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Saturday 17 December 2022 02:00:23 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भारतीय सांख्यिकी सेवा के प्रोबेशनरों से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की और उनको यूपीएससी की प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता पर बधाई और उज्जवल भविष्य केलिए शुभकामनाएं भी दीं। राष्ट्रपति ने प्रोबेशनरों से कहाकि आप सभी ने जनसेवा को अपने करियर के रूपमें चुना है और आपको अपने संबंधित डोमेन में नेतृत्व की भूमिका निभाकर बदलाव लाने का अवसर मिला है। उन्होंने कहाकि भारत को अधिक प्रगति और विकास कीओर ले जाने में उनका योगदान काफी विशाल होने वाला है। राष्ट्रपति ने सांख्यिकी सेवा के प्रोबेशनरों से कहाकि वे जिन सूचनाओं और डेटा का विश्लेषण प्रदान करते हैं, नीतियां बनाने एवं उन्हें लागू करने में सहायक होंगे, जो यह सुनिश्चित करता हैकि विकास की यात्रा में कोई भी पीछे न रह जाए। उन्होंने यह जानकर प्रसन्नता व्यक्त कीकि इन प्रोबेशनरों में 40 प्रतिशत से अधिक महिला अधिकारी हैं एवं वरिष्ठ पदों पर और नेतृत्व की भूमिकाओं में अधिक महिलाएं निश्चित रूपसे समावेशी विकास केलिए भारत के संकल्प को मजबूत करेंगी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने एक कहावत कहते हुए कहाकि यदि आप इसे माप नहीं सकते तो आप इसे प्रबंधित नहीं कर सकते, इसलिए मापने योग्य और मात्रात्मक आयाम शासन केलिए आवश्यक हैं, अंतहीन सूचना और डेटा फ्लो के इस युग में सांख्यिकी की भूमिका और महत्व में तेजी से बढ़ोतरी हुई है और सही सांख्यिकीय विश्लेषण के बिना नीति निर्माण और क्रियांवयन प्रभावी नहीं हो सकता एवं जब हम किसी मानक के संबंध में भारत के स्थान के बारे में बात करते हैं तो ये आंकड़े हैं, जब हम कहते हैंकि भारत युवाओं का देश है या इसका जनसांख्यिकी लाभ अधिक है तो यह बात सांख्यिकी के आधार पर ही कही जाती है। राष्ट्रपति ने कहाकि भारत में 'सांख्य' शब्द हजारों वर्ष से विद्यमान है, भारतीय प्रणाली ने मान्य ज्ञान के एक महत्वपूर्ण घटक के रूपमें संख्याओं को महत्व दिया है। उन्होंने उल्लेख कियाकि अंकज्ञान भारतीय दिमाग की एक मजबूत विशेषता है, अंकज्ञान से संबंधित अधिकांश अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं भारतीय जीतते हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि इसी व्यापक संदर्भ में सांख्यिकी सेवा के महत्व को समझा जा सकता है, सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं के उपयोग केलिए केंद्रीय स्तरपर आधिकारिक आंकड़ों को संकलित करने में आपकी महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने प्रोबेशनरों को बतायाकि उनके प्रशिक्षण में विभिन्न मॉड्यूल जैसेकि डेटा माइनिंग, बिग डेटा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के हालिया अभिनव सहित विस्तृत क्षेत्रों को शामिल किया गया है। राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त कियाकि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम उन्हें कुशलतापूर्वक अपने कर्तव्यों का अनुपालन करने में सक्षम बनाएगा। राष्ट्रपति ने कहाकि भारत सामाजिक एवं आर्थिक परिवर्तन के चरण की दहलीज पर है, डिजिटल प्रौद्योगिकियों की बढ़ती पैठ ने सरकारी कामकाज में पारदर्शिता एवं दक्षता लाई है और ई-सरकार परिदृश्य को रूपांतरित कर दिया है, इनके माध्यम से आंकड़ों की उपलब्धता सरकार को प्रभावी निर्णय लेने में सहायता प्रदान करती है। राष्ट्रपति ने अधिकारियों से ईमानदारी और प्रतिबद्धता केसाथ कर्तव्यों का अनुपालन करने का अनुरोध किया।