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Wednesday 1 February 2023 05:07:10 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज केंद्रीय बजट 2023-24 पेश करते हुए कहा हैकि भारत की आजादी के 75वें वर्ष में दुनिया ने यह भलीभांति स्वीकार कर लिया हैकि भारतीय अर्थव्यवस्था एक 'चमकता सितारा' है, क्योंकि कोविड-19 और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक स्तरपर व्यापक सुस्ती दर्ज किए जानेके बावजूद भारत की आर्थिक विकास दर 7 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जोकि सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सर्वाधिक है। वित्तमंत्री ने कहाकि भारतीय अर्थव्यवस्था बिल्कुल सही पथ पर बड़ी तेजीसे बढ़ रही है और मौजूदा समय में तरह-तरह की चुनौतियां रहने केबावजूद भारत उज्ज्वल भविष्य कीओर अग्रसर है। निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट की सात प्राथमिकताएं गिनाईं और कहाकि ये सभी एक-दूसरे की पूरक हैं और ये ‘सप्तऋषि’ के रूपमें कार्य कर रही हैं, जो अमृतकाल में हमारा मार्गदर्शन कर रही हैं, समावेशी विकास, अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना, अवसंरचना एवं निवेश, संभावनाओं को उन्मुक्त करना, हरित विकास, युवा शक्ति और वित्तीय क्षेत्र सप्तऋषि हैं।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इस ओर ध्यान दिलाया कि वैश्विक चुनौतियों के मौजूदा समय में जी20 की अध्यक्षता ने भारत को विश्व आर्थिक व्यवस्था में अपनी भूमिका को मजबूत करने का अनूठा अवसर प्रदान किया है। वित्तमंत्री ने कहाकि वसुधैव कुटुम्बकम की थीम केसाथ भारत वैश्विक चुनौतियों से निपटने केसाथ सतत आर्थिक विकास को संभव करने केलिए एक महत्वाकांक्षी जनकेंद्रित एजेंडे को बढ़ा रहा है। निर्मला सीतारमण ने कहाकि वर्ष 2014 सेही निरंतर जारी सरकारी प्रयासों केतहत नागरिकों केलिए बेहतर जीवनस्तर और सम्मानित जीवन सुनिश्चित किया गया है और प्रतिव्यक्ति आय दोगुनी से भी अधिक होकर 1.97 लाख रुपये हो गई है। उन्होंने कहाकि इन 9 वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार काफी विशाल हो गया है और वह दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से आगे निकलकर अब 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है, इसके अलावा देशकी अर्थव्यवस्था में औपचारिकरण बढ़ गया है जैसाकि ईपीएफओ की बढ़ती सदस्यता से स्पष्ट होता है, जोकि दोगुनी सेभी अधिक होकर 27 करोड़ हो गई है और इसी तरह वर्ष 2022 में यूपीआई के जरिए 126 लाख करोड़ रुपये के कुल 7400 करोड़ डिजिटल भुगतान हुए हैं। उन्होंने कहाकि बजट 2023-24 में कुल प्राप्तियां और कुल व्यय क्रमशः 27.2 लाख करोड़ रुपये और 45 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया गया है।
निर्मला सीतारमण ने कहाकि यह उम्मीद की जा रही हैकि पिछले बजट में डाली गई मजबूत नींव और भारत@100, जिसमें एक समृद्ध एवं समावेशी भारत की परिकल्पना की गई है, केलिए तैयार किएगए ब्लूप्रिंट के सहारे भारत एक ऐसे मुकाम पर पहुंच जाएगा, जहां आर्थिक विकास के फल सभी क्षेत्रों एवं समस्त नागरिकों विशेषकर हमारे युवाओं, महिलाओं, किसानों, ओबीसी, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों तक निश्चित रूपसे पहुंचेंगे। वित्तमंत्री ने कहाकि ‘कोई पीछे न छूट जाए’ मंत्र ने देश के समावेशी विकास के रूपमें परिणाम दिया है, अनेक योजनाओं के प्रभावकारी कार्यांवयन और सभीको लक्षित लाभ देनेकी बदौलत समावेशी विकास सुनिश्चित हुआ है। उन्होंने कुछ योजनाओं का उल्लेख किया जैसेकि स्वच्छ भारत मिशन केतहत 11.7 करोड़ घरेलू शौचालय बनाए गए, उज्ज्वला केतहत 9.6 करोड़ एलपीजी कनेक्शन दिएगए, 102 करोड़ लोगों को कोविड टीके की 220 करोड़ खुराक दी गई, 47.8 करोड़ पीएम जनधन बैंक खाते खोले गए, पीएम सुरक्षा बीमा और पीएम जीवन ज्योति योजना केतहत 44.6 करोड़ लोगों को बीमा कवर दिया गया और पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 11.4 करोड़ से भी अधिक किसानों को 2.2 लाख करोड़ रुपये का नकद हस्तांतरण किया गया है। वित्तमंत्री ने कहाकि भारत की वैश्विक साख निरंतर दमदार होती जा रही है।
