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Friday 7 October 2022 04:47:57 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान (स्वतंत्र प्रभार) राज्यमंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा तथा अंतरिक्ष विभाग में राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह केसाथ आज उनके दिल्ली आवास पर तत्कालीन जम्मू-कश्मीर कैडर के आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अधिकारियों ने लंच मीटिंग की। ये अधिकारी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में तैनात हैं। डॉ जितेंद्र सिंह ने इस अवसर पर कहाकि जम्मू-कश्मीर में विकास और शांति के नई सवेरे हो रहे हैं। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जम्मू-कश्मीर को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं, इसलिए अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों की यह अतिरिक्त जिम्मेदारी हैकि वे इसे देशके सर्वश्रेष्ठ शासित राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों मेसे शामिल करने का प्रयास करें। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त कीकि जनवरी-2022 से अबतक 1.62 करोड़ पर्यटकों ने जम्मू-कश्मीर का दौरा किया है, जो स्वतंत्रता के 75 वर्ष में सबसे अधिक हैं।
कार्मिक राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि तीन दशक केबाद कश्मीर घाटी लाखों पर्यटकों को आकर्षित कर रही है, जो न केवल कश्मीर में पर्यटन के स्वर्णयुग की वापसी की करती है, बल्कि केंद्रशासित प्रदेश में समग्र शांति, विकास और तेजीसे होरहे परिवर्तन कोभी रेखांकित करती है। उन्होंने कहाकि श्रीनगर से शारजाह केलिए सीधी उड़ानें शुरू करके अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों केलिए कश्मीरियों की 70 साल पुरानी मांग को भी पूरा किया गया है। डॉ जितेंद्र सिंह ने यहभी रेखांकित कियाकि नई फिल्म नीति बहुत धूमधाम से शुरू की गई है, जो फिल्म निर्माताओं को दशकों बाद यहां शूटिंग केलिए आकर्षित कर रही है और नीति की अधिसूचना के एक साल के भीतर फिल्मों और वेब-सीरीज केलिए 140 शूटिंग अनुमतियां जारी की गई हैं। उन्होंने कहाकि जम्मू-कश्मीर की युवा प्रतिभाओं को ध्यान में रखते हुए अत्याधुनिक सुविधाओं केसाथ एक फिल्म स्टूडियो स्थापित करने का प्रस्ताव है। डॉ जितेंद्र सिंह ने तत्कालीन जम्मू-कश्मीर कैडर के आईएएस, आईपीएस, आईएफओएस अधिकारियों को सूचित कियाकि आईएएस और अन्य अखिल भारतीय सेवा के अफसरों केसाथ केंद्रीय सेवाओं के अफसरों को प्रोत्साहित करने केलिए डीओपीटी के प्रतिनियुक्ति नियमों में ढील दी गई है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने बतायाकि इस छूट के कारण जम्मू-कश्मीर में विभिन्न सेवाओं और विभिन्न संवर्गों के 22 अधिकारियों को विभिन्न स्तरों पर तैनात किया गया है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि डीओपीटी ने जम्मू-कश्मीर प्रशासनिक सेवा अधिकारियों को आईएएस में शामिल करने की सुविधा में जम्मू-कश्मीर, गृह मंत्रालय और यूपीएससी के केंद्रशासित प्रदेश केसाथ समन्वय करके एक प्रमुख भूमिका निभाई है, नतीजतन हालही में जेकेएएस के 16 अधिकारियों को आईएएस में शामिल किया गया है और इस तरह की 8 अन्य रिक्तियों को जल्दही भर दिया जाएगा, जिससे जेकेएएस अधिकारियों को 12 साल के लंबे अंतराल केबाद प्रतिष्ठित आईएएस सेवा का हिस्सा बनने का अवसर मिलेगा। राज्यमंत्री ने कहाकि विभिन्न वरिष्ठता के जेकेएएस अधिकारियों का मध्य-कैरियर प्रशिक्षण एलबीएसएनएए के सहयोग से किया गया था और इसने जेकेएएस अधिकारियों और 200 से अधिक कार्यालयों को एक नया स्तर प्रदान किया है।
सचिव (समन्वय) कैबिनेट सचिवालय प्रदीप कुमार त्रिपाठी, महानिदेशक राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद (एनपीसी) उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग संदीप कुमार नायक, विकास आयुक्त हस्तशिल्प शांतमनु, संयुक्त सचिव डीओपीटी मनोज कुमार द्विवेदी, डॉ मंदीप कुमार भंडारी, नीरज कुमार एआरसी, जेके हाउस, सीबीआई, एनआईए, बीएसएफ, आईटीबीपी, सीआरपीएफ, एसएसबी जैसे महत्वपूर्ण संगठनों में तैनात आईपीएस अधिकारी, संयुक्त सचिव एसएम सहाय, डीजी बीएसएफ अकादमी लालतेंदु मोहंती, संयुक्त सचिव पंकज सक्सेना, आईजी आईटीबीपी अब्दुल गनी मीर, एडीजीपी सीआरपीएफ राजेश कुमार, आईजी एसएसबी टी नामग्याल कलों, डीआईजी एनआईए विप्लव कुमार चौधरी, डीआईजी एनआईए विधिकुमार बर्डी और अमित कुमार, डीआईजी सीबीआई केशवराम चौरसिया, एसपी एनआईए तेजिंदर सिंह, शैलेंद्र कुमार मिश्रा और राजीव ओमप्रकाश पांडे, नीतीश कुमार एसपी पाणि, अतुल कुमार गोयल, राहुल मलिक, अंबरकर श्रीराम दिनकर, उत्तम चंद, भारतीय वन अधिकारियों में बिस्वजीत कुमार सिंह, डॉ राजीवकुमार तिवारी, रूपअवतार कौर, प्रीतपाल सिंह, नवीनकुमार शाह, प्रवीण कुमार राघव, मोहम्मद साजिद सुल्तान ने राज्यमंत्री केसाथ लंच मीटिंग और विचार-विमर्श में भाग लिया।