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इनदिनों भक्तिभाव से ओतप्रोत हैं प्रधानमंत्री!

देशके दिव्य और आध्यात्मिक स्थलों के शिलान्यास और उद्घाटन

उज्जैन बद्रीनाथ के बाद अयोध्या में प्रधानमंत्री के दीवाली कार्यक्रम

Friday 21 October 2022 03:56:47 PM

दिनेश शर्मा

दिनेश शर्मा

pm narendra modi prayed at badrinath

बद्रीनाथ धाम (उत्तराखंड)। आध्यात्म और पर्यटन से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष अनुराग उल्लेखनीय रूपसे परिलक्षित होता है। वे इन दिनों भक्तिभाव से काफी ओतप्रोत दिखाई दे रहे हैं और समय भी कुछ ऐसा ही है। हालही में उन्होंने मध्यप्रदेश के धार्मिकनगर उज्जैन में जन-जन की आस्था और विश्वास के विश्वप्रसिद्ध स्थल श्रीमहाकाल का भव्यतम कारीडोर श्रीमहाकाल और देश को समर्पित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रीमहाकाल के दरबार पहुंचे और उन्होंने उनकी विधिविधान से पूजा-अर्चना करने के बाद नवनिर्मित कारीडोर का भ्रमण एवं अवलोकन किया। प्रधानमंत्री का आस्था और भक्तिभाव दर्शन देखते ही बन रहा था। इसी प्रकार वे बाबा बद्रीनाथ-केदारनाथ धाम पहुंचे और इन महान आराध्यों के पूजन-दर्शन में खो गए। बाबा बद्री और केदार के जयकारे केसाथ उनके लिए अपनी अंतरआत्मा के भाव प्रकट किए। नंदी के कान में देशके 130 करोड़ लोगों के कल्याण की प्रार्थना की। सभी कह रहे हैंकि देशके लोगों की समृद्धि और कल्याण केलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अनुराग बहुत अनुकरणीय है। कोई माने या न माने वे जाति-धर्म से ऊपर हैं, तभी उन्होंने कहाकि उन्होंने आज भगवान बद्रीनाथ से देशकी जनता के सुख और कल्याण की कामना की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दर्शन पूजन-अर्चन के बाद सभाजनों को संबोधित किया और विश्वप्रसिद्ध देवस्थानों के संबंध में अपने आध्यात्मिक भाव प्रकट किए, उनका महत्व बताया और इन स्थानों केलिए सरकार के प्रयासों का उल्लेख किया। उल्लेखनीय हैकि मोदी सरकार ने राज्य सरकारों के सहयोग से इन स्थानों का जिस उच्च प्राथमिकता और दिव्यता केसाथ विकास किया है, उसकी देश-दुनिया के आध्यात्मिक और पर्यटन के क्षेत्र में बहुत सराहना हो रही है। चाहे अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर श्रीराम मंदिर का भव्य निर्माण हो या बनारस में बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र का भव्य कारीडोर निर्माण हो, उज्जैन में श्रीमहाकाल मंदिर कारीडोर का निर्माण हो या फिर प्रलय केबाद उत्तराखंड में बाबा बद्रीनाथ केदारनाथ और वहांके धार्मिक स्थलों उद्गमों का पुनर्निमाण हो या फिर उत्तर प्रदेश में बौद्धधर्म के अनुयायियों के आध्यात्मिक श्रद्धा के केंद्र कुशीनगर के विकास और पयर्टन स्थल हों, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इनके विकास और निर्माण में गहरी दिलचस्पी ली है। यही कारण हैकि भारत की आध्यात्मिक शक्तियों से जुड़े इन पुनीत स्थलों पर देश-दुनिया से बड़ी संख्या में लोग आ-जा रहे हैं। मोदी सरकार ने आधुनिक सुविधाएं विकसित करके इन स्थलों को पर्यटन से जोड़ दिया है। सरकार ने देशके ऐतिहासिक स्थलों के विकास केलिए जो योजनाएं बनाई हैं, वे आध्यात्म और पर्यटन से रोज़गार को भी जोड़ रही हैं, जिससे यह आशा की जाती हैकि इन मायनों में भी यह दशक देश-विदेश की जनता को आध्यात्म पर्यटन और विकास के दृष्टिकोण से आकर्षित करेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले बाबा केदारनाथ धाम का दौरा किया और केदारनाथ मंदिर में दर्शन और पूजा-अर्चना की। पारंपरिक पहाड़ी पोशाक धारणकर प्रधानमंत्री ने आंतरिक गर्भगृह में रुद्राभिषेक किया और नंदी की प्रतिमा