नरेंद्र मोदी सरकार के बजट 2023-24 की मुख्य बातें हैं-प्रति व्यक्ति आय करीब 9 वर्ष में दोगुनी होकर 1.97 लाख रुपये हो गई है। भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार बढ़ा है और यह पिछले 9 साल में विश्व की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यस्था बन गई है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में सदस्यों की संख्या दोगुनी से अधिक होकर 27 करोड़ तक पहुंच गई है। वर्ष 2022 में यूपीआई के माध्यम से 126 लाख करोड़ रुपये के 7,400 करोड़ डिजिटल भुगतान किए गए हैं। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत 11.7 करोड़ घरों में शौचालय बनाए गए हैं। उज्ज्वला योजना के तहत 9.6 करोड़ एलपीजी कनेक्शन दिएगए, 102 करोड़ लोगों को लक्षित करते हुए कोविड रोधी टीकाकरण का आंकड़ा 220 करोड़ से पार, 47.8 करोड़ प्रधानमंत्री जनधन बैंक खाते खोले गए। पीएम सुरक्षा बीमा योजना और पीएम जीवन ज्योति योजना के अंतर्गत 44.6 करोड़ लोगों को बीमा कवरेज। पीएम सम्मान किसान निधि के तहत 11.4 करोड़ किसानों को 2.2 लाख करोड़ रुपये का नकद हस्तांतरण। आत्मनिर्भर स्वच्छ पादप कार्यक्रम का शुभारंभ 2,200करोड़ रुपये के प्रारंभिक परिव्यय केसाथ उच्च गुणवत्ता वाली बागवानी फसल केलिए रोगमुक्त तथा गुणवत्तापूर्ण पौध सामग्री की उपलब्धता बढ़ाने की उद्देश्य से किया जाएगा। वर्ष 2014 से स्थापित मौजूदा 157 चिकित्सा महाविद्यालयों के साथ ही संस्थानों में 157 नए नर्सिंग कॉलेज खोले जाएंगे। अगले तीन वर्ष में 3.5 लाख जनजातीय विद्यार्थियों केलिए 740 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों में 38,800 अध्यापकों तथा सहयोगी कर्मचारियों को नियुक्त किया जाएगा।
पीएम आवास योजना केलिए परिव्यय 66 प्रतिशत बढ़ाकर 79,000 करोड़ रुपये किया गया है। रेलवे केलिए 2.40 लाख करोड़ रुपये की पूंजीगत निधि का प्रावधान, जो 2013-14 में उपलब्ध कराई गई धनराशि से 9 गुना अधिक और अबतक की सर्वाधिक राशि है। शहरी अवसंरचना विकास कोष की स्थापना प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में आई ऋण की कमी के उपयोग के माध्यम से होगी। इसका प्रबंधन राष्ट्रीय आवास बैंक करेगा और इसका उपयोग टीयर 2 तथा टीयर 3 शहरों में शहरी अवसंरचना के निर्माण केलिए सार्वजनिक एजेंसियां करेंगी। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम, बड़े व्यवसाय तथा चेरिटेबल ट्रस्टों केलिए निकाय डिजीलॉकर की स्थापना की जाएगी, जिससे आवश्यक दस्तावेज़ों को ऑनलाइन साझा और सुरक्षित रखने में आसानी होगी। 5जी सेवाओं पर आधारित एप्लीकेशन विकसित करने केलिए 100 लैब्स स्थापित की जाएंगी, जिनसे नये अवसरों, बिजनेस मॉडलों और रोज़गार संबंधी संभावनाओं को तलाशने में सहायता मिलेगी। चक्रीय अर्थव्यवथा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गोबरधन (गैल्वनाइजिंग आर्गेनिक बायो-एग्रो रिसोर्सिज धन) योजना केतहत 10,000 हजार करोड़ रुपये के कुल निवेश केसाथ 500 नए अपशिष्ट से आमदनी संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। प्राकृतिक और बॉयोगेस का विपणन कर रहे सभी संगठनों केलिए 5 प्रतिशत का कम्प्रेस्ड बायोगैस अधिशेष भी लाया जाएगा।
