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Tuesday 20 December 2022 03:08:48 PM
नई दिल्ली। यूट्यूब पर भारत और भारत सरकार की योजनाओं एवं शांति-सुरक्षा जैसे विषयों पर सनसनीखेज़ एवं फ़ेक न्यूज़ का प्रसारण करने वाले ऐसे तीन चैनलों का पत्र सूचना कार्यालय की फैक्ट चेक इकाई ने भंडाफोड़ किया है। ये यूट्यूब चैनल हैं-न्यूज़ हेडलाइंस, सरकारी अपडेट और आजतक LIVE। पीआईबी की फैक्ट चेक इकाई को चालीस से अधिक फैक्ट चेक श्रृंखला के क्रम में पता चलाकि इन यूट्यूब चैनलों के लगभग 33 लाख सब्सक्राइबर हैं, इनके सभी वीडियो फर्जी निकले और जिन्हें 30 करोड़ से अधिक बार देखा गया है। पत्र सूचना कार्यालय की फैक्ट चेक इकाई ने सर्वोच्च न्यायालय, भारत के मुख्य न्यायाधीश और भारत के प्रधानमंत्री के बारेमें इन यूट्यूब चैनलों पर फर्जी वीडियो की सच्चाई खोलकर रख दी है।
यूट्यूब चैनल सर्वोच्च न्यायालय, मुख्य न्यायाधीश, सरकारी योजनाओं, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों, कृषि ऋणों को माफ करने आदि केबारे में झूंठी और सनसनीखेज़ खबरों का प्रसारण कर रहे थे। उदाहरण केलिए इन फर्जी ख़बरों में कहा गया हैकि सर्वोच्च न्यायालय यह आदेश देने वाला हैकि भावी चुनाव मतपत्रों से होंगे, सरकार बैंक खाताधारियों, आधार कार्ड और पैनकार्ड धारकों को 80,000 की धनराशि दे रही है, महाराष्ट्र सरकार गिर गई है और अब एक नई गठबंधन सरकार ने सत्ता संभाल ली है, मोदी सरकार सभी आधारकार्ड वालों को प्रधानमंत्री स्वरोज़गार योजना के तहत 240,000 की नगद धनराशि दे रही है, न्यूज़ हेडलाइन ने दावा कियाकि मुख्य न्यायाधीश रमन्ना ने प्रधानमंत्री के खिलाफ सख्त कारवाई करके उन्हें दोषी करार दिया है, उनकी शक्तियां छीन ली हैं। एक वीडियो में दावा किया जारहा हैकि मुख्य न्यायाधीश के आदेशानुसार चुनाव बैलट पेपर से होंगे, ईवीएम पर प्रतिबंध। पाया गयाकि ये सभी फ़ेक न्यूज़ हैं।
यूट्यूब चैनल फर्जी और सनसनीखेज़ थंबनेल का दुरुपयोग कर रहे थे। इनमें टीवी चैनलों के लोगों तथा उनके न्यूज़ एंकरों की फोटो होती हैं, ताकि दर्शकों को यह झांसा दिया जा सकेकि वहां दिए गए समाचार सही हैं। इन यूट्यूब चैनलों के बारेमें यहभी पता लगा हैकि ये अपने वीडियो में विज्ञापन भी चलाते हैं और यूट्यूब पर झूंठी ख़बरों से कमाई कररहे हैं। पत्र सूचना कार्यालय की फैक्ट चेक इकाई की कार्रवाई में पिछले एक वर्ष में सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने ऐसे एकसौ से अधिक यूट्यूब चैनलों को ब्लॉक किया है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने आगाह किया हैकि यूट्यूब चैनलों पर अगर कोई सूचना फ़ेक और भ्रामक पाई जाती है तो उनपर सख़्त कार्रवाई की जाएगी।