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Friday 21 October 2022 11:45:47 AM
केवडिया (गुजरात)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संयुक्तराष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने संयुक्त रूपसे केवडिया के एकतानगर में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी में मिशन लाइफ का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर उल्लेख कियाकि जबभी भारत और संयुक्तराष्ट्र ने एकसाथ मिलकर काम किया है, दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के नए तरीके खोजे गए हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव रखा था, जिसे संयुक्त राष्ट्र ने समर्थन दिया, आज यह दुनिया भर के लाखों लोगों को स्वस्थ जीवन जीने केलिए प्रेरित कर रहा है। अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष का उदाहरण देते हुए जिसे संयुक्त राष्ट्र से काफी समर्थन मिला प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत दुनिया को अपने पारंपरिक और पर्यावरण के अनुकूल मोटे अनाज से जोड़ना चाहता है। उन्होंने कहाकि अगले साल अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष की चर्चा पूरी दुनिया में होगी। उन्होंने कहाकि मिशन लाइफ इसे दुनिया के हर कोने, हर देशमें ले जाने में सफल होगा। प्रधानमंत्री ने निष्कर्ष के तौरपर कहाकि हमें इस मंत्र को याद रखना है-प्रकृति रक्षति रक्षिता अर्थात जो प्रकृति की रक्षा करते हैं, प्रकृति उनकी रक्षा करती है, मुझे विश्वास हैकि हम अपने मिशन लाइफ का पालन करके एक बेहतर दुनिया का निर्माण करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एंटोनियो गुटेरेस ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर संयुक्तराष्ट्र के सभी क्षेत्रोंका प्रतिनिधित्व करनेवाले 11 राष्ट्रों के प्रमुखों के मिशन लाइफ के शुभारंभ पर बधाई के वीडियो संदेश भी प्रसारित किए गए। जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि महासचिव एंटोनियो गुटेरेस केलिए तो भारत दूसरे घर जैसा है और उन्होंने अपनी युवावस्था के दिनोंमें कईबार भारत की यात्रा की है। उन्होंने भारत में गोवा राज्य केसाथ एंटोनियो गुटेरेस के पैतृक संबंध केबारे में बताया। प्रधानमंत्री ने भारत की यात्रा को एक अवसर के रूपमें लेने केलिए एंटोनियो गुटेरेस को धन्यवाद दिया और कहाकि गुजरात में उनका स्वागत करना परिवार के एक सदस्य का स्वागत करने जैसा है। प्रधानमंत्री ने मिशन लाइफ पहल केलिए भारत को मिले समर्थन पर प्रसन्नता व्यक्त की और सभी राष्ट्रप्रमुखों को इस महान अवसर पर बधाई संदेश भेजने केलिए भी धन्यवाद दिया। नरेंद्र मोदी ने जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर एकता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहाकि मिशन लाइफ का शुभारंभ भारत के राष्ट्रीय गौरव सरदार वल्लभभाई पटेल की विशाल प्रतिमा स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के सानिध्य में हो रहा है। उन्होंने कहाकि दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करने में प्रेरणा का स्रोत होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि जब मानक असाधारण होते हैं तो रिकॉर्ड बहुत बड़े होते हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि गुजरात भारत के उन राज्यों में से एक है, जिसने सबसे पहले रिन्यूएबल एनर्जी और एनवायरनमेंट प्रोटेक्शन की दिशामें काम करना शुरू कर दिया था, चाहे बात नहरों पर सोलर पैनल लगाने की हो या सूखाग्रस्त इलाकों में जलस्तर को ऊपर उठाने केलिए जल संरक्षण के अभियान हो गुजरात हमेशा ट्रेंडसेटर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि जलवायु परिवर्तन को लेकर ऐसी धारणा बना दी गई है जैसे यह सिर्फ पॉलिसी से जुड़ा विषय है, इसके लिए एक विचार प्रक्रिया की जरूरत मानते हुए इन सभी महत्वपूर्ण मुद्दों को केवल सरकार या अंतर्राष्ट्रीय संगठनों पर छोड़ दिया जाता है। उन्होंने कहाकि जलवायु परिवर्तन से हो रहे बदलाव को लोग अपने आसपास महसूस करने लगे