केंद्र सरकार अगले तीन वर्ष में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने केलिए प्रोत्साहित करेगी और उनकी सहायता करेगी, इसके लिए राष्ट्रीय स्तरपर वितरित सूक्ष्म उर्वरक और कीट नाशक विनिर्माण नेटवर्क तैयार करते हुए 10,000 बायो-इनपुट रिसोर्स केंद्र स्थापित किए जाएंगे। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 को अगले तीन वर्ष में लाखों युवाओं को कौशल सम्पन्न बनाने केलिए शुरू की जाएगी और इसमें उद्योग जगत 4.0 से संबंधित नई पीढ़ी के आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, मेकाट्रॉनिक्स, आईओटी, 3डी प्रिंटिंग, ड्रोन और सॉफ्ट स्किल जैसे पाठ्यक्रम शामिल किए जाएंगे। विभिन्न राज्यों से कुशल युवाओं को अंतर्राष्ट्रीय अवसर उपलब्ध कराने केलिए 30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर स्थापित किए जाएंगे। एमएसएमई केलिए ऋण गारंटी योजना को नवीनीकृत किया गया है। यह पहली अप्रैल 2023 से कार्प्स में 9,000 करोड़ रुपये जोड़कर क्रियांवित होगी। इसके अतिरिक्त योजना के माध्यम से 2 लाख करोड़ रुपये का संपार्श्विक मुक्त गांरटीयुक्त ऋण संभव हो पाएगा। इसके अलावा ऋण की लागत में करीब 1 प्रतिशत की कमी आएगी। कंपनी अधिनियम के अंतर्गत क्षेत्रीय कार्यालय में दाखिल विभिन्न फॉर्मों के केंद्रीकृत प्रबंधन के माध्यम से कंपनियों की त्वरित कार्रवाई केलिए एक केंद्रीय डाटा संसाधन केंद्र की स्थापना की जाएगी। वरिष्ठ नागरिक बचत खाता योजना में अधिकतम जमा की सीमा 15 लाख रुपये से बढ़कर 30 लाख रुपये हो जाएगी।
बजट में लक्षित राजकोषीय घाटा 2025-26 तक 4.5 प्रतिशत से नीचे रहने का अनुमान लगाया गया है। युवा उद्यमी ग्रामीण क्षेत्रों में एग्री-स्टार्टअप्स शुरू कर सकें, इसके लिए कृषि वर्धक निधि की स्थापना की जाएगी। भारत को ‘श्री अन्न’ केलिए वैश्विक केंद्र बनाने के उद्देश्य से हैदराबाद के भारतीय मोटा अनाज अनुसंधान संस्थान को उत्कृष्टता केंद्र के रूपमें बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे यह संस्थान सर्वश्रेष्ठ कार्यप्रणालियों, अनुसंधान तथा प्रौद्योगिकियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर साझा कर सके। कृषि ऋण के लक्ष्य को पशुपालन, डेयरी और मत्स्य उद्योग को ध्यान में रखते हुए 20 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाया जाएगा। पीएम मत्स्य संपदा योजना की एक नई उपयोजना को 6,000 करोड़ रुपये के लक्षित निवेश के साथ शुरू किया जाएगा, जिसका उद्देश्य मछली पालकों, मत्स्य विक्रेताओं और सूक्ष्म तथा लघु उद्योगों को अधिक सक्षम बनाना है। इससे मूल्य श्रृंखला दक्षताओं में सुधार लाया जाएगा तथा बाजार तक पहुंच को बढ़ाया जाएगा। कृषि केलिए डिजिटल जन-अवसंरचना को एग्री-टेक उद्योग और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक सहयोग प्रदान करने और किसान केंद्रित समाधान उपलब्ध कराने के उद्देश्य से तैयार किया जाएगा। सरकार ने 2,516 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 63,000 प्राथमिक कृषि ऋण सोसाइटियों के कंप्यूटरीकरण कार्य शुरू किया है। व्यापक विकेंद्रीकृत भंडारण क्षमता बढ़ाने का प्रावधान किया गया है, जिससे किसानों को अपने उत्पादों का सुरक्षित भंडारण करने और उचित समय पर उनकी बिक्री करके लाभकारी मूल्य प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।
सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन कार्यक्रम जल्द ही शुरू होगा। सहयोगपरक अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने केलिए चुनिंदा आईसीएमआर प्रयोगशालाओं के माध्यम से संयुक्त सार्वजनिक और निजी चिकित्सा अनुसंधान को बढ़ावा दिया जाएगा। औषधि निर्माण में अनुसंधान को बढ़ावा देने केलिए एक नया कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। विकास संभावना एवं रोज़गार सृजन, निजी निवेश में बढ़ती भीड़ और वैश्चिक खिलाड़ियों को टक्कर देने केलिए 10 लाख करोड़ का पूंजी निवेश, जो