स्वतंत्र आवाज़
word map

पनडुब्बी 'वागीर' भारतीय नौसेना में शामिल

हमारे शिपयार्डों की विशेषज्ञता का शानदार प्रमाण-नौसेनाध्यक्ष

रडार से ओझल होने में सक्षम है स्कॉर्पीन श्रेणी की ये पनडुब्बी

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 24 January 2023 01:15:24 PM

submarine 'vagir' commissioned into indian navy

मुंबई। भारतीय नौसेना कमान के शस्त्रागार में एक और शक्तिशाली हथियार के रूपमें रडार से बच निकलने में सक्षम स्कॉर्पीन श्रेणी की पांचवीं पनडुब्बी आईएनएस वागीर को नौसेना में शामिल कर लिया गया है। फ्रांस के मैसर्स नेवल ग्रुप के सहयोग से मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड में भारत की इस तरह की छह स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों का निर्माण किया जा रहा है। आईएनएस वागीर पश्चिमी नौसेना कमान के पनडुब्बी बेड़े का हिस्सा होगी। वागीर को प्रोजेक्ट 75 (पी75) केतहत 12 नवंबर 2020 को लॉंच किया गया था और समुद्री परीक्षणों के पूरा होने केबाद 20 दिसंबर 2022 को भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया था। वागीर को अबतक की सभी स्वदेश निर्मित पनडुब्बियों में सबसे कम निर्माण समय होने का गौरव प्राप्त हुआ है।
स्कॉर्पीन पनडुब्बियां बेहद शक्तिशाली प्लेटफॉर्म हैं, इसका रडार सिस्टम दुनिया से सबसे बेहतरीन रडार सिस्टम मेसे एक है और यह हर प्रकार से किसी भी रडार से बचने में सक्षम है। वागीर लंबी दूरी की गाइडेड टॉरपीडो केसाथ युद्धपोत रोधी मिसाइलों सेभी लैस है। इन पनडुब्बियों में अत्याधुनिक सोनार सुइट और उत्कृष्ट परिचालन क्षमताओं का परिचय देने वाला सेंसर सूट मौजूद है। नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर हरिकुमार ने इस अवसर पर कहाकि आईएनएस वागीर भारतीय नौसेना की परिचालन शक्ति को महत्वपूर्ण प्रोत्साहन और किसीभी शत्रु के विरुद्ध एक शक्तिशाली रक्षक के रूपमें कार्य करेगी। नौसेनाध्यक्ष ने इस तथ्य का उल्लेख भी कियाकि वागीर 24 महीने की छोटीसी अवधि में नौसेना में शामिल होनेवाली तीसरी पनडुब्बी है। उन्होंने कहाकि यह उपलब्धि भारत के युद्धपोत निर्माण उद्योग के आनेवाले युग तथा हमारे डिफेंस इकोसिस्टम की परिपक्वता को रेखांकित करता है।
नौसेनाध्यक्ष ने कहाकि यह सफलता दुष्कर एवं जटिल सैन्य उपकरणों तथा प्लेटफॉर्म के निर्माण केलिए हमारे शिपयार्डों की विशेषज्ञता एवं अनुभव का एक शानदार प्रमाण है और यह वर्ष 2047 तक पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनने केलिए भारतीय नौसेना की स्पष्ट प्रतिबद्धता तथा दृढ़ संकल्प को और भी सशक्त करने का कार्य करता है। नौसेनाध्यक्ष ने मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक और कर्मियों को उनके सराहनीय प्रयासों केलिए बधाई दी। उन्होंने कहाकि एमडीएल भारतीय नौसेना केलिए एक करीबी तथा महत्वपूर्ण भागीदार है और यह 'खरीदने वाली नौसेना' से 'निर्माण करने वाली नौसेना' में परिवर्तन केलिए सबसे आगे रहा है। नौसेनाध्यक्ष ने कमीशनिंग क्रू की सराहना करते हुए भविष्य केलिए अपना विश्वास व्यक्त किया। उन्होंने कहाकि आपमें से हर एक अपना कर्तव्य निभाएगा और हर जिम्मेदारी को अच्छी तरह से पूरा करेगा। उन्होंने कहाकि वागीर गर्व केसाथ राष्ट्र की सेवा करेगी और नौसेना की उच्चतम परंपराओं से निर्देशित होगी। गौरतलब हैकि वागीर को सैंड शार्क के नाम से भी जाना जाता है, गोपनीयता और निडरता का प्रतिनिधित्व करती है, इन्हीं दो गुणों की वजह से इस पनडुब्बी को यह नाम दिया गया है।
वागीर पनडुब्बी का आदर्श वाक्य साहस, शौर्य, समर्पण पराक्रम, वीरता और निष्ठा के आधारभूत मूल्यों का प्रतीक है। ये मूल्य सभी परिस्थितियों में विजयी होने केलिए अपनी चरम दक्षता पर सभी कार्यों को पूरा करने तथा कठिन परिस्थितियों का सामना करने पर तालमेल बिठाने की क्षमता को दर्शाते हैं। यह आदर्श वाक्य नौसेना से आत्मसात किया है, जो उन्हें प्रतिकूल परिस्थितियों से उबरने केलिए प्रेरित करता है। पनडुब्बी के आदर्श वाक्य का उद्देश्य सबसे कठिन परिस्थितियों मेभी आत्मविश्वास बनाए रखना है, जिससे निर्भीक और साहसी बने रहने केलिए मनोबल प्राप्त हो और भारतीय नौसेना को 'तेज तथा तत्पर' रखा जा सके। वागीर को शामिल करना भारतीय नौसेना के आधुनिकीकरण की दिशामें एक और सफल कदम है, जो एक निर्माता की तरह नौसेना की विशिष्ट स्थिति को मजबूत करता है, साथही यह दुनिया के एक प्रमुख युद्धपोत और पनडुब्बी निर्माण यार्ड के रूपमें एमडीएल की क्षमताओं का प्रतिबिंब भी है।
प्रोजेक्ट-75 रक्षा उत्पादन के क्षेत्रमें यार्ड की निरंतर सफलता में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। वागीर की शुरुआत आजादी के अमृत महोत्सव समारोह केसाथ हो रही है। इस स्वदेशी पनडुब्बी का कमीशन करना एकबार फिर शानदार बदलाव को दर्शाता है और आत्मनिर्भर भारत की ओर अपना ध्यान केंद्रित करता है। भारतीय पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ वाइस एडमिरल एबी सिंह, एमडीएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक वाइस एडमिरल नारायण प्रसाद (सेवानिवृत्त) और रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ सैन्य तथा असैन्य अधिकारी इसके कमीशनिंग समारोह में उपस्थित थे। भूतपूर्व 'वागीर' रूसी मूल की फॉक्सट्रॉट श्रेणी की एक पनडुब्बी को 2001 में सेवामुक्त कर दिया गया था, इसके चालक दल के सदस्य इस समारोह में विशेष रूपसे आमंत्रित थे और तत्कालीन कमीशनिंग ऑफिसर आरएडीएम के राजा मेनन (सेवानिवृत्त) भी इस दौरान उपस्थित थे।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]