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आईएनएस मोरमुगाओ नौसेना में शामिल हुआ

'भारत की स्वदेशी रक्षा उत्पादन क्षमताओं का बेहतरीन उदाहरण'

मुंबई में नौसेना डॉकयार्ड में कमीशनिंग समारोह में बोले रक्षामंत्री

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 19 December 2022 01:34:49 PM

ins mormugao commissioned into navy

मुंबई। भारत के स्टील्थ गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर पी15बी वर्ग के दूसरे युद्धपोत आईएनएस मोरमुगाओ डी67 को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्र की सेवा केलिए समर्पित करते हुए मुंबई में नौसेना डॉकयार्ड में कमि‍शनिंग पट्टिका का अनावरण किया। इस दौरान भारतीय नौसेना के संस्‍थानिक संगठन वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो के स्वदेशी रूपसे डिजाइन और मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड के निर्मित चार विशाखापत्तनम श्रेणी के विध्वंसक मेसे दूसरे का औपचारिक रूपसे समावेशन किया गया। रक्षामंत्री ने नौसेना जहाज आईएनएस मोरमुगाओ को सबसे शक्तिशाली स्वदेश निर्मित युद्धपोतों मेसे एक बताया, जो देश की समुद्री क्षमताओं को महत्वपूर्ण रूपसे बढ़ाएगा और राष्ट्रीय हितों को सुरक्षित करेगा। उन्‍होंने कहाकि आईएनएस मोरमुगाओ विश्‍व के तकनीकी रूपसे उन्नत मिसाइल वाहकों मेसे एक है एवं 75 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री केसाथ यह युद्धपोतों के डिजाइन और विकास में भारत की उत्कृष्टता और बढ़ती स्वदेशी रक्षा उत्पादन क्षमताओं का एक बेहतरीन उदाहरण है। उन्होंने कहाकि यह युद्धपोत हमारे देश केसाथ विश्‍वभर में हमारे मित्र देशों की वर्तमान और भविष्य की आवश्‍यकताओं को भी पूरा करेगा।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आईएनएस मोरमुगाओ को कमीशन करने केलिए नौसेना एवं एमडीएल की सराहना की और इसे इंजीनियरों, तकनीशियनों, डिजाइनरों और वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत, समर्पण और आकांक्षाओं का परिणाम बताया। उन्होंने कहाकि यह भारत केलिए गर्व की बात है और देश की ओर से भारतीय नौसेना को न केवल समुद्री हितों की रक्षा करने, बल्कि सामाजिक एवं आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान देने केलिए बधाई दी। रक्षामंत्री ने हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के हितों की रक्षा करना नौसेना की प्रमुख जिम्मेदारी बताया। उन्‍होंने कहाकि हमारी बढ़ती अर्थव्यवस्था प्रत्‍यक्ष रूपसे बढ़ते व्यापार से जुड़ी है, जिनमें से अधिकांश समुद्री मार्गों के माध्यम से है, हमारे हित सीधे तौरपर हिंद महासागर से जुड़े हैं, इस क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण देश होनेके कारण इसकी सुरक्षा में नौसेना की भूमिका औरभी महत्वपूर्ण हो जाती है। उन्होंने कहाकि प्रसन्‍नता हैकि सशस्त्र बल अपने कर्तव्यों का सफलतापूर्वक निर्वहन कर रहे हैं। उन्होंने अद्वितीय साहस और समर्पण केसाथ सीमाओं और तटों की रक्षा करने केलिए सशस्त्र बलों की सराहना की और उन्हें भारत के अभूतपूर्व विकास की रीढ़ बताया। रक्षामंत्री ने कहाकि भारत हरदिन सफलता की नई ऊंचाइयों को छू रहा है, अब हम दुनिया की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हैं।