निरंतर 3 वर्ष में 33 प्रतिशत की वृद्धि है। स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, कृषि, जल संसाधन, वित्तीय समावेशन, कौशल विकास और आधारभूत अवसंरचना जैसे कई क्षेत्रों में सरकारी सेवाओं को बढ़ाने केलिए 500 प्रखंडों को शामिल करते हुए आकांक्षी प्रखंड कार्यक्रम की शुरुआत हुई। अनुसूचित जनजातियों केलिए विकास कार्य योजना केतहत अगले 3 वर्ष में प्रधानमंत्री पीवीटीजी विकास मिशन को लागू करने केलिए 15,000 करोड़ रुपये। बंदरगाहों, कोयला, इस्पात, उर्वरक और खाद्यान्न क्षेत्रों में 100 महत्वपूर्ण परिवहन अवसंरचना परियोजनाओं केलिए 75,000 करोड़ रुपये का निवेश, जिसमें निजी क्षेत्र का 15,000 करोड़ रुपये शामिल है। अवसंरचना में निजी निवेश के अवसरों को बढ़ाने केलिए नया अवसंरचना वित्त सचिवालय स्थापित किया गया। शिक्षकों के प्रशिक्षण केलिए सर्वोत्कृष्ट संस्थान के रूपमें जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान विकसित किए जाएंगे। भूगोल, भाषा सहित कई क्षेत्रों में उत्कृष्ट पुस्तकों की उपलब्धता बढ़ाने केलिए एक राष्ट्रीय डिजिटल बाल एवं किशोर पुस्तकालय की स्थापना की जाएगी।
सतत लघु सिंचाई उपलब्ध कराने और पेयजल केलिए टंकियों को भरने के लिए भद्र परियोजना केलिए केंद्रीय मदद के रूपमें 5300 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। पहले चरण में 1 लाख पुरातन अभिलेखों के डिजिटलीकरण केलिए डिजिटल एपीग्राफी संग्रहालय में ‘भारत शेयर्ड रिपोजटरी ऑफ इनस्क्रिप्शंस’ की स्थापना। केंद्र का प्रभावी पूंजीगत व्यय 13.7 लाख करोड़ रुपये। अवसंरचना में निवेश बढ़ाने और पूरक नीतिगत कार्यों को प्रोत्साहित करने केलिए राज्य सरकारों को 50 साल के ब्याज रहित कर्ज को 1 और साल केलिए जारी रखा जाएगा। शहरों को ‘भविष्य के स्थायी शहरों’ में बदलने केलिए राज्यों और शहरों को शहरी नियोजन सुधारों एवं कार्यों को प्रोत्साहन। सेप्टिक टैंकों और नालों से मानव द्वारा गाद निकालने या सफाई का काम पूरी तरह से मशीनयुक्त बनाने केलिए शहरों को तैयार किया जाएगा। लाखों सरकारी कर्मचारियों को उनका कौशल बढ़ाने और जन केन्द्रित सुविधाएं उपलब्ध कराने योग्य बनाने केलिए एक एकीकृत ऑनलाइन प्रशिक्षण मंच आई-गोट कर्मयोगी का शुभारंभ। कारोबारी सुगमता केलिए 39,000 अनुपालनों को हटा दिया गया और 3,400 से अधिक कानूनी प्रावधानों को अपराधमुक्त कर दिया गया। सरकारी की विश्वसनीयता बढ़ाने की दिशा में 42 केंद्रीय कानूनों में संशोधन केलिए जनविश्वास विधेयक लाया गया। ‘कृत्रिम बुद्धिमता को भारत में बनाएं और कृत्रिम बुद्धिमता से भारत केलिए कार्य कराएं’ के विजन को साकार करने केलिए देश के शीर्ष शैक्षिक संस्थानों में कृत्रिम बुद्धिमता केलिए तीन उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
स्टार्ट-अप्स और शिक्षाविदों द्वारा नवाचार और अनुसंधान शुरू करने केलिए राष्ट्रीय डाटा शासन नीति लाई जाएगी। व्यक्तियों की पहचान और पते के मिलान और अद्यतनीकरण केलिए वन स्टॉप समाधान की व्यवस्था की जाएगी, जिसमें डिजीलॉकर सेवा और आधार का मूलभूत पहचान के रूपमें प्रयोग किया जाएगा। स्थायी खाता संख्या (पैन) का इस्तेमाल विनिर्दिष्ट सरकारी एजेंसियों की सभी डिजिटल प्रणालियों केलिए पैन को सामान्य पहचानकर्ता के रूपमें प्रयोग किया जाएगा, इससे कारोबार करना आसान होगा। कोविड अवधि केदौरान एमएसएमई अपनी संविदाओं को निष्पादित करने में विफल रहे हों तो बोली या निष्पादन प्रतिभूति से संबंधित जब्त धनराशि का 95 प्रतिशत भाग सरकार और सरकारी उपक्रम उन्हें लौटा देंगे। प्रतिस्पर्धी विकास जरूरतों केलिए दुर्लभ संसाधनों को बेहतर तरीके से आबंटित करने केलिए ‘परिणाम आधारित’ वित्त पोषण। न्याय के प्रशासन में दक्षता लाने केलिए 7,000 करोड़ रूपये के परिव्यय से ई-न्यायालय परियोजना