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हिंदी में शुरू किए गए चिकित्सा पाठ्यक्रम

भारत के चिकित्सा क्षेत्र के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण-गृहमंत्री

'विद्यार्थियों को भाषाई हीनभावना से बाहर आना चाहिए'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 17 October 2022 11:59:12 AM

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भोपाल। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हिंदी में एमबीबीएस यानी आयुर्विज्ञान तथा शल्य-विज्ञान स्नातक के पाठ्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कहा हैकि यह दिन आज़ादी के अमृत महोत्सव के वर्षमें भारत के चिकित्सा क्षेत्र केलिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिसे आनेवाले समय में स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा। उन्होंने कहाकि यह दिन देशके शिक्षा क्षेत्रके पुनर्जागरण और पुनर्निर्माण का दिन है। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई शिक्षा नीति में प्राथमिक, टेक्निकल और मेडिकल शिक्षा में बच्चे की मातृभाषा को महत्व देकर एक बहुत बड़ा ऐतिहासिक निर्णय लिया है, उन्होंने हिंदी, तमिल, तेलुगू, मलयालम, गुजराती, बंगाली आदि सभी क्षेत्रीय भाषाओं में मेडिकल और इंजीनियरिंग की शिक्षा उपलब्ध कराने का आह्वान किया था और मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने सबसे पहले मोदीजी की इस इच्छा की पूर्ति की है। अमित शाह ने कहाकि मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में शुरू हो रही है और जल्दीही इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी हिंदी में शुरू होगी।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि देशभर में 8 भाषाओं में इंजीनियरिंग की पुस्तकों का अनुवाद शुरू हो चुका है और कुछही समय में देशके सभी विद्यार्थी अपनी मातृभाषा में टेक्निकल और मेडिकल शिक्षा लेनेकी शुरूआत करेंगे। उन्होंने कहाकि बच्चों को अपनी मातृभाषा में टेक्निकल और मेडिकल शिक्षा तो मिलेगी ही इसके साथही वे आगे अनुसंधान भी अपनी भाषा में कर सकेंगे। गृहमंत्री ने विद्यार्थियों से कहाकि किसीभी इंसान की सोचने की प्रक्रिया अपनी मातृभाषा मेही सबसे अच्छी होती है और मातृभाषा में कीगई बात दिलके अंदर तक पहुंचती है। उन्होंने कहाकि सोचने, संशोधन, अनुसंधान, तर्क, विश्लेषण और निर्णय पर पहुंचने की प्रक्रिया हमारा मन हमारी मातृभाषा मेही करता है। उन्होंने कहाकि अगर पढ़ाई-लिखाई और अनुसंधान मातृभाषा में होतो भारत के विद्यार्थी दुनिया के किसीभी देशके विद्यार्थियों से कम नहीं हैं और वे विश्वभर में अनुसंधान के क्षेत्रमें भी भारत का नाम रौशन करेंगे। अमित शाह ने कहाकि 21वीं सदीमें कुछ ताकतों ने ब्रेन ड्रेन की थ्योरी अपनाई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रेन ड्रेन की थ्योरी को ब्रेन गेन थ्योरी में बदल रहे हैं। उन्होंने कहाकि नई शिक्षा नीति के माध्यम से हमारी भाषाओं को महत्व देने की शुरूआत हुई है, जेईई, नीट और यूजीसी परीक्षाओं को देश की 12 भाषाओं में आयोजित करने की हमने शुरुआत करदी है।
अमित शाह ने कहाकि इसी तरह कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट देशकी 13 भाषाओं में आयोजित किया जा रहा है और 10 राज्यों ने इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम का तमिल, तेलुगू, मराठी, बंगाली, मलयालम और गुजराती में अनुवाद करके इसकी शिक्षा शुरू की है। गृहमंत्री ने कहाकि अपनी भाषाओं में पढ़ाई से निश्चित रूपसे विद्यार्थियों की क्षमता बढ़ेगी। उन्होंने देशभर के विद्यार्थियों से कहाकि आप भाषाई हीनभावना से बाहर आएं, क्योंकि आज देशमें नरेंद्र मोदी सरकार है और आप अपनी भाषा में अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन कर सकते हैं। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री ने वैश्विक मंचों पर अपना भाषण अपनी राजभाषा हिंदी में देकर पूरी दुनिया को एक संदेश दिया है, मोदीजी वैश्विक मंच पर हिंदी में बोलते हैं तो देशभर के युवाओं के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। अमित शाह ने कहाकि सरकार ने टेक्निकल और मेडिकल एजुकेशन के क्षेत्रमें कई परिवर्तन किए हैं। अमित शाह ने कहाकि 2014 में मेडिकल कॉलेज 387 थे, जो बढ़कर 596 हो गए हैं, एमएमबीएस सीटों की संख्या को 51 हज़ार से बढ़ाकर 79 हज़ार कर दिया गया है, आईआईटी 16 थे जो अब 23 हैं, आईआईएम 13 थे जो अब 20 हैं और आईआईआईटी 9 थे, जो अब बढ़कर 25 हो गए हैं, वर्ष 2014 में देशमें कुल विश्वविद्यालय 723 थे, जिन्हें बढ़ाकर 1043 कर दिया गया है।
गृहमंत्री ने कहाकि देशमें नई शिक्षा नीति के माध्यम से हमारी भाषाओं के गौरव को प्रस्थापित करने और हमारी भाषाओं में ही टेक्निकल, मेडिकल और कानून की पढ़ाई की व्यवस्था करने से देशमें क्रांति आने वाली है। अमित शाह ने कहाकि अंग्रेजी का प्रचार-प्रसार करनेवाले लोगों ने भाषा को बौद्धिक क्षमता केसाथ जोड़ दिया, लेकिन भाषा और बौद्धिक क्षमता का आपस में कोई संबंध नहीं है, भाषा केवल अभिव्यक्ति का माध्यम है, जबकि बौद्धिक क्षमता बच्चे को ईश्वर ने दी है, जिसे शिक्षा से निखारा जा सकता है और अगर मातृभाषा में शिक्षा होती है तो बौद्धिक क्षमता को निखारने में बहुत फायदा मिलता है। उन्होंने कहाकि इस शुरूआत से अनुसंधान के क्षेत्रमें भारत विश्व में बहुत आगे जाएगा और हमारे बच्चों की बौद्धिक क्षमता का भी विश्व को परिचय होगा। इस अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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