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मध्य प्रदेश में शुरू हुई ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट

प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश में निवेश के विविध अवसरों पर प्रकाश डाला

'आध्यात्म से पर्यटन शिक्षा कौशल तक मध्य प्रदेश अद्भुत और सजग है'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 11 January 2023 05:07:43 PM

pm highlights various investment opportunities in madhya pradesh

इंदौर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज इंदौर में मध्य प्रदेश ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट को वीडियो संदेश से संबोधित करते हुए कहा हैकि यह शिखर सम्मेलन मध्य प्रदेश में निवेश के विविध अवसरों को प्रदर्शित करेगा। प्रधानमंत्री ने निवेशकों और उद्यमियों का गर्मजोशी से स्वागत किया और एक विकसित भारत के निर्माण में मध्य प्रदेश की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहाकि आस्था और अध्यात्म से पर्यटन तक, कृषि से शिक्षा और कौशल विकास तक मध्यप्रदेश एक अद्भुत गंतव्य है। प्रधानमंत्री ने बतायाकि शिखर सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है, जब भारत के अमृतकाल का स्वर्ण युग शुरू हो चुका है और हमसभी एक विकसित भारत के निर्माण केलिए मिलकर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहाकि जब हम विकसित भारत की बात करते हैं तो यह सिर्फ हमारी एस्पिरेशन नहीं है, बल्कि यह हर भारतीय का संकल्प है। प्रधानमंत्री ने आईएमएफ के बारेमें बताया, जो भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक उज्ज्वल स्थान के रूपमें देखता है और विश्व बैंक जिसने पहले ही बताया हैकि भारत कई अन्य देशों की तुलना में वैश्विक तौरपर विपरीत परिस्थितियों से निपटने में बेहतर स्थिति में है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के मजबूत मैक्रोइकॉनॉमिक फंडामेंटल्स को श्रेय दिया और ओईसीडी के बारेमें बताया, जिसने दावा किया हैकि भारत इस साल जी20 समूह में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं मेसे एक होगा। मॉर्गन स्टैनली का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत अगले 4-5 साल में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहाकि मैकिन्से के सीईओ ने घोषणा की हैकि न केवल वर्तमान दशक, बल्कि स्वयं यह सदी भी भारत की है। प्रधानमंत्री ने कहाकि विश्व अर्थव्यवस्था को ट्रैक करने वाली संस्थाओं और विश्वसनीय आवाजों का भारत में अभूतपूर्व विश्वास है, वैश्विक निवेशक भी समान आशावाद की अभिव्यक्ति करते हैं। प्रधानमंत्री ने एक प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय बैंक के सर्वेक्षण के बारेमें बताया जिसमें पाया गयाकि अधिकांश निवेशक भारत को अपने निवेश गंतव्य के रूपमें पसंद करते हैं और भारत रिकॉर्ड तोड़ एफडीआई प्राप्त कर रहा है। उन्होंने राष्ट्र केप्रति दिखाई गई मजबूत आशावाद केलिए मजबूत लोकतंत्र, युवा जनसांख्यिकी और भारत की राजनीतिक स्थिरता को श्रेय दिया और भारत के उन फैसलों पर प्रकाश डाला, जो ईज ऑफ लिविंग और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देते हैं।
आत्मनिर्भर भारत अभियान पर प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत निवेश केलिए एक आकर्षक गंतव्य बन गया है, जहां 2014 से भारत ने 'सुधार, परिवर्तन और प्रदर्शन' का मार्ग अपनाया है, यहां तककि एक सदी में एकबार आने वाली महामारी के दौरान भी हम सुधारों के रास्ते पर चलते रहे। प्रधानमंत्री ने कहाकि एक स्थिर, निर्णायक, सही इरादों केसाथ चलने वाली सरकार अभूतपूर्व गति से विकास दर्शाती है। प्रधानमंत्री ने बैंकिंग क्षेत्रमें पुनर्पूंजीकरण और शासन से संबंधित सुधारों का उदाहरण दिया जैसे-आईबीसी की तरह एक आधुनिक संकल्प ढांचा तैयार करना, जीएसटी के रूपमें वन नेशन वन टैक्स जैसी प्रणाली बनाना, कॉर्पोरेट टैक्स को विश्व स्तरपर प्रतिस्पर्धी बनाना, सॉवरेन वेल्थ फंड को छूट देना और पेंशन फंड को कर से मुक्त करना, कई क्षेत्रों में स्वत: मार्ग से शत-प्रतिशत एफडीआई की अनुमति देना, छोटी-मोटी आर्थिक गलतियों को अपराध की श्रेणी से बाहर करना और ऐसे सुधारों के माध्यम से निवेश के मार्ग में आने वाली बाधाओं को दूर करना। उन्होंने निजी क्षेत्र की ताकत