का चरण-3 शुरू किया जाएगा। एलजीडी सीड्स और मशीनों के स्वदेश में ही उत्पादन को बढ़ावा देने केलिए और आयात पर निर्भरता घटाने केलिए अनुसंधान और विकास अनुदान प्रदान किया जाएगा। राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन की मदद से अर्थव्यवस्था को निम्न कार्बन सघनता वाली स्थिति में ले जाने, जीवाश्म ईंधन के आयातों पर निर्भरता को कम करने 2030 तक 5 एमएमटी के वार्षिक उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया जाएगा। ऊर्जा-परिवर्तन तथा निवल-शून्य उद्देश्यों और ऊर्जा सुरक्षा की दिशामें प्राथमिकता प्राप्त पूंजीगत निवेशों के लिए 35,000 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है।
अर्थव्यवस्था को धारणीय विकास के मार्ग पर ले जाने केलिए बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणालियों को बढ़ावा दिया जाएगा। लद्दाख से नवीकरणीय ऊर्जा के निष्क्रमण और ग्रिड एकीकरण केलिए अंतर्राज्यीय पारेषण प्रणाली 20,700 करोड़ रूपये के निवेश के साथ निर्मित की जाएगी। ‘पृथ्वी माता के पुनर्रूद्धार, इसके प्रति जागरुकता, पोषण और सुधार हेतु प्रधानमंत्री कार्यक्रम’ राज्यों और संघ राज्य-क्षेत्रों को रसायनिक उर्वरकों के संतुलित प्रयोग तथा इनके स्थान पर वैकल्पिक उर्वरकों के प्रयोग को बढ़ावा देने केलिए प्रोत्साहित करने हेतु शुरू किया जाएगा। मनरेगा, सीएएमपीए कोष और अन्य स्रोतों केबीच तालमेल के माध्यम से तटीय रेखा केसाथ और लवण भूमि पर जहांभी व्यवहार्य हो मेंग्रूव पौधारोपण केलिए तटीय पर्यावास और ठोस आमदनी केलिए मैंग्रूव पहल मिश्टी की शुरूआत की जाएगी। पर्यावरण संरक्षण अधिनियम केतहत हरित ऋण कार्यक्रम को अधिसूचित किया जाएगा, ताकि पर्यावरण की दृष्टि से संधारणीय और उत्तरदायित्वपूर्ण कार्य करने केलिए प्रोत्साहन मिले। अमृत धरोहर योजना को आर्द्र भूमि के इष्टतम उपयोग को बढ़ावा देने तथा जैव-विविधता, कार्बन स्टॉक, पर्यावरणीय-पर्यटन के अवसरों तथा स्थानीय समुदायों केलिए आय सृजन बढ़ाने केलिए अगले तीन वर्ष में कार्यांवित किया जाएगा। एकीकृत स्किल इंडिया डिजिटल प्लेटफॉर्म की शुरूआत करके कौशलवर्द्धन हेतु मांग आधारित औपचारिक कौशलवर्द्धन सक्षम करने, एमएमएमई सहित नियोक्ताओं के साथ जोड़ने और उद्यमिता योजनाओं की सुलभता सुगम करने केलिए डिजिटल तंत्र को और विस्तार प्रदान किया जाएगा।
अखिल भारतीय राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत तीन वर्ष में 47 लाख युवाओं को वृत्तिका सहायता प्रदान करने केलिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर शुरू किया जाएगा। चुनौती मोड के माध्यम से चुने जानेवाले कम से कम 50 पर्यटन गंतव्य को घरेलू और विदेशी पर्यटकों केलिए एक सम्पूर्ण पैकेज के रूपमें विकसित किया जाएगा। देखो अपना देश पहल का उद्देश्य हासिल करने केलिए क्षेत्र विशिष्ट कौशलवर्धन और उद्यमशीलता विकास का समन्वयन स्थापित किया जाएगा। वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के अंतर्गत सीमावर्ती गांव में पर्यटन के बुनियादी ढाचों का विकास किया जाएगा और पर्यटन सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। राज्यों के उनके स्वयं के ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद), जीआई उत्पाद और अन्य हस्तशिल्प उत्पादों को बढ़ावा देने केलिए और उनकी बिक्री करने केलिए एक यूनिटी मॉल स्थापित करने केलिए प्रोत्साहित किया जाएगा। वित्तीय सहायक सूचना की केंद्रीय भंडार के रूपमें काम करने केलिए एक राष्ट्रीय वित्तीय सूचना रजिस्ट्री की स्थापना की जाएगी। इसे ऋण का कुशल प्रवाह संभव हो पाएगा, वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिलेगा और वित्तीय स्थिरता बढ़ेगी। एक नया विधायी ढांचा इस क्रेडिट पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर को भी विनियमित करेगा और इसे आरबीआई केसाथ परामर्श करके डिजाइन किया जाएगा।
