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Friday 7 October 2022 01:59:49 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने भारत के चार्टर्ड अकाउंटेंट से भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंसी फर्मों को वैश्विक स्तरकी कंपनियों के स्तरपर लेजाने की अपील की है। उन्होंने चार्टर्ड अकाउंटेंट को दुनिया के सबसे महान व्यवसायों मेसे एक करार दिया और कहाकि किसी दस्तावेज पर सीए का हस्ताक्षर दस्तावेज के कंटेंट और इसकी सत्यता, सत्यनिष्ठता तथा सच्चाई का एक बहुत शक्तिशाली प्रमाण होता है। वह नई दिल्ली में भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट संस्थान यानी आईसीएआई के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। पीयूष गोयल ने दुनियाभर में 168 शाखाओं, विभिन्न शहरों में 77 केंद्रों केसाथ 47 देशोंमें उपस्थिति केसाथ आईसीएआई के वैश्विक फुटप्रिंट पर संतोष जताया। आईसीएआई को विश्वभर में 100 केंद्र स्थापित करने पर बधाई देते हुए पीयूष गोयल ने आईसीएआई से दक्षिण अमेरिका महाद्वीप मेभी अपनी उपस्थिति विस्तारित करने की अपील की।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने कहाकि सीए को हमेशाही समावेशी विकास को बढ़ावा देने केलिए प्रतिबद्ध होना चाहिए और यहभी सुनिश्चित करना चाहिएकि कोईभी पीछे न छूट जाए, जिससे कि हम एक विकसित देश बनने की ओर प्रगति कर सकें। उन्होंने कहाकि हमें समाज के हरवर्ग व्यवस्था क्रम के सबसे निचले हिस्से एवं समाज के सीमांत वर्गों को साथ लेकर चलना चाहिए। पीयूष गोयल ने कहाकि देशमें सबसे कम विशेषाधिकार प्राप्त लोगों कोभी बेहतर और गुणवत्तापूर्ण जीवन जीने का अधिकार है और सीए को अनिवार्य रूपसे इन अधिकारों को सुरक्षित करने केलिए काम करना चाहिए। पीयूष गोयल ने टिप्पणी कीकि भारत को अब विश्वके प्रतिभा कारखाने के रूपमें देखा जा रहा है और सीए राष्ट्र की निर्मित सबसे सक्षम प्रतिभाओं मेसे एक हैं। उन्होंने विश्वास जतायाकि भारत के सीए न केवल अपने देशवासियों, बल्कि दुनिया की उम्मीदों पर भी खरे उतरेंगे। पीयूष गोयल ने सीए से लेखांकन, लेखा परीक्षा, प्रबंधन परामर्श केसाथ-साथ उद्यमिता की खोज करने की अपील की। उन्होंने भारत के चार्टर्ड अकाउंटेंसी निकायों में अधिक से अधिक महिलाशक्ति के जुड़ने, उनके सीए बनने और आईसीएआई की परिषद में शामिल होने से यह और भी मजबूत एवं अधिक समावेशी बनेंगे।
पीयूष गोयल ने कहाकि अगले 25 वर्ष भारत की स्वतंत्रता की 100वीं वर्षगांठ तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अभिव्यक्त पंचप्रण चार्टर्ड अकाउंटेंट केलिए भी महत्वपूर्ण हैं। विकसित भारत बनाने के पहले प्रण की चर्चा करते हुए उन्होंने चार्टर्ड अकाउंटेंट से ग्रामीण और शहरी भारत, विकासशील देश और विकसित भारत, समृद्ध और निर्धन भारत, निवेशकों और उद्यमियों केबीच की खाई को पाटने एवं इस प्रकार 2047 तक भारत को सशक्त राष्ट्र बनाने केलिए काम करने को कहा। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमारे दैनिक जीवन से औपनिवेशिक मानसिकता को दूर करने की आवश्यकता पर जोर दिया है और ऐसे कई क्षेत्र हैं, जहां हमें उपनिवेशवाद की विरासत को त्याग देना चाहिए और अपने दृष्टिकोण को समकालीन बनाने केलिए विकसित होना चाहिए। पीयूष गोयल ने युवाओं से भारत के समृद्ध इतिहास, परंपरा, विरासत, संस्कृति, वसुधैव कुटुम्बकम जैसे विरासत के आदर्शों तथा प्रकृति एवं निर्वहनीयता केप्रति गहरी प्रतिबद्धता पर गर्व करने केलिए कहा। उन्होंने कहाकि भारत एक ऐसा राष्ट्र है, जो आंतरिक रूपसे निर्वहनीयता में विश्वास रखता है।
वाणिज्य मंत्री ने बतायाकि प्राचीनकाल सेही भारतीय सभ्यता ने प्रकृति के मूल्य को पहचानने तथा अपने पीछे एक ऐसा ग्रह छोड़कर जानेकी आवश्यकता पर जोर दिया है, जो हमें विरासत में प्राप्त ग्रह से बेहतर हो। उन्होंने रेखांकित कियाकि भारत ने हमेशा अंतर-पीढ़ीगत समानता को मान्यता दी है। पीयूष गोयल ने इस मौके पर पेशेवर व्यक्तियों से एकजुट रहने तथा संगठनों से एकता की भावना को प्रतिबिंबित करने को भी कहा। उन्होंने कहाकि भारत प्रचुर विविधता केबीच महान एकता वाला एक गौरवांवित देश है। उन्होंने कहाकि चार्टर्ड अकाउंटेंट की शपथ उत्कृष्टता, नैतिकता, ईमानदारी, स्वतंत्रता, गोपनीयता तथा अखंडता की बात करती है, यह ईमानदारी से काम करने, भ्रष्टाचार मुक्त भारत और कॉरपोरेट शासन केप्रति प्रतिबद्धता व्यक्त करती है तथा राष्ट्र के संसाधनों के कुशल एवं प्रभावी उपयोग की आकांक्षा जताती है। उन्होंने शपथ में विनम्रता, सम्मान और समाज की आवश्यकताओं केप्रति जवाबदेही के मूल्यों पर जोर देने की प्रशंसा की।