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहाकि निवेश फर्म मॉर्गन स्टैनली की एक रिपोर्ट के अनुसार अगले पांच साल में हम शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होंगे। उन्होंने कहाकि कोविड-19 महामारी से निपटने में भारत की दुनिया ने सराहना की है, जी-20 की अध्यक्षता हमारी एक और ऐतिहासिक उपलब्धि है, यह हर भारतीय की आकांक्षाओं, कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प के कारण सफल हुआ है, लेकिन हमारी सफलता के पीछे सबसे महत्वपूर्ण कारण हमारी सुरक्षित सीमाएं और तट हैं, यह हमारे सशस्त्र बलों की तैयारी और तत्‍परता का परिणाम हैकि हमारे पास पूरी तरहसे विश्‍वसनीय सुरक्षा तंत्र है। रक्षामंत्री ने तेजीसे बदलते वैश्विक परिदृश्य के कारण उत्पन्न होनेवाली किसीभी स्थिति से निपटने केलिए देश को तैयार करने के नरेंद्र मोदी सरकार के संकल्प को दोहराया। उन्होंने कहाकि सेना को अत्याधुनिक स्वदेशी हथियारों एवं उपकरणों से लैसकर सुरक्षा ढांचे को सुदृढ़ बनाते रहना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्‍होंने कहाकि देशों केबीच आर्थिक, राजनीतिक और व्यापारिक संबंध लगातार विकसित हो रहे हैं, कोविड-19 महामारी, मध्य पूर्व अफगानिस्तान और अब यूक्रेन में जारी स्थिति प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूपसे हर देश को किसी न किसी रूपमें प्रभावित करता है।
राजनाथ सिंह ने कहाकि वैश्वीकरण के युग में लगभग सभी राष्ट्र व्यापार के क्षेत्रमें एकदूसरे पर निर्भर हैं, इसलिए दुनिया की स्थिरता और आर्थिक प्रगति केलिए नौसंचालन की नियम आधारित स्वतंत्रता, समुद्री मार्गों की सुरक्षा आदि पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गए हैं। राजनाथ सिंह ने अत्याधुनिक तकनीकों केसाथ लगातार नए जहाजों का निर्माण करने में निरंतर ख्‍याति अर्जित करने केलिए एमडीएल की प्रशंसा की। उन्होंने उनसे और अन्य जहाज निर्माण कंपनियों से सरकार की पहल का लाभ उठाकर अपनी क्षमताओं को बढ़ाने और भारत को एक स्वदेशी जहाज निर्माण केंद्र बनाने की दिशामें बढ़वा देने का अनुरोध किया। उन्‍होंने कहाकि विश्‍वभर के देश आज वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य के कारण अपनी सैन्यशक्ति को आधुनिक बनाने और सुदृढ़ करने की दिशामें बढ़ रहे हैं एवं सैन्य उपकरणों की मांग लगातार बढ़ रही है। रक्षामंत्री ने कहाकि हमने कई नीतियां लागू की हैं, जो हमारी सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र की कंपनियों को विश्वस्तरीय कंपनी बनने में मदद करेंगी, सभीको इन नीतियों का लाभ उठाना चाहिए और अंतर्राष्ट्रीय आवश्यकताओं को पूरा करते हुए हमारी नौसेना और तटरक्षक की आवश्‍यकताओं को भी पूरा करने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहाकि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड के विजन को साकार करने केलिए हर संभव सहयोग देंगे।
नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर हरिकुमार ने भी कमि‍शनिंग समारोह को संबोधित किया और कहाकि आईएनएस मोरमुगाओ की कमि‍शनिंग भारत के पिछले एक दशक में युद्धपोत डिजाइन और निर्माण क्षमता में कीगई प्रगति का संकेत है। उन्होंने कहाकि यह युद्धपोत आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया पहल का उदाहरण है और यह वैश्विक जहाज निर्माण हब में भारत के रूपांतरण में सहायता करने की नौसेना की प्रतिबद्धता सुदृढ़ बनाता है। उन्होंने कहाकि यह युद्धपोत अपनी बहुआयामी लड़ाकू क्षमता केसाथ पश्चिमी बेड़े का हिस्सा बनेगा, जो भारतीय नौसेना की सबसे शक्तिशाली शाखा है। एडमिरल आर हरिकुमार ने कमांडिंग ऑफिसर और उनके अधिकारियों तथा नाविकों की टीम को परीक्षणों और युद्धपोत की स्वीकृति के दौरान उनके निरंतर प्रयासों और दृढ़ता केलिए बधाई दी। उन्होंने उनसे इसी गति केसाथ आगे बढ़ने और भविष्य की परिचालन तैनाती केलिए तैयार रहने का आग्रह किया। उन्होंने बायर्स नेवी से बिल्डर्स नेवी में रूपांतरित होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने केलिए एमडीएल की भी सराहना की। आईएनएस मोरमुगाओ 7,400 टन के डिस्प्लेसमेंट केसाथ लंबाई में 163 मीटर और चौड़ाई में 17 मीटर का परिष्कृत अत्याधुनिक हथियारों और सतह से सतह पर मार करनेवाली मिसाइल और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल जैसे सेंसर से सुसज्जित है।
