स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Tuesday 24 January 2023 01:19:25 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने नई दिल्ली में एक समारोह में 11 बच्चों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार-2023 प्रदान किए। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहाकि बच्चे हमारे देश की अमूल्य संपत्ति हैं, उनके भविष्य के निर्माण केलिए किया गया हर प्रयास हमारे समाज और देश के भविष्य को विविध स्वरुप प्रदान करेगा। उन्होंने कहाकि हमें बच्चों के सुरक्षित और खुशहाल बचपन तथा उज्ज्वल भविष्य केलिए हरसंभव प्रयास करने चाहिएं। राष्ट्रपति ने कहाकि बच्चों को पुरस्कार देकर हम राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को प्रोत्साहित और सम्मानित कर रहे हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार केलिए जिन क्षेत्रों को शामिल किया गया है, वे चरित्र निर्माण तथा समाज और संस्कृति के समग्र विकास से जुड़े हुए हैं, इस प्रकार की परिकल्पना केलिए मैं महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी और उनकी पूरी टीम की सराहना करती हूं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि उन्हें बताया गया हैकि एक राष्ट्रीय चयन समिति ने विभिन्न संस्थानों और संगठनों केसाथ किएगए परामर्श को ध्यान में रखकर पुरस्कार विजेताओं का चयन किया है, ऐसी प्रक्रिया के कारण पुरस्कारों की विश्वसनीयता और महत्ता बढ़ती है, मैं चयन समिति के सभी सदस्यों को साधुवाद देती हूं। राष्ट्रपति ने कहाकि कुछ पुरस्कार विजेताओं ने इतनी कम उम्र में ही इतना अदम्य साहस और पराक्रम दिखाया हैकि उनके बारेमें जानकर न केवल आश्चर्य हुआ, बल्कि मैं अभिभूत हो गई, उनके उदाहरण सभी बच्चों और युवाओं केलिए प्रेरणादायी हैं। उन्होंने कहाकि इस संदर्भ में भारत सरकार की वीर बाल दिवस मनाए जानेकी पहल बहुत ही सराहनीय है, स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसको ऊर्जा प्रदान की है, इस पहल को आगे बढ़ाते हुए 'भारत के युवा नायक' नामक पुस्तक का विमोचन एक महत्वपूर्ण कदम है, गुरु गोबिंद सिंह के साहिबजादों के अमर बलिदान से लेकर ओडिशा के वीर नाविक बालक बाजी राउत, आज़ाद हिंद फौज की वीर किशोरी सरस्वती राजामनी और असम में जन्मी बाल-वीरांगना तिलेश्वरी बरुआ सहित इस पुस्तक में संकलित शौर्य गाथाएं भारत की गौरवशाली परंपरा का स्वर्णिम अध्याय हैं, ऐसी पुस्तकों से हमारे देश के बच्चों और युवाओं में प्रेरणा का संचार होगा।
राष्ट्रपति ने कहाकि हम देशभर में आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, कड़े संघर्षों केबाद हमें आजादी मिली है, इसलिए नई पीढ़ी से यह अपेक्षा की जाती हैकि वे सभी इस स्वतंत्रता के मूल्य को पहचानें और इसकी रक्षा करें। उन्होंने बच्चों को सलाह दीकि वे देशके हित के बारेमें सोचें और जहां भी मौका मिले देश केलिए काम करें। राष्ट्रपति ने कहाकि भारतीय जीवन मूल्यों में परोपकार को सर्वोच्च स्थान दिया गया है, जीवन उन्हीं केलिए सार्थक है, जो दूसरों केलिए जीते हैं, संपूर्ण मानवता केप्रति प्रेम का भाव, पशु-पक्षियों और पौधों की देखभाल की संस्कृति, भारतीय जीवन मूल्यों का अंग है। राष्ट्रपति ने कहाकि उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुईकि आजके बच्चे पर्यावरण केप्रति अधिक जागरुक हैं। उन्होंने बच्चों को कहाकि वे यह ध्यान रखेंकि वे जो कुछभी करते हैं, उससे पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव तो नहीं पड़ रहा है। उन्होंने उनसे पौधे लगाने और उनकी रक्षा करने का आग्रह किया। उन्होंने बच्चों से ऊर्जा बचाने और बड़ों को भी इसके लिए प्रेरित करने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 5 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों को छह श्रेणियों-कला और संस्कृति, बहादुरी, नवाचार, शैक्षिक, सामाजिक सेवा और खेल में उनकी उत्कृष्टता केलिए प्रदान किए जाते हैं। इस वर्ष कला और संस्कृति, बहादुरी, नवाचार, सामाजिक सेवा और खेल की श्रेणियों में पुरस्कार प्रदान किए गए हैं।