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Thursday 8 September 2022 02:06:11 PM
भुवनेश्वर। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन और भारतीय सेना ने आज ओडीशा तट के निकट एकीकृत परीक्षण क्षेत्र चांदीपुर से क्विक रियक्शन सर्फेस टू एयर मिसाइल प्रणाली के छह उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे कर लिए हैं। ये उड़ान परीक्षण भारतीय सेना के किए जानेवाले मूल्यांकन परीक्षण का हिस्सा हैं। उड़ान परीक्षण उच्चगति वाले लक्ष्यों पर किया गया था। ये लक्ष्य वास्तविक खतरे के प्रकार के बनाए गए थे, ताकि विभिन्न हालात में हथियार प्रणालियों की क्षमता का आकलन किया जा सके। इसमें लंबी दूरी एवं मध्यम ऊंचाई वाले लक्ष्य, छोटी रेंज वाले लक्ष्य, ऊंचाई पर उड़ने वाले लक्ष्य, राडार पर आसानी से पकड़ में न आनेवाले लक्ष्य शामिल थे। इन सबको ध्यान में रखते हुए तेजी केसाथ दो मिसाइल दागे गए।
क्यूआरएसएएम शस्त्र प्रणाली के काम करने का मूल्यांकन रात और दिन की परिस्थितियों मेभी किया गया। इसका नयापन यह हैकि वह चलित स्थिति मेभी काम कर सकती है। इसमें थोड़ीसी देर रुककर तलाश, ट्रैकिंग और गोला-बारी करने की क्षमता है। पूर्व में इसका परीक्षण किया जा चुका है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने क्यूआरएसएएम शस्त्र प्रणाली के सफल परीक्षणों पर डीआरडीओ और भारतीय सेना को बधाई दी। उन्होंने भरोसा जतायाकि क्यूआरएसएएम शस्त्र प्रणाली सशस्त्रबलों की शक्ति बढ़ाने में बहुत उपयोगी होगी। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष ने कहाकि यह प्रणाली अब भारतीय सेना में शामिल होने केलिए तैयार है।
क्यूआरएसएएम शस्त्र प्रणाली के परीक्षणों के दौरान सभी निर्धारित लक्ष्यों को पूरी सटीकता केसाथ भेदा गया। मूल्यांकन में हथियार प्रणाली का उत्कृष्ट दिशा-निर्देश और नियंत्रण सटीक पाया गया, इसमें युद्धक सामग्री भी शामिल थी। प्रणाली के प्रदर्शन की पुष्टि आईटीआर में विकसित टेलीमेट्री, राडार और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग प्रणाली से की गई। डीआरडीओ और भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस परीक्षण में हिस्सा लिया। ये परीक्षण स्वदेश में विकसित समस्त उप-प्रणालियों की तैनाती केतहत किया गया, जिसमें स्वदेशी रेडियो फ्रीक्वेंसी सीकर, मोबाइल लॉंचर, पूरी तरह स्वचालित कमान और नियंत्रण प्रणाली, निगरानी और बहुपयोगी राडार शामिल है।