हैं, पिछले कुछ दशक में हमने इसके दुष्प्रभाव देखे हैं, अप्रत्याशित आपदाओं को झेला है, यह सीधे तौरपर स्पष्ट कर रहा हैकि जलवायु परिवर्तन सिर्फ नीति-निर्माण से जुड़ा विषय नहीं है और लोग स्वयं यह समझ रहे हैंकि उन्हें एक व्यक्ति, परिवार और समुदाय के रूपमें पर्यावरण में योगदान देना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहाकि मिशन लाइफ का मंत्र पर्यावरण केलिए जीवनशैली है। प्रधानमंत्री ने कहाकि यह इस धरती की सुरक्षा केलिए जन-जन की शक्तियों को जोड़ता है, उनका बेहतर इस्तेमाल करना सिखाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि मिशन लाइफ जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई को लोकतांत्रिक बनाता है, जिसमें हर कोई अपने सामर्थ्य के हिसाब से योगदान दे सकता है। प्रधानमंत्री ने कहाकि मिशन लाइफ हमें प्रेरित करता हैकि हमसब अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में ऐसा बहुत कुछकर सकते हैं, जिसमें पर्यावरण की सुरक्षा हो, मिशन लाइफ मानता हैकि अपनी जीवनशैली में बदलाव करके पर्यावरण की रक्षा की जा सकती है। उन्होंने बिजली बिल कम करने और पर्यावरण की रक्षा केलिए भारत में एलईडी बल्ब को अपनाने का उदाहरण दिया, इससे बड़े पैमाने पर बचत एवं पर्यावरणीय लाभ हुए और यह एक निरंतर स्थायी लाभ है। प्रधानमंत्री ने कहाकि महात्मा गांधी उन विचारकों मेसे एक थे, जो बहुत पहले पर्यावरण संरक्षण और प्रकृति केसाथ तालमेल बिठाकर जीवन जीने का महत्व समझ गए थे। उन्होंने ट्रस्टीशिप की अवधारणा विकसित की, मिशन लाइफ हम सभीको पर्यावरण का ट्रस्टी बनाता है, ट्रस्टी वह होता है, जो संसाधनों के अंधाधुंध इस्तेमाल की अनुमति नहीं देता है, एक ट्रस्टी एक पोषणकर्ता के रूपमें काम करता है नकि एक शोषक के रूपमें। प्रधानमंत्री ने बतायाकि मिशन लाइफ पी-3 मॉडल की अवधारणा को मजबूत करेगा, यानी प्रो प्लानेट पीपल, मिशन लाइफ धरती के लोगों को प्रो प्लेनेट पीपल के तौरपर जोड़ता है, सबको अपने विचार में समाहित कर, एककर देता है, यह लाइफ स्टाइल ऑफ द प्लानेट, फॉर द प्लेनेट एंड बाय द प्लानेट के मूल सिद्धांत पर चलता है।
प्रधानमंत्री ने कहाकि अतीत की गलतियों से सीख लेकरही भविष्य का मार्ग प्रशस्त किया जा सकता है। उन्होंने याद कियाकि भारत में हजारों वर्षों से प्रकृति की पूजा करने की परंपरा रही है, वेदों में प्रकृति के तत्वों जैसे जल, पृथ्वी, भूमि, अग्नि और जल के महत्व का सटीक उल्लेख है। प्रधानमंत्री ने अथर्ववेद को उद्धृत किया और कहाकि माता भूमिः पुत्रोहं पृथिव्याः यानी पृथ्वी हमारी मां है और हम उसकी संतान हैं। प्रधानमंत्री ने 'रिड्यूस, रियूज एंड रिसाइकल' और सर्कुलर इकोनॉमी की अवधारणा पर कहाकि यह हजारों वर्षों से भारतीयों की जीवनशैली का हिस्सा रही है। प्रधानमंत्री ने कहाकि ऐसी प्रथाएं प्रचलित हैं, जो हमें प्रकृति केसाथ तालमेल बिठाकर चलने केलिए प्रेरित करती हैं। उन्होंने कहाकि मिशन लाइफ में प्रकृति के संरक्षण से जुड़ी हर उस जीवनशैली को शामिल किया जाएगा, जिसे हमारे पूर्वजों ने अपनाया था और जिसे आज हमारी जीवनशैली का हिस्सा बनाया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत जलवायु परिवर्तन के खतरे से निपटने केलिए प्रतिबद्ध है, आज भारतमें सालाना प्रतिव्यक्ति कार्बन फुटप्रिंट करीब करीब डेढ़ टन ही है, जबकि दुनिया का औसत 4 टन प्रतिवर्ष का है, फिरभी भारत जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक समस्या के समाधान केलिए सबसे आगे काम कर रहा है। नरेंद्र मोदी ने हर जिले में उज्ज्वला योजना, 75 अमृत सरोवर जैसी पहलों और कचरे से धन पर अभूतपूर्व जोर देने के बारेमें बताया। उन्होंने कहाकि भारतके पास दुनियामें अक्षय ऊर्जा की चौथी सबसे बड़ी क्षमता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि आज हम पवन ऊर्जा में चौथे और सौर ऊर्जा में पांचवें स्थान पर हैं, पिछले 7-8 वर्ष में भारत की अक्षय ऊर्जा क्षमता में लगभग 290 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, हमने समय-सीमा से 9 साल पहले गैर-जीवाश्म-ईंधन स्रोतों