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Wednesday 4 January 2023 01:47:32 PM
ईटानगर। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने अरुणाचल प्रदेश के अलॉन्ग यिंकियोंग सड़क स्थित सियोम पुल पर एक कार्यक्रम में सीमा सड़क संगठन की 724 करोड़ रुपये की 28 बीआरओ इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं का उद्घाटन किया है। इनमें सियोम सहित 22 पुल, उत्तरी और उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों के सात सीमावर्ती राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में तीन सड़क और तीन अन्य परियोजनाएं शामिल हैं। इनमें से लद्दाख में आठ, अरुणाचल प्रदेश में पांच, जम्मू-कश्मीर में चार, सिक्किम, पंजाब एवं उत्तराखंड में तीन-तीन और राजस्थान में दो परियोजनाएं शामिल हैं, इसके अलावा तीन टेलीमेडिसिन नोड्स लद्दाख में दो और मिजोरम में एकका उद्घाटन किया गया है। रक्षामंत्री ने इस अवसर पर सशस्त्र बलों की परिचालन तैयारियों को बढ़ाने और सुदूर क्षेत्रों के सामाजिक एवं आर्थिक विकास को सुनिश्चित करने केलिए सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास की दिशामें सरकार और बीआरओ के ठोस प्रयासों केलिए एक संकल्प के प्रमाण के रूपमें इन परियोजनाओं का वर्णन किया।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहाकि नरेंद्र मोदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता सीमावर्ती क्षेत्रों को जोड़ना और यहांके निवासियों का विकास सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहाकि इसका उद्देश्य लगातार विकसित हो रही वैश्विक परिदृश्य के कारण होनेवाली भविष्य की चुनौतियों के खिलाफ प्रभावी ढंग से निपटने केलिए एक मजबूत और आत्मनिर्भर नए भारत का निर्माण करना है, जिसका विश्व भी गवाह बन रहा है। रक्षामंत्री ने कहाकि भारत हमेशा युद्ध के खिलाफ रहा है, यह हमारी नीति है, हाल हीमें प्रधानमंत्री ने उस संकल्प की ओर विश्व का ध्यान आकर्षित किया है, जब उन्होंने कहाकि यह युद्ध का युग नहीं है, हम युद्ध में विश्वास नहीं रखते, लेकिन अगर यह हमपर थोपा गया तो हम जरूर लड़ेंगे। रक्षामंत्री ने कहाकि हम यह सुनिश्चित कर रहे हैंकि राष्ट्र सभी तरह के खतरों से सुरक्षित है, हमारे सशस्त्र बल तैयार हैं और यह देखकर प्रसन्नता होरही है कि बीआरओ उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहा है। रक्षामंत्री ने सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास के माध्यम से देशकी सुरक्षा को मजबूत करने में बीआरओ की निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया।
रक्षामंत्री ने कहाकि हालही में सुरक्षाबलों ने बहादुरी और सतर्कता से उत्तरी क्षेत्र में दुश्मन का प्रभावी ढंग से सामना किया है, यह क्षेत्र में पर्याप्त ढांचागत विकास के कारण संभव हुआ है, यह हमें सुदूर क्षेत्रों की प्रगति केलिए और भी अधिक प्रेरित करता है। रक्षामंत्री ने बुनियादी ढांचे के विकास को सीमावर्ती क्षेत्रों में रहनेवाले लोगों केलिए बहुत बड़ा बदलाव बताया। उन्होंने इस बातपर जोर दियाकि सरकार उत्तर-पूर्व क्षेत्र के विकास पर विशेष ध्यान दे रही है, इससे देशकी सुरक्षा व्यवस्था मजबूत हुई है। राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों और स्थानीय लोगों की सहायता करने को लेकर इस संगठन के अथक प्रयासों केलिए एक नया नारा दिया बीआरओ देश का ब्रो (भाई) है। एक प्रसिद्ध कथन 'यह मंजिल नहीं है, यह यात्रा है' का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहाकि सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क के बुनियादी ढांचे का निर्माण बीआरओ केलिए एक यात्रा है और एक मजबूत एवं समृद्ध भारत इसकी मंजिल होनी चाहिए।
अलॉन्ग यिंकियोंग सड़क कार्यक्रम में रणनीतिक रूपसे महत्वपूर्ण सियोम ब्रिज का निर्माण अरुणाचल प्रदेश के सियोम नदी पर किया गया है, यह एक अत्याधुनिक 100 मीटर लंबा, क्लास 70 स्टील आर्क सुपरस्ट्रक्चर पुल है। रक्षामंत्री ने तीन टेलीमेडिसिन नोड्स का भी ई-उद्घाटन किया, ये वीसैट उपग्रह संचार प्रणाली से सेवा प्रदान करनेवाले अस्पतालों से जुड़ेंगे, यह सैटकॉम वीसैट संचार का उपयोग करके सेवा प्रदान करने वाले अस्पतालों में विशेषज्ञों केसाथ टेलीमेडिसिन परामर्श के जरिए चिकित्सा और सर्जिकल आपात स्थितियों केलिए त्वरित चिकित्सा सुविधा प्रदान करेगा। यह अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के उपयोग के जरिए सुदूर सीमावर्ती क्षेत्रों में कर्मियों को चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के संबंध में बीआरओ की अद्वितीय उपलब्धियों मेसे एक है। रक्षामंत्री ने आशा व्यक्त कीकि ये नोड स्थानीय लोगों की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों केलिए सहायक साबित होंगे।
बीआरओ ने अबतक 2,897 करोड़ रुपये की लागत से 103 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को समर्पित किया है। इससे पहले 2021 में राष्ट्र को 2,229 करोड़ रुपये की लागत से बीआरओ की 102 परियोजनाओं को समर्पित किया गया था। रक्षामंत्री ने कहाकि कुछ वर्ष में कठिन जगहों पर चुनौतीपूर्ण मौसम की स्थिति के बावजूद समर्पण और तेजगति से बीआरओ ने विकास कार्यों को पूरा किया है, जो उल्लेखनीय और प्रशंसनीय है। रक्षामंत्री ने नई तकनीकों पर एक सार संग्रह भी जारी किया, इसमें सुदूर और दुश्मनी वाले इलाके में प्रतिकूल मौसम की स्थिति के प्रभावों, जो सिविल इंजीनियरिंग कार्यों की गुणवत्ता और समापन समयसीमा पर बुरा असर डालता है को दूर करने केलिए सड़क, पुल, हवाई क्षेत्रों और सुरंग के बुनियादी ढांचे के निर्माण में बीआरओ की अपनाई जारही नवीनतम तकनीकों को शामिल किया गया है। इस दौरान अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, पूर्वी अरुणाचल के सांसद तापिर गाओ, पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कलिता और स्पीयर कॉर्प्स के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल आरसी तिवारी उपस्थित थे।