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Tuesday 25 October 2022 03:48:12 PM
कानपुर। क्रिकेटर्स के लिए सबसे ज्यादा दिल को छूनेवाली खबर सामने आई जब जानेमाने क्रिकेटर राहुल सप्रू को यूपीसीए की शीर्ष परिषद समिति में आईसीए के पुरुष सदस्य के रूपमें निर्विरोध चुना गया। वरिष्ठ क्रिकेटर अशोक बांबी ने विश्वास व्यक्त किया हैकि यूपीसीए उनके अनुभव का लाभ उठाएगा और उन्हें क्रिकेट और क्रिकेटरों के शानदार करियर केलिए महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपेगा। राहुल सप्रू उत्तर प्रदेश के क्रिकेट में एक बड़ा नाम है और भारतीय क्रिकेट में एक प्रसिद्ध क्रिकेट शख्सियत है। उन्होंने वर्ष 1983 में राजस्थान के खिलाफ उदयपुर में प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण किया था।
राहुल सप्रू शुरू सेही बहुत प्रतिभाशाली थे और उन्होंने अपनी रन बनाने की ललक के कारण यूपी की क्रिकेट टीम में स्थायी स्थान बनाया। उन्होंने लगातार 98 प्रथम श्रेणी क्रिकेट मैच खेले और हमेशा रनों के बीच रहे। वास्तव में उनकी रनों की भूख हमेशा बनी रहती थी, चाहे वह क्लब मैच हो या प्रथम श्रेणी मैच। राहुल सप्रू टीम केलिए एक महत्वपूर्ण संपत्ति रहे, क्योंकि वह टीम के मनोबल को बनाए रखने में सक्षम थे, खासकर जब टीम संकट में आती थी। राहुल सप्रू को 1994-95 सीज़न में यूपी रणजी टीम का कप्तान बनाया गया था, लेकिन उन्हें यह पद छोड़ना पड़ा, क्योंकि वे अपने पेशे पर दबाव के साथ समझौता नहीं करते थे। उस समय अशोक बांबी कोच हुआ करते थे और दोनों के बीच खेल रणनीतिक समझ बहुत अच्छी मानी जाती थी। उस साल यूपी रणजी ट्रॉफी के सेमीफाइनल तक पहुंचा था लेकिन फाइनल मैच चैंपियन मुंबई से हार गया था।
राहुल सप्रू ने संन्यास से ठीक पहले हैदराबाद के खिलाफ दोनों पारियों में शतक बनाया था। राहुल सप्रू एक बहुत ही विनम्र और जमीन से जुड़े क्रिकेटर माने जाते हैं, जो अपने सीनियर्स को बहुत सम्मान देते थे और उन्हें हमेशा जूनियर्स की मदद करते हुए पाया गया है। राहुल सप्रू ने 98 प्रथम श्रेणी मैच खेले। उनके रन बनाने का औसत 49.23 रहा और उन्होंने इस औसत से 6007 रन बनाए। उनके नाम 18 शतक हैं। उनका औसत यूपी के प्रथम श्रेणी के उन क्रिकेटरों में सर्वश्रेष्ठ है, जिन्होंने आजतक खेल से सन्यास ले लिया है। राहुल सप्रू कुछ समय केलिए यूपी टीम के चयनकर्ता रहे हैं और बीसीसीआई ने जूनियर्स के बीच प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की पहचान करने की जिम्मेदारी भी दी थी। आजकल वह यूपी क्रिकेट के एक और महान खिलाड़ी शशिकांत खांडेकर केसाथ कानपुर में एक क्रिकेट अकादमी चला रहे हैं।