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'मीडिया को खुद मुख्य मीडिया चैनलों से खतरा'

ध्रुवीकरण बहस चैनल की विश्वसनीयता कम कर रही-सूचना मंत्री

एशिया-प्रशांत प्रसारण विकास संस्थान की सभा का उद्घाटन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 20 September 2022 03:15:51 PM

anurag thakur at the 47th annual gathering of aibd

नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा हैकि मुख्यधारा के मीडिया केलिए सबसे बड़ा ख़तरा नए जमाने के डिजिटल प्लेटफॉर्म से नहीं, बल्कि खुद मुख्यधारा के मीडिया चैनलों से है। उन्होंने आज एशिया-प्रशांत प्रसारण विकास संस्थान यानी एआईबीडी की 47वीं वार्षिक सभा के उद्घाटन पर कहाकि वास्तविक पत्रकारिता वही है, जिसमें तथ्यों की प्रस्तुति केसाथ सच्चाई दिखाते हुए सभी पक्षों को अपने विचार रखने केलिए मंच प्रदान किया जाता है। अनुराग ठाकुर ने कहाकि विषय का ध्रुवीकरण करते हुए झूंठी खबरें फैलाने और अपनी तथ्यहीन बातों को सिद्ध करने केलिए बेहद तेज आवाज़ में चिल्लाने वाले मेहमानों को आमंत्रित करना चैनल की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाता है। उन्होंने कहाकि अतिथि, उनके विचार और दिखाए जानेवाले दृश्यों के संबंध में मीडिया के निर्णय दर्शकों की नज़र में मीडिया की विश्वसनीयता को परिभाषित करते हैं, शो देखने केलिए दर्शक एक मिनट केलिए रुक तो सकते हैं, लेकिन वह कभीभी आपके एंकर, आपके चैनल या ब्रांड पर समाचार की विश्वसनीयता और पारदर्शी स्रोत के रूपमें भरोसा नहीं करेगा।
सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस अवसर पर प्रसारकों का आह्वान कियाकि वे अपनी विषयवस्तु को सिर्फ साउंडबाइट्स के माध्यम से पेश न करें, बल्कि इसे स्वयं परिभाषित करते हुए मेहमानों और चैनल केलिए मानक शर्ते भी निर्धारित करें। श्रोताओं को उकसाने केलिए शामिल किए जानेवाले प्रश्नों पर सवाल उठाते हुए अनुराग ठाकुर ने पूछाकि क्या आप दर्शकों को टीवी समाचारों की ओर सिर्फ तेज आवाज़ सेही आकर्षित होनेवाले दर्शकों के रूपमें देखने में विश्वास रखते हैं अथवा प्रसारण की दुनियामें आगे रहने केलिए आप समाचारों में निष्पक्षता और बहस में सकारात्मक चर्चा कोभी वापस लाने पर विचार कर रहे हैं? अनुराग ठाकुर ने कोविड महामारी के दौरान सदस्य देशों को ऑनलाइन जोड़े रखने और महामारी के प्रभाव को मीडिया कैसे कम कर सकता है, इसपर निरंतर संवाद बनाए रखने केलिए एआईबीडी नेतृत्व को इसका श्रेय दिया। उन्होंने कहाकि सदस्य देशों को चिकित्सा क्षेत्रमें नवीनतम विकास, कोविड योद्धाओं की सकारात्मक गाथाओं और अधिक महत्वपूर्ण रूपसे महामारी के समय भ्रामक और झूंठी खबरों को गलत ठहराते हुए इनके बारेमें सही जानकारी साझा करने से अत्यधिक लाभ हुआ।
अनुराग ठाकुर ने एआईबीडी की निदेशक फिलोमेना, एआईबीडी आम सम्मेलन के अध्यक्ष मयंक अग्रवाल और उन सदस्य देशों को बधाई दी, जिन्होंने एशिया प्रशांत क्षेत्र में कोविड महामारी के खिलाफ एक मजबूत मीडिया प्रतिक्रिया को बनाए रखने में एकसाथ काम किया। कार्यक्रम के विषय 'महामारी केबाद के युगमें प्रसारण केलिए एक मजबूत भविष्य का निर्माण' पर विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहाकि हालांकि प्रसारण मीडिया हमेशा पत्रकारिता की मुख्यधारा में रहा है, लेकिन कोविड-19 के दौर ने इसे अधिक रणनीतिक तरीके से अपना मार्ग चुनने केलिए एक विशेष आकार दिया है। उन्होंने कहाकि कोविड महामारी ने हमें सिखाया हैकि कैसे सही और समय पर उपलब्ध जानकारी लाखों लोगों की जान बचा सकती है। उन्होंने कहाकि यह मीडिया ही है, जिसने इस कठिन दौर में दुनिया को एक मंच पर लाते हुए इसे एक वैश्विक परिवार की भावना के रूपमें मजबूती प्रदान की। महामारी में भारतीय मीडिया की भूमिका को एक सफलता की कहानी के रूपमें प्रस्तुत करते हुए अनुराग ठाकुर ने कहाकि मीडिया नेही यह सुनिश्चित कियाकि कोविड-19 जागरुकता संदेश, महत्वपूर्ण सरकारी दिशा-निर्देश और डॉक्टरों केसाथ निःशुल्क ऑनलाइन परामर्श देशके कोने-कोने तक पहुंचे।
