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Friday 9 September 2022 05:52:37 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज 'प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान' का शुभारंभ किया और कहाकि 'प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान' को उच्च प्राथमिकता देना और इसको जनआंदोलन बनाना सभी नागरिकों का कर्तव्य है, ऐसा इसलिए है, क्योंकि टीबी हमारे देशमें अन्य सभी संक्रामक रोगों में सबसे अधिक मौतों का कारण बनती है। उन्होंने कहाकि भारतमें दुनिया की आबादी का 20 प्रतिशत से थोड़ा कम है, लेकिन दुनिया के कुल टीबी रोगियों का 25 प्रतिशत से अधिक है, यही चिंता की बात है। उन्होंने कहाकि टीबी से प्रभावित ज्यादातर लोग समाज के गरीब वर्ग से हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि 'न्यू इंडिया' की सोच और कार्यप्रणाली भारत को विश्व का अग्रणी राष्ट्र बनाना है और भारत ने कोविड-19 महामारी से निपटने में दुनिया के सामने एक मिसाल कायम की है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विश्वास केसाथ आगे बढ़ने की 'न्यू इंडिया' की नीति टीबी उन्मूलन के क्षेत्रमें भी दिखाई दे रही है। उन्होंने कहाकि संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों के अनुसार सभी राष्ट्रों ने वर्ष 2030 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया है, लेकिन भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य रखा है और इसे पूरा करने केलिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि इस अभियान को जन आंदोलन बनाने केलिए लोगों में टीबी के प्रति जागरुकता पैदा करनी होगी, उन्हें बताना होगाकि इस बीमारी से बचाव संभव है, इसका इलाज प्रभावी और सुलभ है एवं सरकार इस बीमारी की रोकथाम और इलाज केलिए नि:शुल्क सुविधा भी मुहैया कराती है। उन्होंने कहाकि कुछ रोगियों या समुदायों में इस बीमारी से जुड़ी एक हीन भावना है और वे इस बीमारी को एक कलंक के रूपमें देखते हैं, इस भ्रम कोभी मिटाना है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहाकि सभीको इस बात की जानकारी होनी चाहिएकि टीबी के कीटाणु अक्सर सबके शरीर में मौजूद होते हैं, जब किसी व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता किसी कारणवश कम हो जाती है तो यह रोग व्यक्ति में प्रकट होता है, इलाज से निश्चित तौरपर इस बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है, ये सारी बातें लोगों तक पहुंचनी चाहिए। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान की परिकल्पना सभी सामुदायिक हितधारकों को एकसाथ लाने केलिए की गई है, ताकि टीबी के उपचार में लोगों का समर्थन किया जा सके और टीबी उन्मूलन की दिशा में देशकी प्रगति में तेजी लाई जा सके। वर्चुअल कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया, राज्यमंत्री डॉ भारती प्रवीण पवार, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के राज्यपालों और उपराज्यपालों, राज्य एवं जिला स्वास्थ्य के प्रतिनिधियों, प्रशासन और हितधारकों ने भाग लिया।