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Saturday 01 June 2013 08:59:18 AM
नई दिल्ली। देश के उच्च आधार संख्या वाले 20 जिलों में पहली जून से रसोई गैस उपभोक्ताओं के लिए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना-डीबीटीएल शुरू करने के केंद्र सरकार के फैसले पर अमल करते हुए पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री डॉ एम वीरप्पा मोइली ने आज बंगलूरू के निकट कर्नाटक के तुमकुर में इस योजना की औपचारिक शुरुआत की। इस अवसर पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्ध रमैया और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण-यूआईडीएआई के अध्यक्ष नंदन नीलेकणि और अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित थे। इसके साथ ही आंध्र प्रदेश में भी यह योजना शुरू की गई है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी ने हैदराबाद में आयोजित समारोह में इस योजना की शुरुआत की। इस समारोह की अध्यक्षता पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री पी लक्ष्मी ने की।
इसके साथ ही डीबीटीएल योजना देश के 18 जिलों में लागू हो गई है। इन जिलों में रसोई गैस के सिलेंडर पर मिलने वाली सब्सिडी उपभोक्ता के आधार से जुड़े बैंक खाते में भेजी जाएगी। इन जिलों में रसोई गैस के 67 लाख से अधिक उपभोक्ताओं को लाभ होगा। सिलेंडर बुक कराते ही उसकी सब्सिडी आधार संख्या से जुड़े रसोई गैस के सभी उपभोक्ताओं के खाते में पहुंच जाएगी। ऐसे उपभोक्ताओं को सब्सिडी पर पहला सिलेंडर मिलते ही अगले सिलेंडर की सब्सिडी उनके बैंक खाते में भेज दी जाएगी, जो सब्सिडी वाला अगला सिलेंडर बाजार भाव पर खरीदने के लिए उपलब्ध होगी।
जिन उपभोक्ताओं ने रसोई गैस उपभोक्ता संख्या को अपनी आधार संख्या और बैंक खाते से नहीं जोड़ा है, उन्हें ऐसा करने के लिए तीन महीने का समय दिया जाएगा। इस अवधि के दौरान उन्हें पहले की तरह सब्सिडी पर रसोई गैस के 9 सिलेंडर मिलते रहेंगे। पहली सितंबर 2013 को छूट की अवधि समाप्त होते ही रसोई गैस के सभी उपभोक्ताओं को सिलेंडर बाजार भाव पर बेचे जाएंगे। हालांकि सब्सिडी सिर्फ उन्हीं के बैंक खातों में भेजी जाएगी, जो आधार संख्या और बैंक खाते से रसोई गैस उपभोक्ता संख्या को जोड़ चुके हैं। बाकी उपभोक्ताओं को कोई सब्सिडी नहीं मिलेगी।
डीबीटीएल योजना से यह सुनिश्चित होगा कि सब्सिडी का लाभ बिना किसी हेराफेरी के लाभार्थी को मिले। रसोई गैस सब्सिडी बैंक खातों में सीधे हासिल करने के लिए रसोई गैस के सभी उपभोक्ताओं को तुरंत ये कार्य करने की सलाह दी गई है-आधार संख्या हासिल करें, यदि अब तक आधार के लिए नाम दर्ज नहीं कराया है। आधार संख्या से जुड़ा बैंक खाता खोलें यदि अब तक ऐसा नहीं किया है अथवा यदि उनका बैंक खाता है तो उसे आधार संख्या से जोड़ना चाहिए। उन्हें रसोई गैस वितरक के पास उपलब्ध फार्म भी भरना चाहिए तथा उसे रसोई गैस वितरक अथवा चुने गए पेट्रोल पंपों पर जमा कराना चाहिए। रसोई गैस वितरक के यहां जाकर आधार संख्या को रसोई गैस उपभोक्ता संख्या से जोड़ें। ये तीन चरण पूरे करने के बाद रसोई गैस उपभोक्ता इस वेबसाइट petroleum.nic.in पर यह जांच सकते हैं कि उनकी आधार संख्या रसोई गैस उपभोक्ता संख्या और बैंक खाते से जुड़ गई है या नहीं।
रसोई गैस उपभोक्ता अपने विवरण की जांच इन वेबसाइट पर भी कर सकते हैं-एचपी गैस- dcmstransparency.hpcl.co.in भारत गैस ebharatgas.com इंडेन गैस spandan.indianoil.co.in शिकायत या सुझाव के लिए टोल फ्री नंबर 18002333555 पर काल भी की जा सकती है अथवा वेबसाइट indane.co.in, ebharatgas.com और hpgas.com. पर संपर्क किया जा सकता है।