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Saturday 1 October 2022 01:16:13 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में अभिनेत्री आशा पारेख को भारतीय सिनेमा की दुनिया में उनके विशेष योगदान केलिए दादासाहेब फाल्के सम्मान प्रदान किया। राष्ट्रपति ने आशा पारेख को बधाई दी और कहाकि उनका यह सम्मान अदम्य महिला शक्ति का भी सम्मान है। उन्होंने कहाकि आशा पारेख ने दर्शकों का असीम प्रेम अर्जित किया है। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर यहभी कहाकि सिनेमा राष्ट्रनिर्माण का भी एक प्रभावी उपकरण है, सभी कला रूपोंमें फिल्मों का प्रभाव सबसे व्यापक होता है और फिल्में न केवल एक उद्योग हैं, बल्कि हमारी मूल्य प्रणाली की कलात्मक अभिव्यक्ति का माध्यम हैं। उन्होंने कहाकि भारतीय फिल्मों का पूरी दुनियामें स्वागत किया जा रहा है, इस सॉफ्टपॉवर का अधिक प्रभावी उपयोग करने केलिए हमें अपनी फिल्मों की गुणवत्ता को बढ़ाना होगा। उन्होंने कहाकि एक क्षेत्रमें बनी फिल्में दूसरे क्षेत्रों मेभी अधिक से अधिक लोकप्रिय हो रही हैं, इसतरह सिनेमा सभी लोगों को एक सांस्कृतिक सूत्रमें बांध रहा है, समाज केलिए फिल्मी समुदाय का यह बहुत बड़ा योगदान है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि वे यह मानती हैंकि भारतीय आदर्शों और चरित्रों पर आधारित अच्छी फिल्में व्यवसाय की दृष्टि सेभी सफल होती हैं। उन्होंने कहाकि यह तथ्य उल्लेखनीय हैकि दादासाहेब फाल्के की बनाई गई पहली भारतीय फीचर फिल्म राजा हरिश्चंद्र में सत्यनिष्ठा, त्याग और बलिदान के जीवनमूल्यों का भारतीय संदर्भ में चित्रण किया गया है। राष्ट्रपति ने कहाकि फिल्म एक इंडस्ट्री तो है ही, यह हमारी संस्कृति एवं जीवनमूल्यों की कलात्मक अभिव्यक्ति का माध्यम भी है, फिल्म निर्माण केसाथ फिल्म इंडस्ट्री की बेहतर समाज और राष्ट्रनिर्माण में प्रमुख भूमिका है और यह खुशी की बात हैकि फिल्म इंडस्ट्री के बहुत से लोग यह भूमिका बखूबी निभा रहे हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है तो भारतीय दर्शकों में स्वतंत्रता सेनानियों, ज्ञात और गुमनाम नायकों की जीवन से जुड़ी कहानियों से संबंधित फीचर और गैर-फीचर फिल्मों का स्वागत किया जाएगा, दर्शक ऐसी फिल्मों की इच्छा रखते हैं, जो समाजमें एकता को बढ़ावा दें, राष्ट्रके विकास को गति प्रदान करें और पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों कोभी मजबूत करें।
राष्ट्रपति ने विदेशों में भारतीय संगीत को मिली मान्यता पर कहाकि यह भारत की सॉफ्टपावर को वैश्विकस्तर पर फैलाने का एक बड़ा माध्यम रहा है। उन्होंने जिक्र कियाकि इस साल जुलाई में शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक उज्बेकिस्तान में हुई थी, जिसके समापन समारोह में एक विदेशी बैंड ने 1960 के दशककी एक हिंदी फिल्म का लोकप्रिय गीत बजाया था। राष्ट्रपति ने कहाकि फिल्म निर्माण टीमवर्क और कठिन परिश्रम के बल परही संभव हो पाता है, इसलिए पुरस्कृत फिल्मों की टीम के सभी सदस्यों को बधाई! उन्होंने कहाकि उन्हें बताया गया हैकि स्वाधीनता के 75 वर्ष पूरे होने पर पिछले वर्ष नवंबर में हुए भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में विशेष आयोजन किए गए, अगली पीढ़ी के सिनेमा के प्रतिनिधि के रूपमें 75 युवा प्रतिभाओं को अनेक गतिविधियों से जुड़ने का अवसर देकर प्रोत्साहित किया गया, इंडिया@75 के बैनर तले सन् 1948 से 2019 तककी देशकी 18 चुनी हुईं फिल्मों का प्रदर्शन भी किया गया। उन्होंने कहाकि ऐसे प्रयासों से भारतीय फिल्मों की अबतक की विकासयात्रा का परिचय प्राप्त होता है, साथही भारतीय सिनेमा की विश्वस्तरीय प्रतिष्ठा का मार्ग भी प्रशस्त होता है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह सहित ऐसे सभी प्रयासों केलिए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर और उनकी टीम एवं फिल्म उद्योग से जुड़े सभी लोगों की प्रशंसा की। उन्होंने यह जानकर प्रसन्नता व्यक्त कीकि पुरस्कृत फिल्मों में प्रकृति और पर्यावरण, सांस्कृतिक परंपराओं, सामाजिक मुद्दों, पारिवारिक जीवन मूल्यों तथा हमारे राष्ट्रीय जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डाला