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Tuesday 3 January 2023 02:34:15 PM
नई दिल्ली। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अधीनस्थ दो प्रमुख संस्थान राष्ट्रीय आयोग और केंद्रीय आयुर्वेदीय विज्ञान अनुसंधान परिषद ने भारतीय चिकित्सा प्रणाली केलिए चिकित्सा शिक्षा का नियमन और वैज्ञानिक अनुसंधान करने केलिए आयुर्वेद कॉलेजों और अस्पतालों के माध्यम से प्राथमिकता वाले स्वास्थ्य अनुसंधान क्षेत्रों में वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 'स्मार्ट यानी स्कोप फॉर मेनस्ट्रीमिंग आयुर्वेद रिसर्च इन टीचिंग प्रोफेशनल्स' कार्यक्रम शुरू किया है। एनसीआईएसएम के अध्यक्ष वैद्य जयंत देवपुजारी और सीसीआरएएस के महानिदेशक प्रोफेसर रबिनारायण आचार्य ने एनसीआईएसएम के आयुर्वेद बोर्ड के अध्यक्ष प्रोफेसर बीएस प्रसाद और वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
एनसीआईएसएम के अध्यक्ष वैद्य जयंत देवपुजारी ने इस पहल की सराहना की और कहाकि उन्हें विश्वास हैकि कार्यक्रम में आयुर्वेद में चिकित्सीय शोध या नैदानिक अनुसंधान में व्यापक बदलाव लाने की विशिष्ट क्षमता है। उन्होंने कहाकि यह पाया गया हैकि आयुर्वेद शिक्षकों के विशाल समुदाय की अनुसंधान क्षमता का आमतौर पर उपयोग नहीं हो पाता है, अत: स्मार्ट कार्यक्रम का आयुर्वेद के क्षेत्रमें अनुसंधान पर गहरा दीर्घकालिक कायाकल्प प्रभाव पड़ेगा और यह राष्ट्र केलिए एक महान सेवा होगी और वे एनसीआईएसएम की ओरसे पहल को हरसंभव सहयोग सुनिश्चित करेंगे। सीसीआरएएस के महानिदेशक प्रोफेसर वैद्य रबिनारायण आचार्य ने स्मार्ट पहल के प्रमुख बिंदुओं पर प्रकाश डालते हुए कहाकि प्रस्तावित पहल ऑस्टियोआर्थराइटिस, आयरन की कमी से होनेवाले एनीमिया, क्रोनिक ब्रोंकाइटिस, डिस्लिपिडेमिया, रूमेटाइड अर्थराइटिस, मोटापा, मधुमेह मेलेटस, सोरायसिस, सामान्य चिंता विकार, गैर अल्कोहल फैटी लिवर रोग सहित स्वास्थ्य अनुसंधान क्षेत्रों में अभिनव अनुसंधान विचारों की पहचान करने, आवश्यक सहायता करने और बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई है।
प्रोफेसर वैद्य रबिनारायण आचार्य ने कहाकि पात्र आयुर्वेद शैक्षणिक संस्थान 10 जनवरी 2023 तक आवेदन कर सकते हैं, संपर्क जानकारी योग्यता मानदंड और आवेदन प्रक्रिया के बारेमें सभी विवरण एनसीआईएसएम के माध्यम से सभी मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों और अस्पतालों में साझा किएगए हैं। एनसीआईएसएम के आयुर्वेद बोर्ड के अध्यक्ष प्रोफेसर बीएस प्रसाद ने कहाकि देशभर में आयुर्वेद कॉलेजों और अस्पतालों का विशाल नेटवर्क देशकी स्वास्थ्य सेवा संबंधी जरूरतों के लिहाज से एक अहम संपत्ति है। उन्होंने कहाकि यह नेटवर्क न केवल संकटकाल में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करता रहा है, बल्कि इसने देशमें स्वास्थ्य अनुसंधान के संदर्भ मेभी व्यापक योगदान दिया है। उन्होंने कहाकि स्मार्ट कार्यक्रम निश्चित रूपसे शिक्षकों को स्वास्थ्य अनुसंधान के निर्दिष्ट क्षेत्रों में परियोजनाओं को अपने हाथ में लेने और एक बड़ा डेटाबेस तैयार करने केलिए प्रेरित करेगा।