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Thursday 13 October 2022 01:41:33 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने नई दिल्ली में तीन दिवसीय 'विश्व डोपिंग रोधी संस्था-वाडा एथलीट बायोलॉजिकल पासपोर्ट संगोष्ठी-2022' के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा हैकि देशके इतिहास में पहलीबार एबीपी संगोष्ठी का आयोजन करना हमारे लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि हम अपनी आजादी के 75वें वर्ष को आजादी के अमृत महोत्सव के रूपमें मना रहे हैं। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेतृत्व में भारत वैश्विक खेल परिदृश्य में लगातार नई ऊंचाइयां प्राप्त कर रहा है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डालाकि एथलीट बायोलॉजिकल पासपोर्ट डोपिंग रोधी प्रक्रिया में एक बहुतही महत्वपूर्ण वैज्ञानिक उपकरण है और इससे संबंधित शोध दुनिया को न केवल खेल में डोपिंग का पता लगाने, बल्कि उसे रोकने का अवसर प्रदान करता है। उन्होंने आशा व्यक्त कीकि यह संगोष्ठी न केवल एबीपी के विकास और मजबूती, बल्कि डोपिंग के खिलाफ हमारी सामूहिक लड़ाई में भी एक बड़ी और प्रमुख उपलब्धि सिद्ध होगी।
खेल मंत्री ने सभी प्रतिभागियों से जानकारी, उपकरण, अनुसंधान और विशेषज्ञता से सुसज्जित करने केलिए इस अवसर का उपयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने कहाकि यह हमें अपने एथलीटों और पूरे खेल इकोसिस्टम को डोपिंग के खतरे से बचाने केलिए सशक्त बनाएगा। अनुराग ठाकुर ने कहाकि यह संगोष्ठी हमें भारत में डोपिंग रोधी कार्यक्रम को मजबूत करने में सक्षम बनाएगी। उन्होंने बतायाकि भारत सरकार ने हाल हीमें राष्ट्रीय डोपिंग रोधी अधिनियम-2022 नामक डोपिंग रोधी अधिनियम बनाया है, इससे पता चलता हैकि वैश्विक डोपिंग रोधी अभियान केलिए भारत की अडिग प्रतिबद्धता के प्रतीक के रूपमें हमारा दीर्घकालिक लक्ष्य रहा है। उन्होंने कहाकि यह अधिनियम देशमें सभी स्तरों पर स्वच्छ खेल केलिए भारत सरकार के दृढ़ संकल्प की अभिव्यक्ति है। उन्होंने कहाकि एक वर्ष में हमने वाडा में अपना योगदान बढ़ाया है और हमारा देश इस दिशामें एशिया में सर्वाधिक योगदान देने वालों में चौथे नंबर पर है। उन्होंने कहाकि हम यूनेस्को के स्वैच्छिक कोष मेभी एक प्रमुख योगदानकर्ता हैं।
अनुराग ठाकुर ने कहाकि यह सुनिश्चित करने केलिए कि प्रतिबंधित पदार्थों केसाथ पोषक तत्वों की खुराक के सेवन के कारण हमारे एथलीटों को अनजाने में डोपिंग का शिकार बनने से बचाने केलिए नाडा, राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय और भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण के साथ सहयोग कर रहा है। खेल मंत्री ने बतायाकि दिव्यांग एथलीटों केलिए समावेशी संपर्क सामग्री विकसित की गई है, सीखने केलिए सार्वभौमिक डिजाइन के सिद्धांतों पर सांकेतिक भाषा में डोपिंग रोधी शिक्षा मॉड्यूल न केवल भारत, बल्कि दुनियामें कहीं भी दिव्यांग एथलीटों केलिए उपयोगी है और नाडा इंडिया इन संसाधनों को एशिया के अन्य देशों की डोपिंग रोधी संस्थाओं केसाथ साझा कर रहा है। उन्होंने कहाकि संगोष्ठी में चर्चा के मुख्य विषय एबीपी केसाथ हालिया रुझान, सफलताएं और चुनौतियां, मादक पदार्थों के मॉड्यूल को प्रभावित करनेवाले कन्फ्यूजिंग फैक्टर का प्रबंधन, एबीपी केलिए रणनीतिक परीक्षण विकसित करना आदि होंगे और वाडा को खेलों में डोपिंग के इस्तेमाल के बारेमें पता लगाने और उसके उन्मूलन की दिशामें एपीएमयू के माध्यम से काम करने में मदद मिलेगी।
गौरतलब हैकि पहली वाडा एबीपी संगोष्ठी नवंबर 2015 में दोहा कतर में डोपिंग रोधी प्रयोगशाला कतर ने आयोजित की थी। दूसरी वाडा एबीपी संगोष्ठी का आयोजन इटालियन फेडरेशन ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन ने 2018 में रोम इटली में किया था। यह तीसरी वाडा एबीपी संगोष्ठी है और पहलीबार भारतमें इसका आयोजन किया जा रहा है। संगोष्ठी में 56 देशोंके दोसौ से अधिक प्रतिभागी, वाडा के अधिकारी, विभिन्न राष्ट्रीय डोपिंग रोधी संगठनों, एथलीट पासपोर्ट प्रबंधन इकाइयों और वाडा से मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं के प्रतिनिधि और विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं। संगोष्ठी का आयोजन राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी और राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला में किया जा रहा है। केंद्रीय खेल सचिव सुजाता चतुर्वेदी, राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी की महानिदेशक रितु सेन, (एथलीट बायोलॉजिकल पासपोर्ट) विश्व डोपिंग रोधी संस्था के एसोसिएट निदेशक डॉ रीड ऐकिन, विश्व डोपिंग रोधी संस्था के एशिया/ ओशिनिया कार्यालय के निदेशक काजुगिरो हयाशी और विश्व डोपिंग रोधी संस्था के वरिष्ठ प्रबंधक डॉ नॉर्बर्ट बॉम भी इस अवसर पर उपस्थित थे।