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भारत में हैं कई गेम चेंजर स्टार्टअप-उपराष्‍ट्रपति

उपराष्‍ट्रपति ने की उन्‍नतिशील स्टार्टअप इकोसिस्टम की सराहना

'व्यापार और उद्योग निकाय उद्यमी संस्कृति का लाभ उठाएं'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 30 September 2022 06:09:43 PM

vice president appreciates the thriving startup ecosystem

नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने उन्‍नतिशील भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम की सराहना करते हुए कहा हैकि 75,000 से अधिक की संख्या केसाथ भारतीय व्यापार परिदृश्य में अब कई गेम चेंजर स्टार्टअप हैं। उपराष्ट्रपति ने जीवंत सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम के माध्यम से देशके भीतरी इलाकों में जड़ें जमा रही उद्यमी संस्कृति का पूरी तरह से लाभ उठाने का व्यापार और उद्योग निकायों से आह्वान किया है। उन्होंने इन नए उद्यमियों को सहारा देने और उन्हें अपनी क्षमता को विकसित करने में सहायता देने को भी कहा है। उपराष्ट्रपति पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के 117वें वार्षिक सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहाकि भारत अपनी अर्थव्यवस्था में एक युगांतरकारी परिवर्तन का साक्षी बन रहा है।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पर्याप्त कौशल उन्नयन से भारत के जनसांख्यिकीय लाभांश का पूरी तरह से उपयोग करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहाकि जब हम सभीकी पूरी क्षमता और प्रतिभा को सामने लाने में मदद करते हैं तो यह सामाजिक हितों की सबसे बेहतर सेवा होती है। सत्र के विषय 'इंडिया@75: सेलिब्रेटिंग इंडियाज परसूट फॉर सेल्फ रिलायंस' का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहाकि आत्मनिर्भर भारत एक तरहसे हमारे स्वतंत्रता संग्राम केदौरान एक सदी पहले स्वदेशी आंदोलन का प्रतिबिंब है। उन्होंने कहाकि आत्मनिर्भरता केलिए भारत की खोज आत्मकेंद्रित होने की नहीं है, अपितु यह विश्व समावेशी है और कोविड महामारी के दौरान 100 से अधिक देशोंको चिकित्सा आपूर्ति इसका मात्र एक उदाहरण है। उपराष्ट्रपति ने कहाकि यह सरकार केसाथ-साथ उद्योगों का भी दायित्व हैकि वह मानव संसाधनों विशेष रूपसे युवा जनसांख्यिकी का इष्टतम उपयोग सुनिश्चित करें।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहाकि 'न्यू इंडिया' का मंत्र सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास केवल सरकार तकही सीमित नहीं है, बल्कि इसके लिए व्यापक प्रयासों का आह्वान किया गया है। हाल हीमें विश्‍वकी पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहाकि भारत इस दशक के अंततक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। उपराष्ट्रपति ने कहाकि यह भारतीय उद्योग, हमारे मेहनती किसानों, हमारे श्रमजीवी श्रमिकों, कारीगरों और हमारे प्रर्वतक वैज्ञानिक केलिए गौरव का विषय है। इस अवसर पर पीएचडीसीसीआई के अध्‍यक्ष प्रदीप मुल्तानी, पीएचडीसीसीआई के वरिष्‍ठ उपाध्‍यक्ष साकेत डालमिया, पीएचडीसीसीआई के उपाध्यक्ष संजीव अग्रवाल, पीएचडीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष संजय अग्रवाल, विभिन्न उद्योगों के प्रतिनिधि और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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