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Saturday 18 May 2013 09:21:30 AM
नई दिल्ली। केंद्र सरकार राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम (एनएमडीएफसी) के ज़रिए गरीबी रेखा से दुगने नीचे जीवन यापन करने वाले अल्पसंख्यकों को रियायती दर पर ऋण उपलब्ध कराने के लिए आय पात्रता मानदंड में संशोधन करने पर विचार कर रही है। फिलहाल ग्रामीण इलाकों में 40 हजार रूपये सालाना और शहरी इलाकों में 55 हजार रूपये सालाना से अधिक आय वाले परिवारों को गरीबी रेखा से दुगने नीचे जीवन यापन करने वाली श्रेणी में रखा गया है।
एनएमडीएफसी गरीबी रेखा से दुगने नीचे जीवन यापन करने वाले अल्पसंख्यकों को स्व रोज़गार, आय सृजित गतिविधियों के लिए रियायती दर पर वित्तीय सहायता उपलब्ध कराके उनकी जिंदगी बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम की स्थापना 1994 में हुई थी और तब से 31 मार्च 2013 तक अवधि ऋण और माइक्रो फाइनेंस स्कीमों के तहत 9,05,643 अल्पसंख्यकों को 2264.30 करोड़ रूपये का रियायती ऋण उपलब्ध कराया गया है। ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना के अंत तक इसमें से 1,893.21 करोड़ की राशि वितरित की गई है, जिससे 8,03,307 लोगों को फायदा पहुंचा और 2012-13 वित्तीय वर्ष के दौरान 1,02,336 लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए 371.09 करोड़ रूपए वितरित किए गए हैं।
एनएमडीएफसी की ऋण योजनाओं में अवधि ऋण योजना, माजिकल मनी लोन स्कीम, शैक्षिक ऋण योजना, माइक्रो फाइनेंसिंग स्कीम, ब्याज मुक्त ऋण योजना और महिला समृद्धि योजना शामिल है। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम के कार्यक्रमों के तहत दस्तकारों के लिए व्यवसायिक प्रशिक्षण और विपणन सहायता की योजनाएं भी चलाई जा रही हैं। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास और वित्त निगम ने स्टेट चैनलाइजिंग एजेंसियों की वार्षिक समीक्षा चेन्नई में शुरू कर दी है। बैठक में पिछले वित्तीय वर्ष के कामकाज पर चर्चा होगी और मेंस्टेट चैनलाइजिंग एजेंसियों के मौजूदा वर्ष में अपनाने के लिए नीतियों पर विचार-विमर्श होगा, ताकि वे देश में गरीब अल्पसंख्यकों के आर्थिक और शैक्षिक सशक्तिकरण के लिए प्रभावी और बेहतर सेवाएं प्रदान कर सकें। इस बैठक में 36 स्टेट चैनलाइजिंग एजेंसियों के लगभग 100 प्रतिभागियों के भाग लेने की उम्मीद है।
यह निगम लक्षित समूहों तक पहुंचने के लिए दो माध्यमों का इस्तेमाल करता है। इस तरह का पहला माध्यम है राज्य चैनलाइजिंग एजेंसियां जो संबंधित राज्य सरकार अथवा केन्द्र शासित क्षेत्रों के प्रशासक मनोनीत करते हैं। दूसरा माध्यम है गैर सरकारी संगठन। फिलहाल राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम 27 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 36 राज्य चैनलाइजिंग एजेंसियों के माध्यम से कार्य करता है। राज्य चैनेलाइजिंग एजेंसियों के रूप में काम करने के लिए 14 राज्यों ने विशिष्ट अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम स्थापित किए हैं।