सूचना और प्रसारण मंत्री ने सदस्य देशों को अच्छी गुणवत्तायुक्त विषयसामग्री के आदान-प्रदान में सहयोग केलिए भी प्रोत्साहित किया और कहाकि इस तरह के सहयोग से कार्यक्रम का आदान-प्रदान विश्व संस्कृतियों को एकसाथ लाता है। उन्होंने कहाकि देशों केबीच इस तरह की मीडिया भागीदारी लोगों से लोगों केबीच मजबूत संबंध बनाने में मदद करती है। सूचना और प्रसारण मंत्री ने रेखांकित कियाकि मीडिया अपने सभी रूपोंमें सशक्तिकरण के एक प्रभावी उपकरण के रूपमें सार्वजनिक धारणाओं और दृष्टिकोणों को आकार देने की अपार क्षमता रखता है। उन्होंने कहाकि मीडिया के स्थान को और अधिक जीवंत एवं लाभकारी बनाने केलिए सभी पत्रकारों और प्रसारणकर्ता मित्रों केलिए एक सक्षम वातावरण बनाना अनिवार्य है। प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और एआईबीडी के अध्यक्ष मयंक अग्रवाल ने कहाकि एआईबीडी ने लॉकडाउन मेंभी अपने प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यक्रमों को जारी रखा। उन्होंने कहाकि केवल पिछले वर्ष मेही 34 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए और वे परंपरा केसाथ जलवायु परिवर्तन, हरित प्रौद्योगिकी, सतत विकास, त्वरित रिपोर्टिंग, बच्चों केलिए कार्यक्रम आदि जैसे उभरते मुद्दों पर केंद्रित रहे हैं।
एआईबीडी के अध्यक्ष मयंक अग्रवाल ने कहाकि प्रसारण में इंटरनेट के उपयोग में वृद्धि केसाथ पत्रकारिता में साइबर सुरक्षा जैसा विषय भी पत्रकारों के प्रशिक्षण केलिए अनिवार्य हो गया है। उन्होंने कहाकि एआईबीडी अपने प्रशिक्षण कार्यक्रमों के दौरान इस विषय को शामिल करने वाला पहला समूह है। फिलोमेना ज्ञानप्रगसम ने कहाकि विषयसामग्री मीडिया के भविष्य को निर्धारित करती है और इस विषयसामग्री को कैसे साझा और मुद्रीकृत किया जाता है, यह प्रसारण के भविष्य को निर्धारित करेगा। अनुराग ठाकुर ने 2021 और 2022 केलिए पुरस्कार प्रस्तुति आयोजन कीभी अध्यक्षता की। रेडियो टेलीविजन ब्रुनेई को 2021 केलिए प्रशंसा पुरस्कार प्रदान किया गया। वर्ष 2022 केलिए प्रशंसा पुरस्कार फिजी के अर्थव्यवस्था, सिविल सेवा, संचार, आवास और सामुदायिक विकास मंत्रालय और फिजी ब्राडकास्टिंग कॉरपोरेशन को संयुक्त रूपसे प्रदान किया गया है। कंबोडिया के सूचना और संचार मंत्री खिउ खानहरित को 2021 केलिए, जबकि 2022 केलिए प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और एआईबीडी के अध्यक्ष मयंक अग्रवाल को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड प्रदान किया गया है।
एशिया-प्रशांत प्रसारण विकास संस्थान की स्थापना 1977 में यूनेस्को के तत्वावधान में हुई थी। यह इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विकास के क्षेत्रमें संयुक्तराष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग एशिया एवं प्रशांत के देशों की सेवा करनेवाला एक विशिष्ट क्षेत्रीय अंतर-सरकारी संगठन है। इसकी मेजबानी मलेशिया सरकार करती है और सचिवालय कुआलालंपुर में है। एआईबीडी में वर्तमान में 26 पूर्ण सदस्य देश हैं, जिनका प्रतिनिधित्व 43 संगठन करते हैं और 50 संबद्ध सदस्य हैं, जिनकी कुल सदस्यता 93 है, जो 46 देशों और क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं और इसके एशिया, प्रशांत, यूरोप, अफ्रीका, अरब देशों और उत्तरी अमेरिका में 50 से अधिक भागीदार हैं। एआईबीडी आम सम्मेलन और इसकी संबद्ध बैठकें संस्थान की वार्षिक आधिकारिक सभा है। आम सम्मेलन में सदस्य देशों, सहयोगियों, भागीदारों, पर्यवेक्षकों और प्रमुख प्रसारकों के लिए आमंत्रण के माध्यम से बुलाया जाता है। सदस्य देशों, संबद्धों और भागीदारों के पास उन गतिविधियों और परियोजनाओं की संख्या की समीक्षा करने का अवसर होता है, जिन्हें एआईबीडी ने पिछले एकवर्ष में लागू करते हुए भविष्य की परियोजनाओं परभी ध्यान दिया है। सम्मेलन में सदस्य देशों की विकासात्मक जरूरतों पर भी चर्चा की गई।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय के पास एआईबीडी की पूर्ण सदस्यता है। प्रसार भारती, भारत का सार्वजनिक सेवा प्रसारक होने के नाते एआईबीडी की विभिन्न सेवाओं का उपयोग करता है। भारत ने 1978, 1985, 2003 में शासी परिषद की बैठकें (जीसी) की मेजबानी की है और नई दिल्ली में 19-21 सितंबर 2022 तक भारतमें 47वीं वार्षिक सभा/ 20वां एआईबीडी आम सम्मेलन और संबद्ध बैठकें 2022 की मेजबानी करने का फिरसे अवसर प्राप्त हुआ है। इस मौके पर केंद्रीय सूचना और प्रसारण राज्यमंत्री डॉ एल मुरुगन, सूचना एवं प्रसारण सचिव अपूर्व चंद्रा, भारत में विभिन्न विदेशी मिशनों के प्रमुख, एआईबीडी सदस्य देशों के प्रतिनिधि, प्रसार भारती और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और भारत सरकार के विभिन्न कार्यालयों के अधिकारी उपस्थित थे।

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