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Saturday 20 August 2022 05:55:54 PM
नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा हैकि सरकार सशस्त्र बल न्यायाधिकरण को और अधिक सशक्त और उत्तरदायी बनाने तथा इस दिशामें आवश्यक उपायों को लागू करने केलिए प्रतिबद्ध है। सशस्त्र बल न्यायाधिकरण की प्रिंसिपल बेंच एसोसिएशन के आज नई दिल्ली में 'आत्मनिरीक्षण: सशस्त्र बल न्यायाधिकरण' सेमिनार को संबोधित करते हुए रक्षामंत्री ने यह बात कही। रक्षामंत्री ने कहाकि न्यायपालिका लोकतंत्र का एक मजबूत स्तंभ है और न्यायिक अधिकारी तथा अधिवक्ता न्याय प्रणाली के स्तंभ हैं। उन्होंने कहाकि लोग न्याय का दरवाजा तब खटखटाते हैं, जब उनके लिए अन्य सभी विकल्प समाप्त हो जाते हैं और मजबूत न्याय वितरण प्रणाली सूरज या सुशासन का आधार होती है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहाकि विविध मामलों से निपटने और लंबित मामलों का निपटान करने केलिए डोमेन-विशिष्ट न्यायाधिकरण स्थापित किए गए थे। उन्होंने कहाकि वादियों को हमारी न्यायपालिका में विश्वास है और न्याय प्रदान करने की प्रक्रिया में तेजी लाने केलिए न्यायाधिकरणों में खाली पदों को भरने जैसे सभी आवश्यक उपायों को लागू किया जा रहा है। उन्होंने आश्वासन दियाकि सरकार उन सुझावों पर विचार करेगी, जो न्याय की शीघ्र आपूर्ति केलिए भूतपूर्व सैनिकों और सेवारत कर्मियों की आकांक्षाओं को पूरा करने केलिए इस सेमिनार में विचार-विमर्श केबाद सामने आएंगे। रक्षामंत्री ने सामान्य रूपसे न्यायिक प्रणाली और विशेष रूपसे सशस्त्र बल न्यायाधिकरण में लंबित मामलों के बोझ को कम करने के लिए 'न्याय में देरी, न्याय से वंचित' और 'जल्दी में न्याय, न्याय को दफन करना' केबीच संतुलन कायम करने का आह्वान किया।
रक्षामंत्री ने कहाकि न्याय की समय पर आपूर्ति से न केवल सशस्त्र बल न्यायाधिकरण पर बोझ कम होगा, बल्कि न्याय प्रणाली में हमारे सैनिकों का विश्वास भी मजबूत होगा। राजनाथ सिंह ने जानकारी दीकि भारत में सशस्त्र बल न्यायाधिकरण को मूल और अपीलीय क्षेत्राधिकार प्राप्त है, जबकि कुछ विकसित देश जैसेकि अमरीका और इंग्लैंड में केवल अपीलीय क्षेत्राधिकार प्राप्त है। उन्होंने कहाकि सशस्त्र बल न्यायाधिकरण सशस्त्र बलों के कर्मियों, पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों की शिकायतों का निवारण केलिए एक महत्वपूर्ण फोरम है। राजनाथ सिंह ने कहाकि सशस्त्र बल न्यायाधिकरण पर इस आत्मनिरीक्षण सेमिनार को अधिक महत्व प्राप्त हो गया है, क्योंकि देश 'आजादी का अमृत महोत्सव' मना रहा है। उन्होंने भारत को विकसित राष्ट्र बनाने, औपनिवेशिक मानसिकता से मुक्त होने, अपनी विरासत पर गर्व करने और अपना कर्तव्य निभाने केलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'पंच प्राण' के आह्वान को स्मरण किया।
राजनाथ सिंह ने कहाकि भारतीय परंपरा में आत्मनिरीक्षण या अवलोकन को बहुत महत्व दिया गया है। केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने भी सेमिनार को संबोधित किया और कहाकि सरकार लंबित मामलों को कम करने केलिए काम कर रही है। उन्होंने कहाकि सशस्त्र बल न्यायाधिकरण जैसे न्यायाधिकरण लंबित मामलों को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। सेमिनार में एएफटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन ने मुख्य भाषण दिया। थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी और नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरिकुमार भी सेमिनार में उपस्थित थे।