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Tuesday 22 November 2022 12:16:26 PM
चंडीगढ़। भारतीय वायुसेना के चंडीगढ़ के सेक्टर 18 में स्थापित किए जारहे विरासत केंद्र को एक विंटेज प्रोटोटाइप विमान कानपुर-1 प्राप्त हुआ है। यह दुर्लभ स्वदेशी एकल इंजन वाला एयरक्राफ्ट वर्ष 1958 में एयर वाइस मार्शल हरजिंदर सिंह ने डिजाइन और निर्मित किया था, जो पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज चंडीगढ़ के गौरवपूर्ण नियंत्रण में था। पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज चंडीगढ़ के एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग डिवीजन में इसको लेने केलिए सम्मान समारोह हुआ। एसएएसओ मुख्यालय पश्चिमी वायुकमान के एयर मार्शल आर रदीश ने निदेशक पीईसी प्रोफेसर बलदेव सेतिया से यह विमान प्राप्त किया। यह विंटेज विमान 1967 में एवीएम हरजिंदर सिंह ने पीईसी को उपहार में दिया था और यह भारतीय विमानन विरासत केसाथ एक मजबूत नाता रखता है।
विंटेज विमान कानपुर-1 को अन्य विमानों केसाथ आईएएफ विरासत केंद्र में प्रदर्शित किया जाएगा। विंटेज विमान को आनेवाली पीढ़ियों केलिए आत्मनिर्भरता, नवाचार और मेक इन इंडिया के सपने के महत्व को समझने केलिए एक गौरव के पल के तौरपर देखा जाना है। एयर मार्शल आर मूलीश ने इस अवसर पर कहाकि विंटेज विमान के आईएएफ विरासत केंद्र में होने से न केवल विरासत केंद्र का महत्व होगा, बल्कि पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज और भारतीय वायुसेना केबीच मजबूत संबंध भी बनेंगे। एयर मार्शल ने कहाकि उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुईकि पीईसी में 1964 के बैच में 17 छात्र भारतीय वायुसेना में शामिल हुए थे और बाकी डीजीसीए में शामिल हुए थे।
आईएएफ विरासत केंद्र, चंडीगढ़ प्रशासन पंजाब के राज्यपाल एवं इस केंद्रशासित प्रदेश के प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित और वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल वीआर चौधरी की एक ड्रीम परियोजना थी, जो पूरी हुई है। भारतीय वायुसेना में संचालन के विभिन्न पहलुओं को उजागर करने केलिए इंडियन एयरफोर्स विरासत केंद्र चंडीगढ़ में कलाकृतियां, सिमुलेटर और इंटरैक्टिव बोर्ड शामिल होंगे। यह अपनी लड़ाकू क्षमताओं के अलावा मानवीय सहायता एवं आपदा राहत केलिए आईएएफ की महत्वपूर्ण भूमिका को प्रदर्शित करेगा। इसमें विभिन्न पुराने विमान भी होंगे। आईएएफ विरासत केंद्र भारतीय वायुसेना में करियर बनाने केलिए युवाओं को उत्साह और प्रेरणा देने में एक लंबा रास्ता तय करेगा।