों वीर शहीदों केप्रति श्रद्धांजलि है। वक्ताओं ने देश के जननायकों को काव्यात्मक पंक्तियों से याद किया। पुस्तक प्रदर्शनी के मुख्य अतिथि गर्वनिंग बॉडी चेयरमैन फिरोज़ ख़ान ने रिबन काटकर प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। जामिया मिलिया इस्लामिया के अर्थशास्त्र विभाग प्रमुख एवं विशिष्ट अतिथि डॉ अशरफ़ इलियान, कॉलेज की गर्वनिंग बॉडी के सदस्यों ने दीप जलाकर प्रदर्शनी का शुभारंभ किया।
समाजसेवा एवं जनचेतना को नवीन आयाम देनेवाले फिरोज़ ख़ान ने कहाकि हमें स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान, उनके आदर्श, विचार राष्ट्र के बहुमुखी विकास केलिए ग्रहण करने चाहिएं। डॉ इलियान ने बतायाकि किस प्रकार हमारा समाज और राष्ट्र आत्मनिर्भर बन सकता है। पुस्तक प्रदर्शनी कार्यक्रम की आयोजक डॉ पूनम चौधरी ने राष्ट्रनिर्माण में पुस्तकालयों की उपयोगिता पर प्रकाश डाला और बतायाकि स्वतंत्रता संग्राम के समय से ही पुस्तकालय कैसे जनभागीदारी का केंद्र रहे हैं। प्रदर्शनी के माध्यम से युवाओं को जागृत किया गयाकि पुस्तकालयों और पुस्तकों में आजादी के दिवाने, मस्ताने, विचारक, क्रांतिकारी, कवि, लेखक आजभी जीवित हैं, जिनके विचार और प्रेरणाएं आजभी प्रासंगिक एवं अनुकरणीय हैं, विद्यार्थियों को अपने सपनों को साकार करने केलिए कॉलेज पुस्तकालय से बढ़िया कोई स्थान नहीं है, समाज को सूचना समृद्ध एवं ज्ञानवान बनाने में पुस्तकालयों की अहम भूमिका रहती है।
कार्यक्रम की संयोजक चारु मित्तल ने छात्रों को पुस्तकों के माध्यम से देशभक्ति की भावना विकसित करने केलिए प्रेरित किया तथा सभी अतिथियों एवं विद्यार्थियों का धन्यवाद किया। प्रदर्शनी में भारी संख्या में टीचिंग, नॉन टीचिंग और विद्यार्थियों ने भागीदारी की, प्रदर्शनी की सराहना की और भविष्य में ऐसे कार्यक्रम करने की आवश्यकता पर जोर दिया। कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रोफेसर एसके सिन्हा ने अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रदर्शनी की उपयोगिता बताते हुए प्रेरित कियाकि हमें निरंतर पढ़ने की आदत विकसित करनी चाहिए।