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Friday 19 August 2022 03:48:58 PM
इंफाल। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने मणिपुर में आज मुख्यालय महानिरीक्षक असम राइफल्स (दक्षिण) का दौरा किया और कहाकि भारतीय सेना और असम राइफल्स के जवानों से मिलना उनके लिए बहुत गर्व की बात है। रेड शील्ड तथा असम राइफल्स के सैनिकों को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने सैन्याधिकारियों और सैनिकों की सराहना कीकि वे दुर्गम भू-भाग और मौसम की चुनौतियों का सामना करते हुए साहस तथा दृढ़ता से अपने कर्तव्यों का पालन करते हैं। उन्होंने रेड शील्ड डिवीजन के योगदान की प्रशंसा कीकि स्थापना केबाद सेही चाहे वह 1971 का युद्ध हो, श्रीलंका में आईपीकेएफ का हिस्सा होने की बात हो या उसकी वर्तमान भूमिका डिवीजन ने हमेशा महान योगदान दिया है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सात दशक में अपने शानदार योगदान तथा आंतरिक सुरक्षा, भारत-म्यांमार सीमा को सुरक्षित बनाने और पूर्वोत्तर को राष्ट्रीय मुख्यधारा में लाने में मुख्य भूमिका निभाने पर असम राइफल्स के महती योगदान की सराहना की। रक्षामंत्री ने कहाकि यही कारण हैकि असम राइफल्स को ‘फ्रेंड्स ऑफ दी नॉर्थ-ईस्ट पीपुल’ और ‘सेंटीनल्स ऑफ नॉर्थ-ईस्ट’ कहा जाता है। राजनाथ सिंह ने अटूट समर्पण केसाथ राष्ट्रीय ध्वज को बुलंद रखने केलिए सशस्त्र बलों की प्रशंसा की और कहाकि राष्ट्र उसी समय अपनी पूरी क्षमता से काम कर सकता है, जब उसकी सीमाएं सुरक्षित रहें।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को इस मौके पर क्षेत्र में शांति और व्यवस्था कायम रखने के विषय पर उग्रवादरोधी गतिविधियों और भारत-म्यांमार सीमा पर सीमा प्रबंधन परिचालन की जानकारी दी गई। उल्लेखनीय हैकि रेड शील्ड डिवीजन और असम राइफल्स के 1,000 से अधिक सैन्य कर्मियों ने रक्षामंत्री केसाथ संवाद में हिस्सा लिया। इस अवसर पर थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, जीओसी-इन-ईस्टर्न कमांड के लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कालिता और जीओसी स्पियर कोर के लेफ्टिनेंट जनरल आरसी तिवारी, सेना तथा असम राइफल्स के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।