के समक्ष प्रार्थना की। प्रधानमंत्री ने श्रीआदि गुरु शंकराचार्य समाधिस्थल काभी दौरा किया और मंदाकिनी आस्थापथ, सरस्वती आस्थापथ में चल रहे विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। प्रधानमंत्री ने कहाकि मैं श्रीआदि शंकराचार्य समाधि पर गया था और मुझे जीर्णोद्धार कार्यपर कामकर रहे श्रमजीवियों से बातचीत करने का भी अवसर मिला। केदारनाथ धाम परियोजना के श्रमजीवियों से बातचीत केबाद उन्होंने लोगों से कहाकि यहां निर्माणकार्यों में लगे श्रमजीवियों को वे अपना मेहमान समझें और उनका सम्मान करें। गौरतलब हैकि भगवान केदारनाथ मंदिर सबसे महत्वपूर्ण हिंदू मंदिरों मेसे एक है और यह क्षेत्र सिखों के पवित्र तीर्थ स्थलों मेसे एक हेमकुंड साहिब केलिए भी विख्‍यात है। यहां संचालित कनेक्टिविटी परियोजनाएं धार्मिक महत्व के स्थलों तक पहुंच को सुगम बनाने और बुनियादी ढांचे में सुधार लाने के प्रति प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। प्रधानमंत्री ने इनकी चर्चा भी की। प्रधानमंत्री के साथ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उत्तराखंड के राज्यपाल सेवानिवृत्त जनरल गुरमीत सिंह भी थे।
जय बद्री बाबा के जयकारों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशके स्थानीय उत्पादों के निर्माण के महत्व और उनसे जुड़े लोगों की अर्थव्यवस्था का उल्लेख किया और देशवासियों से प्रार्थना कीकि वे जब कहीं घूमने जाएं तो अपने कुल खर्चे मेसे कम से कम 5 प्रतिशत हिस्सा उस जगह की किसी स्थानीय चीज को खरीदने में खर्च करें, इससे न सिर्फ स्थानीय लोगों को फायदा होगा, बल्कि देश के वोकल फॉर लोकल के संकल्प को भी मजबूती मिलेगी। प्रधानमंत्री ने माणा गांव में 3400 करोड़ रुपये से अधिक लागतवाली 4 बड़ी विकास परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया, इनमें दो गोविंद घाट-हेमकुंड रोपेवे, गौरीकुंड-केदारनाथ रोपेवे और दो माणा-माणा सड़क और जोशीमठ-मलारी सड़क चौड़ीकरण की परियोजनाएं शामिल हैं। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहाकि 21वीं सदी में भारत निर्माण के 2 प्रमुख स्तंभ हैं-अपनी विरासत पर गर्व और विकास केलिए हरसंभव प्रयास, उत्तराखंड इन दोनों को मजबूत कर रहा है। उन्होंने कहाकि रोपवे प्रोजेक्ट्स से भगवान केदारनाथ और गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब के दर्शन में सुगमता आएगी। उन्होंने कहाकि विकास की ये बयार इस क्षेत्रको बेहतर बुनियादी ढांचा और कनेक्टिविटी में सुधार प्रदान करेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दीपावली की पूर्व संध्या पर 23 अक्टूबर को अयोध्या का भी दौरा करेंगे। प्रधानमंत्री शाम करीब पांच बजे भगवान श्रीरामलला विराजमान के दर्शन और पूजा करेंगे तथाइसके बाद श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र स्थल का निरीक्षण करेंगे। प्रधानमंत्री शाम लगभग 5:45 बजे प्रतीकात्मक भगवान श्रीराम का राज्याभिषेक भी करेंगे, शाम लगभग 6:30 बजे सरयू नदी के न्यू घाट पर आरती देखेंगे, इसके बाद वे भव्य दीपोत्सव समारोह की शुरुआत करेंगे। अयोध्या में इस वर्ष दीपोत्सव का छठा संस्करण आयोजित किया जा रहा है और यह पहली बार है जब प्रधानमंत्री इस समारोह में व्यक्तिगत रूपसे भाग लेंगे। इस अवसर पर 15 लाख से अधिक दीये जलाए जाएंगे। दीपोत्सव के दौरान विभिन्न राज्यों के विभिन्न नृत्यरूपों केसाथ पांच एनिमेटेड झांकियां और ग्यारह रामलीला झांकियां भी प्रदर्शित की जाएंगी। प्रधानमंत्री भव्य म्यूजिकल लेजर शो के साथ-साथ सरयू नदी के तट पर राम की पैड़ी पर 3-डी होलोग्राफिक प्रोजेक्शन मैपिंग शो भी देखेंगे।

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