आम लोगों और विनियमित संस्थाओं से सुझाव प्राप्त करने केसाथ वित्तीय क्षेत्र के विनियामकों से मौजूदा विनियमों की व्यापक समीक्षा की जाएगी। विभिन्न विनियमों के अंतर्गत आवेदनों पर निर्णय लेने की समयसीमाएं भी निर्धारित की जाएंगी। जीआईएफटी आईएफएससी में व्यापार गतिविधियों को बढ़ाने केलिए कई उपाय किए गए हैं। दोहरे विनियम से बचने केलिए एसईजेड अधिनियम के अंतर्गत आईएफएससीए को शक्तियां प्रदान की जाएंगी। आईएफएससीए, एसईजेड प्राधिकारियों, जीएसटीएन, आरबीआई, सेबी और आईआरडीएआई से पंजीकरण और अनुमोदन केलिए एकल खिड़की आईटी प्रणाली की स्थापना की जाएगी। विदेशी बैंकों के आईएफएससी बैंकिंग इकाइयों द्वारा अधिग्रहण वित्त पोषण की अनुमति दी जाएगी। व्यापार पुनर्वित्त पोषण केलिए एक्जिम बैंक की एक सहायक संस्था की स्थापना की जाएगी। मध्यस्थ, अनुषंगी सेवाओं के लिए और एसईजेड अधिनियम के तहत दोहरे विनियमन से बचने केलिए सांविधिक प्रावधानों केलिए आईएफएससीए अधिनियमों में संशोधन किया जाएगा। विदेशी व्युत्पन्न दस्तावेजों के वैध संविदाओं के रूपमें मान्यता दी जाएगी। बैंक व्यवस्था में सुधार लाने के लिए और निवेशक संरक्षण बढ़ाने केलिए बैंकिंग विनियमन अधिनियम, बैंकिंग कम्पनी अधिनियम और भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम में कुछ संशोधनों का प्रस्ताव कियागया है। डिजिटल निरंतरता समाधान ढूढने वाले देशों केलिए जीआईएफटी आईएफएससी में उनके डाटा दूतावासों की स्थापना सुगम की जाएगी।
प्रतिभूति बाजार में कार्य निष्पादकों और पेशेवरों की क्षमता निर्माण हेतु राष्ट्रीय प्रतिभूति बाजार संस्थान में शिक्षा हेतु मानदंड और स्तर तैयार करने, विनियमित करने, बनाए रखने और प्रवर्तित करने केलिए और डिग्री, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट को मान्यता प्रदान करने हेतु सेबी को सशक्त किया जाएगा। निवेशक शिक्षा और संरक्षण निधि प्राधिकरण से निवेशक अदावी शेयरों और अप्रदत्त लाभांशों का आसानी से पुनः दावा कर सकते हैं, इसके लिए एक एकीकृत आईटी पोर्टल स्थापित किया जाएगा। आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में एक एकल नई लघु बचत योजना महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र शुरू किया जाएगा। महिलाओं या बालिकाओं के नामपर आंशिक आहरण विकल्प केसाथ दो वर्षों की अवधि केलिए 7.5 प्रतिशत की नियत ब्याज दर पर 2 लाख रुपये तक की जमा सुविधा का प्रस्ताव देगा। मासिक आय खाता योजना केलिए अधिकत्तम जमा सीमा को एकल खाते केलिए 4.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 9 लाख रूपये और संयुक्त खाते के लिए 9 लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये किया गया है। राज्यों के निमित संपूर्ण 50 वर्षीय ऋण को वर्ष 2023-24 के अंदर पूंजीगत व्यय पर खर्च किये जाने हैं, इनमें से अधिकांश ऋण व्यय राज्यों के विवेक पर निर्भर करेंगे, परंतु इस ऋण का एक हिस्सा उनके द्वारा वास्तवित पूंजी व्यय को बढ़ाने की शर्त पर दिया जाएगा।
राज्यों को जीएसडीपी के 3.5 प्रतिशत के राजकोषी घाटे की अनुमति होगी, जिसका 0.5 प्रतिशत विद्युत क्षेत्र में सुधार से जोड़ा जाएगा। संशोधित अनुमान 2022-23-उधारियों से इतर कुल प्राप्तियों का संशोधित अनुमान 24.3 लाख करोड़ रुपये है जिसमें से निवल कर प्राप्तियां 20.9 लाख करोड़ रुपये हैं। कुल व्यय का संशोधित अनुमान 41.9 लाख करोड़ रुपये है जिसमें से पूंजीगत व्यय लगभग 7.3 लाख करोड़ रुपये हैं। राजकोषीय घाटे का संशोधित अनुमान जीडीपी का 6.4 प्रतिशत है, जो बजट अनुमान के अनुरूप है। बजट 2023-24 में कुल प्राप्तियां और कुल व्यय क्रमशः 27.2 लाख करोड़ रुपये और 45 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया गया है। निवल कर प्राप्तियां 23.3 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। राजकोषीय घाटा जीडीपी के 5.