गया है। राष्ट्रपति ने कहाकि सभागार में उपस्थित फिल्म समुदाय के लोग भारतकी इंद्रधनुषी विविधता में एकता के संवाहक हैं, हरियाणवी, डिमासा और तुलु जैसी भाषाओं की फिल्मों को पुरस्कृत किया गया है, यह सांस्कृतिक संवेदनशीलता का उदाहरण है। उन्होंने कहाकि फिल्मों का सबसे अधिक प्रभाव युवाओं और बच्चों पर पड़ता है, इसलिए फिल्म उद्योग से जुड़े सभी लोगों से समाज की यह अपेक्षा हैकि भारत की भावी पीढ़ी का निर्माण करने में इस माध्यम का सदुपयोग हो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दादासाहेब फाल्के सम्मान से सम्मानित होने पर आशा पारेख को बधाई दी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के एक ट्वीट के जवाबमें ट्वीट कियाकि आशा पारेख एक उत्कृष्ट फिल्म कलाकार हैं, अपने लंबे करियर में उन्होंने दिखाया हैकि बहुमुखी प्रतिभा क्या है, मैं उन्हें दादासाहेब फाल्के अवार्ड से सम्मानित होने पर बधाई देता हूं।
केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी समारोह को संबोधित किया और पांच साल में दूसरीबार मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट अवार्ड जीतने केलिए मध्य प्रदेश की राज्य सरकार की सराहना की। उन्होंने सम्मानितों को 75 क्रिएटिव माइंड्स ऑफ टुमारो के माध्यम से चुने जा रहे मूवी मैजिक के भविष्य के रचनाकारों का मार्गदर्शन करने केलिए आमंत्रित करते हुए कहाकि युवाओं को प्रेरित करने और सलाह देने की इस अनूठी पहल से उनका समर्थन मिलने से पुरस्कार विजेताओं की अगली पीढ़ी तैयार होगी। उन्होंने कहाकि भारत भाषायी विविधता का देश है और इसका राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों से बेहतर प्रदर्शन किसी दूसरे रूपमें नहीं हो सकता है। अनुराग ठाकुर ने कहाकि एकबार फिर पुरस्कारों ने देशकी क्षेत्रीय ताकत को सामने ला दिया है और हमें याद दिलाया हैकि भारतीय सिनेमा किस तरह मेधा और प्रतिभा केसाथ खिलकर निखर रहा है। उन्होंने कहाकि कार्बी भाषा में कचिचिनिथु, डांगी में एना की गवाही और दीमासा में सेमखोर जैसी फिल्में हमारी भाषायी संपदा का असाधारण प्रदर्शन हैं। उन्होंने 4 बाल कलाकारों को सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार का पुरस्कार मिलने पर अपार प्रसन्नता व्यक्त की और एक दिव्यांग बालक एवं पुरस्कार विजेताओं में शामिल दिव्येश इंदुलकर केबारे में विशेष रूपसे चर्चा की।
सूचना प्रसारण मंत्री ने कहाकि सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका पुरस्कार से सम्मानित नानजियाम्मा एक लोक गायिका हैं और वह केरल के एक छोटे आदिवासी समुदाय से हैं, जिसकी कोई पेशेवर फिल्म की पृष्ठभूमि से नहीं है। उन्होंने कहाकि यह हमारे कहानी कहने की शक्ति के साथ-साथ हमारी प्रतिभा को दर्शाता है। एना की गवाही को सर्वश्रेष्ठ गैर-फीचर फिल्म का पुरस्कार दिया गया, जबकि सोरारई पोट्रु को सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म से सम्मानित किया गया। राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में अभिनेता सूर्या और अजय देवगन को संयुक्त रूपसे सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार दिया गया, जबकि अपर्णा बालमुरली को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार दिया गया। सच्चिदानंदन केआर को मलयालम फिल्म एके अय्यप्पनम कोशियुम केलिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार दिया गया और तन्हाजी: द अनसंग वॉरियर को संपूर्ण मनोरंजन प्रदान करने वाली सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म का पुरस्कार प्राप्त हुआ। राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में सर्वाधिक फिल्म अनुकूल राज्य की श्रेणी में उत्तर प्रदेश को पहला पुरस्कार प्रदान किया गया। फिल्म पुरस्कार समारोह में विभिन्न श्रेणियों केतहत वर्ष 2020 केलिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्रदान किए गए। समारोह में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री डॉ एल मुरुगन, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव अपूर्व चंद्रा, जूरी के अध्यक्ष और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।