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Saturday 29 October 2022 12:13:42 PM
नई दिल्ली। पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के राष्ट्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय (एनएमएनएच) ने इस महीने भारत में चीता संरक्षण केलिए जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किए। देशमें करीब 70 साल बाद फिरसे चीते दिखाई देरहे हैं। एनएमएनएच अपने क्षेत्रीय संग्रहालय मैसूर, भोपाल, भुवनेश्वर और सवाई माधोपुर केसाथ चीता जागरुकता कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। पूरे अक्टूबर चलनेवाला यह विशेष अभियान है, जो 2 अक्टूबर से शुरू हुआ था और 31 अक्टूबर तक जारी रहेगा, वैसेभी दो अक्टूबर देशमें वन्यजीव सप्ताह का पहला दिन होता है। एनएमएनएच ने जनसामान्य और खासकर बच्चों केबीच चीता और पर्यावरण एवं उससे जुड़े कारकों पर जागरुकता के विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए।
स्कूल-कॉलेजों और राष्ट्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय एवं राष्ट्रीय उद्यानों में आनेवाले हजारों बच्चों को वन्यजीव संरक्षण केप्रति संवेदनशील बनाया जा रहा है। जागरूकता अभियान के पहले सप्ताह, भारत लाए गए चीते का पुनः परिचय आयोजित किया गया, जिसमें भारतभर के 500 से अधिक स्कूलों के 1.5 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं ने भाग लिया था। गौरतलब हैकि 1952 में भारत में चीते को विलुप्त प्रजाति घोषित कर दिया गया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर देशमें नामीबिया से आठ चीते लाए गए हैं। नरेंद्र मोदी के जन्मदिन 17 सितंबर को मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में ये चीते छोड़े गए। सभीको जंगल, जानवरों और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण केलिए जागरुक होना होगा। चीता जागरुकता कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने वनों को समृद्ध बनाए रखने केलिए चीता और अन्य पशु-पक्षियों को संरक्षित रखने का संकल्प लिया।