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। बजट 2023-24 में राजकोषीय़ घाटे का वित्त पोषण करने केलिए दिनांकित प्रतिभूतियों से निवल बाजार उधारियां 11.8 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया गया है। सकल बाजार उधारियां 15.4 लाख करोड़ रूपये होने का अनुमान है। प्रत्यक्ष कर के प्रस्तावों का उद्देश्य कर संरचना की निरंतरता और स्थिरता बनाए रखना, अनुपालन भार को कम करने केलिए विभिन्न प्रावधानों का और सरलीकरण तथा उन्हें युक्तिसंगत बनाना, उद्यमिता की भावना को प्रोत्साहित करना और नागरिकों को कर राहत प्रदान करना। आयकर विभाग अनुपालन को आसान और निर्बाध बनाने के लिए करदाता सेवाओं में सुधार करने का सतत प्रयास कर रहा है। करदाता सेवाओं में और सुधार करने के लिए करदाताओं की सुविधा हेतु अगली पीढ़ी के सामान्य आईटी रिटर्न फार्म लाने और शिकायत निवारण तंत्र को और सुदृढ़ करने की योजना बना रहा है। नई कर व्यवस्था में निजी आयकर में छूट की सीमा को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रूपये कर दिया गया है।
नई कर व्यवस्था में 7 लाख रुपये तक के आय वाले व्यक्तियों को कोई कर का भुगतान नहीं करना होगा। नई व्यक्तिगत आयकर व्यवस्था में स्लैबों की संख्या 6 से घटाकर 5 कर दी गई है और कर छूट की सीमा को बढ़ाकर 3 लाख रूपये कर दिया गया है। इस नई कर व्यवस्था में सभी कर प्रदाताओं को बहुत बड़ी राहत मिलेगी। नई कर व्यवस्था में वेतन भोगी व्यक्ति को 50 हजार रुपए की मानक कटौती का लाभ देने और परिवार पेंशन से 15 हजार तक कटौती करने का प्रस्ताव है। नई कर व्यवस्था में उच्च प्रभार दर 37 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है, इसके फलस्वरूप अधिकतम व्यक्तिगत आयकर दर में 39 प्रतिशत तक की कटौती होगी। गैर सरकारी वेतनभोगी कर्मचारी के सेवानिवृत्ति पर छुट्टी नगदीकरण पर कर छूट की सीमा बढ़ाकर 25 लाख की गई। नई कर व्यवस्था को डिफॉल्ट कर व्यवस्था बनाया जाएगा, हालांकि नागरिकों के लिए पुरानी कर व्यवस्था का लाभ लेने का विकल्प जारी रहेगा। सूक्ष्म उद्यमों और कुछ पेशेवरों के लिए बढ़ी सीमाओं के लिए अनुमानित कराधान के लाभ लेने का प्रस्ताव किया गया है। बढ़ी सीमा वर्ष के दौरान नगदी में लीगई कुल राशि के मामले में लागू होगी, जो कुल सकल प्राप्तियों/ टर्नओवर की 5 प्रतिशत से अधिक नहीं होती है। एमएसएमई को किएगए भुगतान पर हुए व्यय केलिए कटौती को उसी मामले में अनुमति होगी, जब समय पर प्राप्त भुगतानों में एमएसएमई की सहायता के क्रम में वास्तविक रूपसे भुगतान किया गया हो।
नई सहकारी संस्थाएं, जो नई विनिर्माण कंपनियों को वर्तमान में उपलब्ध 15 प्रतिशत की कम कर दर का लाभ प्राप्त करने केलिए 31 जनवरी 2024 तक विनिर्माण गतिविधियां शुरू की हैं। चीनी सहकारी संस्थाओं को भुगतान के रूपमें मूल्यांकन वर्ष 2016-17 से पूर्व अवधि के लिए गन्ना किसानों को किएगए भुगतान का दावा करने का अवसर दिया गया है, इससे इन्हें लगभग 10 हजार करोड़ रुपए की राहत उपलब्ध होने की उम्मीद है। प्राथमिक कृषि कॉपरेटिव सोसाइटी और प्राथमिक कॉपरेटिव कृषि ग्रामीण विकास बैंक को नगद में दिएगए जमा एवं ऋणों हेतु 2 लाख रुपये प्रति सदस्य की उच्चतम सीमा का प्रस्ताव। सहकारी समितियों को टीडीएस केलिए नगदी निकासी पर 3 करोड़ रुपये की उच्चतम सीमा प्रदान किए जाने का प्रस्ताव। स्टार्ट-अप द्वारा आयकर लाभ प्राप्त करने हेतु निगमन की तारीख 31 मार्च 23 से बढ़ाकर 31 मार्च 2024 तक करने का प्रस्ताव। स्टार्ट-अप की शेयरधारिता में परिवर्तन पर हानियों के अग्रेनयन के लाभ को निगमन के सात वर्ष से 10 वर्ष तक प्रदान करने का प्रस्ताव। कर रियायतों और छूटों को बेहतर लक्षित करने केलिए धारा 54 और 54एच के तहत आवासीय गृह मे किएगए निवेश पर पूंजीगत लाभों से कटौती की सीमा को 10 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव। दिनांक 1 अप्रैल 2023 को या इसके बाद जारी जीवन बीमा पॉलिसियां (यूलिप को छोड़कर) केलिए कुल प्रीमियम अगर 5 लाख रुपये से अधिक है तो केवल उन पॉलिसियों, जिनका प्रीमियम 5 लाख रुपये तक है से होनेवाली आय पर छूट देने का प्रावधान।
