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Friday 23 December 2022 05:00:22 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 के नए वैरिएंट और बढ़ते मामलों को देखते हुए संतुष्ट होकर बैठ जाने के खिलाफ आगाह किया और कड़ी निगरानी की सलाह दी है। प्रधानमंत्री ने भारत में कोविड-19 की स्थिति, सार्वजनिक स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे, लॉजिस्टिक्स की तैयारी, टीकाकरण अभियान की स्थिति, कोविड-19 के नए वैरिएंट के उद्भव और उसकी स्थिति के आकलन केलिए ऑनलाइन उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की, जिसमें स्वास्थ्य सचिव और नीति आयोग के सदस्यों ने कई देशों में कोविड-19 के बढ़ते मामलों सहित कोविड-19 की वैश्विक स्थिति के संबंध में एक प्रस्तुति दी। प्रधानमंत्री को बताया गयाकि भारत में कोविड-19 के मामलों में लगातार गिरावट देखी जा रही है, 22 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में औसत दैनिक संक्रमण के मामले गिरकर 153 और साप्ताहिक संक्रमण के मामले 0.14 प्रतिशत तक कम हो गए हैं, हालांकि पिछले 6 सप्ताह वैश्विक स्तर पर 5.9 लाख दैनिक औसत मामले दर्ज किएगए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि कोविड अभी खत्म नहीं हुआ है और अधिकारियों को विशेषकर अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डो पर निगरानी बढ़ाने का निर्देश दिया है। प्रधानमंत्री ने यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दियाकि उपकरणों, प्रक्रियाओं और मानव संसाधन की दृष्टि से सभी स्तरों पर समस्त कोविड बुनियादी ढांचागत सुविधाओं को तैयारियों के उच्चस्तर पर बनाए रखा जाए। उन्होंने राज्यों को ऑक्सीजन सिलेंडर, पीएसए संयंत्रों, वेंटिलेटर और मानव संसाधन, अस्पतालों में बुनियादी ढांचागत सुविधाओं का त्वरित परिचालन सुनिश्चित करने केलिए कोविड विशिष्ट सुविधाओं का ऑडिट करने को कहा है। प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को कोविड टेस्टिंग केसाथ जीनोम अनुक्रमण संबंधी प्रयासों कोभी तेज करने का निर्देश दिया।
राज्यों से कहा गया हैकि वे हरदिन जीनोम अनुक्रमण केलिए आईएनएसएसीओजी की निर्दिष्ट जीनोम अनुक्रमण प्रयोगशालाओं केसाथ बड़ी संख्या में नमूने साझा करें, इससे देश में फैल रहे नए वैरिएंट, यदि कोई हो का समयपर पता लगाने में मदद मिलेगी और आवश्यक सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय करने में सुविधा होगी। प्रधानमंत्री ने सभी से आग्रह कियाकि वे हर समय कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करें, खासतौर पर त्योहारों के आनेवाले मौसम को देखते हुए, जिसमें भीड़भाड़ वाले सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना भी शामिल है। प्रधानमंत्री ने कहाकि एहतियाती टीके केलिए प्रोत्साहित किया जाए, विशेष रूपसे कमजोर और बुजुर्ग समूहों को। प्रधानमंत्री को बताया गयाकि दवाओं, टीकों और अस्पताल के बिस्तरों की पर्याप्त उपलब्धता है। उन्होंने आवश्यक दवाओं की उपलब्धता और कीमतों की नियमित निगरानी करने की सलाह दी।
फ्रंटलाइन हेल्थकेयर वर्कर्स के विश्वस्तर पर सराहनीय कार्यों पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने उनका आह्वान कियाकि वे उसी नि:स्वार्थ और समर्पितभाव से काम करना जारी रखें। बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ मनसुख मांडविया, नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर, सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्यमंत्री भारती प्रवीण पवार, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा, नीति आयोग के सीईओ परमेश्वरन अय्यर, नीति आयोग के सदस्य स्वास्थ्य डॉ वीके पॉल, कैबिनेट सचिव राजीव गौबा, पीएमओ सलाहकार अमित खरे, गृह सचिव एके भल्ला, सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राजेश भूषण, सचिव डीएचआर डॉ राजीव बहल, फार्मास्यूटिकल्स सचिव स्वतंत्र प्रभार अरुण बरोका और वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।