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आध्यात्म के बिना जीवन अधूरा है-उपराष्ट्रपति

ब्रह्माकुमारी के आध्यात्मिकता व मानवता के अनुकरणीय कार्य सराहे

माउंट आबू के शांतिवन में ब्रह्माकुमारी की वर्षगांठ व दिवाली समारोह

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 26 October 2022 11:31:35 AM

brahma kumari anniversary and diwali celebrations at shantivan in mount abu

माउंट आबू (राजस्थान)। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा हैकि आध्यात्मिकता केबिना जीवन अधूरा है, अगर लोगों की ​​​जिंदगियों में आध्यात्मिकता को प्रवाहित कर दिया जाए तो उन तकनीकी बदलावों का लोगों के जीवन पर औरभी अच्छा असर पड़ेगा, जो अभी दुनियाभर में हो रहे हैं। उन्होंने देशसे अनैतिकता, अनैतिक आचरण और नकारात्मकता को जड़ से खत्म करने केलिए व्यक्तियों, परिवारों और समाज केबीच आध्यात्मिक सोच विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया। राजस्थान के माउंट आबू में ब्रह्माकुमारी के वैश्विक मुख्यालय में 'सशक्त, समृद्ध और स्वर्णिम भारत की ओर' थीम पर आयोजित ब्रह्माकुमारी की 85वीं वर्षगांठ और दीपावली समारोह को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने ये बातें कहीं।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आध्यात्मिकता को एक व्यक्ति को संपूर्ण व्यक्ति बनाने केलिए शिक्षा का एक अनिवार्य हिस्सा बताया और दुनियाभर में आध्यात्मिकता और मानवता को बढ़ावा देने केलिए ब्रह्माकुमारी संस्थान की सराहना की। भारतीय विचारों और हमारे सभ्यतागत मूल्यों पर जोर देने केलिए नई शिक्षा नीति-2020 की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहाकि अच्छी शिक्षा, सोच और ज्ञानही हमें एकराष्ट्र के रूपमें शक्तिशाली बना सकता है। उपराष्ट्रपति ने ब्रह्माकुमारी संस्थान को भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों का केंद्र बताते हुए कहाकि विश्व कल्याण और विश्व के सुख के विचार यहीं से निकलते हैं। उन्होंने जलवायु परिवर्तन से निपटने हेतु 20 लाख से ज्यादा पौधे लगाने केलिए ब्रह्माकुमारी संस्थान की प्रशंसा की। उन्होंने कहाकि इस संगठन के विशाल आयाम हैं और ये न केवल मानवता, बल्कि इस ग्रह पर मौजूद सभी जीवित प्राणियों के सबसे मूल्यवान पहलुओं और गुणों की एक मिसाल है।
उपराष्ट्रपति ने कहाकि भारत विभिन्न क्षेत्रोंमें अभूतपूर्व व तेजीसे बढ़ रहा है और उन्होंने मीडिया से आग्रह कियाकि वो भारत की इस प्रगति का उत्सव मनाए और इसे रेखांकित करे। उच्च सदन के रूपमें राज्यसभा की भूमिका का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहाकि हमारे संविधान निर्माताओं ने कल्पना की थीकि राज्यसभा अपने आचरण और दूरदर्शिता से देशको एक नई दिशा प्रदान करेगी। उन्होंने सांसदों से ऐसे निजी और सामूहिक आचरण का प्रदर्शन करते हुए आमजनता केलिए मिसाल कायम करने का आग्रह किया, जिसका अनुकरण आम जनता कर सके। इस आयोजन केबाद उपराष्ट्रपति ने डॉ सुदेश धनखड़ केसाथ राजस्थान के दिलवाड़ा मंदिरों और नाथद्वारा मंदिरों का भी दौरा किया। राजस्थान सरकार के वन और पर्यावरण राज्यमंत्री सुखराम बिश्नोई, ब्रह्माकुमारी की अतिरिक्त प्रमुख राजयोगिनी बीके जयन बहन, ब्रह्माकुमारी के अतिरिक्त महासचिव राजयोगी बीके बृजमोहन, ब्रह्माकुमारी की संयुक्त प्रमुख राजयोगिनी डॉ बीके मुन्नी बहन, ब्रह्माकुमारी के कार्यकारी सचिव राजयोगी डॉ बीके मृत्युंजय, ब्रह्माकुमारी के मल्टीमीडिया प्रमुख राजयोगी बीके करुणा और गणमान्य अतिथियों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

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