आईएनएस मोरमुगाओ जहाज में एक आधुनिक निगरानी रडार लगा है, जो तोपखाना हथियार प्रणालियों को लक्षित डेटा प्रदान करता है। इसकी एंटी सबमरीन युद्ध क्षमताएं स्वदेशी रूपसे विकसित रॉकेट लॉंचर्स, टॉरपीडो लॉंचर्स और एएसडब्ल्यू हेलि‍कॉप्टरों से प्रदान की जाती हैं। पश्चिमी तट पर ऐतिहासिक बंदरगाह शहर गोवा के नाम पर नामित यह जहाज परमाणु, जैविक और रासायनिक युद्ध स्थितियों में लड़ने केलिए सुसज्जित है। यह एक संयुक्त गैस और गैस विन्यास में चार शक्तिशाली गैस टर्बाइनों से संचालित है, जो 30 समुद्री मील से अधिक की गति प्राप्त करने में सक्षम है। जहाज में स्टील्थ विशेषताओं को बढ़ाया गया है, जिसके परिणामस्वरूप रडार क्रॉस सेक्शन कम हो गया है। आईएनएस मोरमुगाओ में लगभग 300 कर्मी हैं। करीब 75 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी कंटेंट केसाथ इसके सभी प्रमुख हथियार और सेंसर या तो सीधे भारतीय मूल उपकरण निर्माताओं ने डिजाइन और विकास के माध्यम से या रणनीतिक गठजोड़ और प्रतिष्ठित विदेशी ओईएम केसाथ प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण के जरिए भारत में विकसित और निर्मित किए हैं। पी15बी विध्वंसक बेहतर उत्तरजीविता, समुद्री रख-रखाव और गतिशीलता केलिए नई डिजाइन अवधारणाओं को शामिल करता है, इसमें बेहतर स्टील्थ भी अर्जित किया गया है, जिससे जहाजों का पता लगाना मुश्किल हो जाता है।
पी15बी विध्वंसक युद्धपोत डिजाइन और निर्माण में आत्मनिर्भरता की पहचान है और आत्मनिर्भर भारत का एक बेहतरीन उदाहरण है। हिंद महासागर क्षेत्र में शक्ति संतुलन के लगातार बदलते रहने केसाथ जहाज की सभी डोमेन क्षमता किसीभी मिशन या कार्य को पूरा करने केलिए भारतीय नौसेना की गतिशीलता, पहुंच और लचीलेपन को बढ़ाएगी। नौसेना में जहाज का शामिल होना इस क्षेत्रमें फर्स्‍ट रिस्‍पांडर और पसंदीदा सुरक्षा भागीदार बने रहने की भारत की बढ़ती क्षमता को भी दर्शाता है। जहाज को 17 सितम्‍बर 2016 को लॉंच किया गया था और 19 दिसंबर 2021 को गोवा मुक्ति के 60 साल पूरे होने पर समुद्री परीक्षण शुरू किया गया था एवं 18 दिसंबर को इसकी कमि‍शनिंग महत्वपूर्ण है, क्योंकि 1961 में इसी तिथि को गोवा को पुर्तगाली शासन से मुक्त करने केलिए ऑपरेशन विजय शुरू किया गया था। राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में पूर्व रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने 2016 में आईएनएस मोरमुगाओ को लॉंच किया था। आईएनएस मोरमुगाओ के कमि‍शनिंग समारोह में कमांडिंग ऑफिसर कैप्टन कपिल भाटिया ने पोत का कमि‍शनिंग वारंट पढ़ा, नौसेना पताका को पहलीबार जहाज पर फहराया गया और नौसेना बैंड के बजाए गए राष्ट्रगान के समय मुख्य मस्तूल पर कमि‍शनिंग पताका फहराया गया। गोवा के राज्यपाल पीएस श्रीधरन पिल्लई, गोवा के मुख्यमंत्री डॉ प्रमोद सावंत, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ पश्चिमी नौसेना कमान वाइस एडमिरल अजेंद्र बहादुर सिंह और सीएमडी, एमडीएल वाइस एडमिरल नारायण प्रसाद (सेवानिवृत्त) भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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