पर भारत की समान निर्भरता पर भी जोर दिया और बतायाकि रक्षा, खनन और अंतरिक्ष जैसे कई रणनीतिक क्षेत्र प्राइवेट सेक्टर केलिए खुल गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि दर्जनों श्रम कानूनों को 4 संहिताओं में शामिल किया गया है, जो अपने आपमें एक बड़ा कदम है। उन्होंने अनुपालन के बोझ को कम करने केलिए केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर चल रहे अभूतपूर्व प्रयासों की चर्चा करते हुए बतायाकि कुछ वर्ष में लगभग 40,000 अनुपालन हटा दिए गए हैं, नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम की शुरुआत केसाथ, इसकेतहत अबतक लगभग 50 हजार स्वीकृतियां दी जा चुकी हैं। देशमें निवेश की संभावनाओं को जन्म देने वाले आधुनिक और बहुआयामी बुनियादी ढांचे के विकास पर प्रधानमंत्री ने कहाकि 8 वर्ष में देशमें ऑपरेशनल एयरपोर्ट्स की संख्या केसाथ राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण की गति दोगुनी हो गई है। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत की पोर्ट्स हैंडलिंग कैपेसिटी और पोर्ट टर्नअराउंड में अभूतपूर्व सुधार आया है। उन्होंने कहाकि डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, एक्सप्रेसवे, लॉजिस्टिक पार्क न्यू इंडिया की पहचान बन रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम गतिशक्ति भारत में बुनियादी ढांचे के निर्माण केलिए एक राष्ट्रीय मंच है, जिसने राष्ट्रीय मास्टर प्लान का रूप ले लिया है, इसपर सरकारों, एजेंसियों और निवेशकों से जुड़े अपडेटेड डेटा उपलब्ध हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि हमने भारत को दुनिया का सबसे प्रतिस्पर्धी लॉजिस्टिक्स बाजार बनाने के उद्देश्य से अपनी राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति लागू की है।
प्रधानमंत्री ने देश के डिजिटल बुनियादी ढांचे केबारे में कहाकि भारत स्मार्टफोन डेटा खपत, ग्लोबल फिनटेक और आईटी-बीपीएन आउटसोर्सिंग वितरण में पहले स्थान पर है। उन्होंने कहाकि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा विमानन और ऑटो बाजार है। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत एक तरफ तो हर गांव में ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क मुहैया करा रहा है, वहीं दूसरी तरफ 5जी नेटवर्क का तेजी से विस्तार कर रहा है। उन्होंने कहाकि 5जी, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और एआई की मदद से हर उद्योग और उपभोक्ता केलिए नए अवसर पैदा हो रहे हैं और इससे भारत में विकास की गति तेज होगी। प्रधानमंत्री ने उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं को श्रेय दिया, जहां 2.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक की प्रोत्साहन राशि की घोषणा की गई है। दुनियाभर के निर्माताओं केबीच इसकी लोकप्रियता देखते हुए प्रधानमंत्री ने बतायाकि मध्यप्रदेश में अबतक विभिन्न क्षेत्रों में 4 लाख करोड़ रुपये मूल्य का उत्पादन हुआ है, जिसमें सैकड़ों करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। उन्होंने मध्य प्रदेश को एक बड़ा फार्मा और टेक्सटाइल हब बनाने में पीएलआई योजना के महत्व के बारेमें बताया।
प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश आनेवाले निवेशकों से पीएलआई योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाने का आग्रह करता किया। हरित ऊर्जा को लेकर भारत की आकांक्षाओं पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने बतायाकि सरकार ने कुछ दिन पहलेही हरित हाइड्रोजन मिशन को मंजूरी दी है, जिससे करीब 8 लाख करोड़ रुपये के निवेश की संभावनाएं बनेंगी। उन्होंने कहाकि यह न केवल भारत केलिए निवेश आकर्षित करने का अवसर है, बल्कि हरित ऊर्जा की वैश्विक मांगों को पूरा करने काभी अवसर है। प्रधानमंत्री ने निवेशकों से इस महत्वाकांक्षी मिशन में अपनी भूमिका तलाशने का आग्रह किया, क्योंकि इस अभियान के तहत हजारों करोड़ रुपये के प्रोत्साहन की व्यवस्था की गई है। प्रधानमंत्री ने भारत केसाथ-साथ एक नई वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला बनाने की आवश्यकता पर बल देते हुए स्वास्थ्य, कृषि, पोषण, कौशल और नवाचार के क्षेत्र में नई संभावनाओं पर प्रकाश डाला।

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