से बिजली क्षमता का 40 प्रतिशत हासिल करने का लक्ष्य प्राप्त कर लिया है, पेट्रोल में 10 प्रतिशत एथेनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य भी हासिल किया था और वहभी समय-सीमा से 5 महीने पहले। उन्होंने कहाकि राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन के माध्यम से भारत पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा स्रोत की ओर बढ़ा है, इससे भारत और दुनिया के कई देशों को नेट जीरो के अपने लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहाकि आज भारत प्रगति भी और प्रकृति भी का एक उत्तम उदाहरण बन गया है। उन्होंने कहाकि आज भारत विश्व की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था भी बना है, हमारा वन क्षेत्र बढ़ रहा है और वन्यजीवों की संख्या में भी वृद्धि हो रही है। वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड के वैश्विक अभियान पर प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत अब ऐसे लक्ष्यों केप्रति अपने संकल्प को मजबूत करते हुए दुनिया केसाथ अपनी साझेदारी को और भी बढ़ाना चाहता है। उन्होंने कहाकि डिजास्टर रेजिलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर केलिए गठबंधन के निर्माण का नेतृत्व करके भारत ने दुनिया को पर्यावरण संरक्षण की अपनी अवधारणा से अवगत कराया है और मिशन लाइफ इस श्रृंखला का अगला चरण है।
यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहाकि हमारे ग्रह केलिए इस खतरनाक समय में हम सभीको एकसाथ आने की जरूरत है। उन्होंने कहाकि लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट-लाइफ पहल को आवश्यक और आशावादी सच्चाइयों को रेखांकित करने केलिए डिजाइन किया गया है। एंटोनियो गुटेरेस ने कहाकि हम सभी हमारी पृथ्वी और हमारे सामूहिक भविष्य की रक्षा से संबंधित समाधान का हिस्सा बन सकते हैं और ऐसा होना भी चाहिए, आखिरकार अत्यधिक उपभोग ही पृथ्वी के तीन संकटों-जलवायु परिवर्तन जैव-विविधता का नुकसान और प्रदूषण का मूल कारण है। एंटोनियो गुटेरेस ने कहाकि हम अपनी जीवनशैली के समर्थन केलिए अपने ग्रह पृथ्वी की तुलना में 1.6 गुना अधिक संसाधन का इस्तेमाल कर रहे हैं, इस बड़ी ज्यादती को बड़ी असमानता से जोड़ा गया है। उन्होंने आशा व्यक्त कीकि लाइफ अभियान पहल पूरी दुनिया में फैलेगी। उन्होंने कहाकि मैं पर्यावरण की दृष्टि से अच्छी नीतियों को आगे बढ़ाने केलिए भारत की प्रतिबद्धता और अक्षय ऊर्जा में निवेश बढ़ाने के संकल्प से बहुत उत्साहित हूं, अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का समर्थन करता हूं, हमें अक्षय क्रांति लाने की जरूरत है और मैं इस एजेंडे को आगे बढ़ाने में भारत केसाथ काम करने केलिए उत्सुक हूं।
एंटोनियो गुटेरेस ने मिस्र में आगामी सीओपी 27 के बारेमें बात करते हुए कहाकि सम्मेलन पेरिस समझौते के सभी स्तंभों पर विश्वास प्रकट करने और कार्रवाई में तेजी लाने केलिए एक महत्वपूर्ण राजनीतिक अवसर प्रस्तुत करता है। उन्होंने कहाकि जलवायु प्रभावों और इसकी विशाल अर्थव्यवस्था केप्रति अपनी संवेदनशीलता केसाथ भारत एक महत्वपूर्ण ब्रिजिंग भूमिका निभा सकता है। महात्मा गांधी का हवाला देते हुए उन्होंने ने कहाकि दुनियाके पास सभीकी जरूरतों केलिए पर्याप्त संसाधन है, लेकिन हर किसीके लालच केलिए नहीं। उन्होंने कहाकि हमें पृथ्वी के संसाधनों का विवेक और सम्मान केसाथ व्यवहार करना चाहिए। उन्होंने धनी देशों और जीवनशैली में बदलाव लाने का संकल्प लिया, ताकि हम पृथ्वी के संसाधनों को उचित रूपसे साझा कर सकें और केवल वही ले सकें, जो हमें चाहिए। एंटोनियो गुटेरेस ने कहाकि अब जबकि भारत पूरी तरह से अपने इतिहास, संस्कृति और परंपरा के अनुरूप स्थिरता के एक नए युग की शुरुआत करने में मदद देने हेतु जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण करने वाला है, उन्होंने सभी देशों से भारत पर भरोसा करने का भी आग्रह किया। कार्यक्रम में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, केंद्रीय विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।