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Monday 19 September 2022 11:25:23 AM
जबलपुर। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मीडिया से न्यायपालिका के बारेमें रिपोर्टिंग करते समय अतिरिक्त सावधानी बरतने का आग्रह किया है। उन्होंने कहाकि हमें न्यायाधीशों की गरिमा और न्यायपालिका केलिए सम्मान को बनाए रखना चाहिए, क्योंकि ये कानून के शासन और संवैधानिकता के मूल सिद्धांत हैं। जबलपुर में पहले 'न्यायमूर्ति जेएस वर्मा स्मृति व्याख्यान' में मुख्य अतिथि के तौरपर अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति ने कहाकि एक मजबूत, निष्पक्ष और स्वतंत्र न्याय प्रणाली लोकतांत्रिक मूल्यों के फलने-फूलने और प्रभावी होने की सबसे सुरक्षित गारंटी है। उन्होंने कहाकि निर्विवाद रूपसे लोकतंत्र का सबसे अच्छा विकास तब होता है, जब सभी संवैधानिक संस्थानों का आपसमें पूर्ण समन्वय होता है और वे अपने क्षेत्र विशेष तकही सीमित होते हैं। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय किशन कौल ने पहले 'न्यायमूर्ति जेएस वर्मा स्मृति व्याख्यान' में मुख्य व्याख्यान दिया।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राजस्थान उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति जेएस वर्मा केसाथ वरिष्ठ अधिवक्ता के रूपमें अपनी कई बातचीत को याद करते हुए कहाकि उनके कार्यकाल को न्यायिक इकोसिस्टम को बेहतर बनाने एवं पारदर्शिता और जवाबदेही को विस्तार देने के रूपमें याद किया जा सकता है। समाज पर दूरगामी प्रभाव वाले कई फैसले देने केलिए न्यायमूर्ति जेएस वर्मा की प्रशंसा करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहाकि विशाखा मामले में उनके ऐतिहासिक फैसले ने कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से महिलाओं की विशिष्ट सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था केलिए पूरे तंत्र के संरचना निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया। उन्होंने कहाकि न्यायमूर्ति जगदीश शरण वर्मा को हमेशा पथप्रदर्शक निर्णयों और उन विचारों केलिए याद किया जाएगा, जिन्होंने नागरिकों को सशक्त बनाया है और सरकार कोभी सक्षम बनाया है, ताकि वह लोगों के कल्याण केलिए संस्थानों में व्यापक बदलाव कर सकें।
न्यायमूर्ति जेएस वर्मा के संघवाद से लेकर धर्मनिरपेक्षता तक और भारत में लैंगिक समानता से जुड़े कानूनों के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित किए जाने का उल्लेख करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहाकि उनका जीवन एवं उनके विचार हमें और आनेवाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरित करते रहेंगे। मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवि मलीमथ, सांसद राकेश सिंह, राज्यसभा सदस्य और जेएस वर्मा स्मृति समिति के अध्यक्ष विवेक के तन्खा एवं न्यायमूर्ति जेएस वर्मा के परिजन और गणमान्य नागरिक इस इस अवसर पर उपस्थित थे। स्मृति व्याख्यान केबाद उपराष्ट्रपति ने राजा शंकरशाह और कुंवर रघुनाथ शाह की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उपराष्ट्रपति राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह के 'बलिदान दिवस' के स्मृति समारोह में भाग लेने केलिए जबलपुर में पशु चिकित्सा कॉलेज परिसर भी गए, ये महापुरुष 1857 के पहले स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान शहीद हुए थे।
उपराष्ट्रपति ने इसपर संतोष व्यक्त कियाकि हमारे जनजातीय समुदाय के नायकों के योगदान और बलिदान को 'आजादी का अमृत महोत्सव' समारोह के हिस्से के रूपमें पहचाना जा रहा है और उन्हें विशेष महत्व दिया जा रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का जिक्र करते हुए उन्होंने कहाकि 75 वर्ष में पहलीबार किसी जनजातीय महिला को देशके सर्वोच्च संवैधानिक पदपर देखना हर भारतीय केलिए गर्व का क्षण है। यह देखते हुएकि मध्यप्रदेश में देशकी सबसे बड़ी जनजातीय आबादी है, उपराष्ट्रपति ने कहाकि रानी दुर्गावती से लेकर राजा शंकरशाह तक, जनजातीय समुदायों का बाहरी आक्रमण के खिलाफ प्रतिरोध का गौरवशाली इतिहास है। उपराष्ट्रपति ने स्मारकों और संग्रहालयों के निर्माण केलिए केंद्र और राज्य सरकारों की सराहना की और कहाकि ये स्मारक एवं संग्रहालय हमारे जनजातीय नायकों की कहानियों को बताते हैं और इनसे हमारी युवा पीढ़ी को प्रेरणा मिलती है।
उपराष्ट्रपति ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम पर आयोजित एक प्रदर्शनी का भी दौरा किया और स्थानीय लोक कलाकारों के प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम देखे। उपराष्ट्रपति ने विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास भी किया और जेईई/ एनईईटी/ सीएलएटी में उत्तीर्ण होनेवाले मेधावी जनजातीय छात्रों को सम्मानित किया। केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, मध्य प्रदेश सरकार की जनजातीय कल्याण मंत्री मीना सिंह, मध्य प्रदेश सरकार के वन विभाग मंत्री कुंवर विजय शाह, मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री गोपाल भार्गव, राज्यसभा सांसद सुमित्रा बाल्मीकि, लोकसभा सांसद वीडी शर्मा, लोकसभा सांसद राकेश सिंह और गणमान्य व्यक्ति कार्यक्रम में शामिल हुए।