बीमित व्यक्ति की मृत्यु पर प्राप्त राशि पर प्रदान कीगई कर छूट पर इसका प्रभाव नहीं पड़ेगा। आयकर प्राधिकरण बोर्ड और कमीशन जिसकी स्थापना केंद्र या राज्य सरकार द्वारा हाउसिंग, शहर का विकास, कस्बा और गांव केलिए नियामक और विकास गतिविधियों या कार्यों केलिए कीगई हो उन्हें आयकर से बाहर रखने का प्रस्ताव। ऑनलाइन गेमिंग में टीडीएस 10,000 रुपये की न्यूनतम सीमा को हटाना और ऑनलाइन गेमिंग से संबंधित कर देयता को स्पष्ट करने का प्रस्ताव। टीडीएस और नेट विनिंग के निकासी के समय या वित्तीय वर्ष के अंतमें टीडीएस और कर देयता केलिए प्रस्ताव। गोल्ड को इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसिप्ट में या इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड को गोल्ड में परिवर्तित करने पर इसे पूंजीगत लाभ के तौरपर नहीं माना जाएगा। गैर-पैन मामलों में ईपीएफ आहरण के कर योग्य भाग पर टीडीएस दर को 30 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत किया गया। मार्केट लिंकड डिबेन्चर से प्राप्त आय कराधान के अंतर्गत होगी। आयुक्त स्तर पर अपीलों के लंबन को कम करने केलिए छोटी अपीलों को निपटाने केलिए लगभग 100 संयुक्त आयुक्तों की तैनाती का प्रस्ताव। हम इस वर्ष पहले से प्राप्त विवरणियों को जांच केलिए चनने हेतु और अधिक सेलेक्टिव रहेंगे। आईएफएससी, गिफ्ट सीटी को अंतरित निधियों के कर लाभों की अवधि को 31 मार्च 2025 तक बढ़ाने का प्रस्ताव। आयकर अधिनियम की धारा 276ए के अंतर्गत 1 अप्रैल 2023 से गैर अपराधीकरण। आईडीबीआई बैंक सहित रणनीतिक विनिवेश के मामले में हानियों को अग्रेनित करने का प्रस्ताव।
अग्निवीर निधि को ईईई स्तर प्रदान करने और अग्निपथ योजना 2022 में पंजीकृत अग्निवीरों को अग्निवीर कॉर्पस फंड से किए गए भुगतान को कर के दायरे से बाहर रखने का प्रस्ताव। अग्निवीरों की कुल आय में कटौती को अग्निवीरों को देने का प्रस्ताव, जो उन्होंने अपना योगदान दिया है या केंद्र सरकार ने इनकी सेवा केलिए उनके खाते में हस्तांरित किया है। वस्त्रों और कृषि को छोड़कर बेसिक सीमा शुल्क दरों की संख्या को 21 से घटाकर 13 किया गया। कुछ वस्तुओं की बेसिक सीमा शुल्कों, उपकरों और अधिभारों में मामूली परिवर्तन हुआ है, जिसमें खिलौने, साइकिल, ऑटोमोबाइल और नाफ्था शामिल हैं। सम्मिलित कंप्रेस्ड बायो गैस, जिसपर जीएसटी भुगतान किया गया है, उसपर उत्पाद शुल्क से छूट देने का प्रस्ताव। बिजली से संचालित वाहन में लगने वाले लीथियम आयन बैटरी का उत्पादन करने वाले मशीनीरी/ कैपिटल गुड्स पर सीमा शुल्क को बढ़ाकर 31 मार्च 2024 तक किया गया। हरित मोबिलिटी को और संवेग प्रदान करने केलिए इलेक्ट्रिक वाहनों में प्रयुक्त बैटरियों के लिथियम आयन सेलों के विनिर्माण केलिए आवश्यक पूंजीगत वस्तुओं और मशीनरी के आयात पर सीमा शुल्क में छूट दी जा रही है। मोबाइल फोनों के विनिर्माण में घरेलू मूल्यवर्धन को और बढ़ाने केलिए, कुछ एक पूर्जों और कैमरा लैंसो जैसे आदानों के आयात पर बेसिक सीमा शुल्क में राहत देने और लिथियम-आयान बैटरी सेलों पर रियायती शुल्क को एक और वर्ष जारी रखना प्रस्तावित।
टीवी पैनल के ओपन सेलों के पूर्जों पर बेसिक सीमा शुल्क को घटाकर 2.5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव। इलेक्ट्रिक रसोई घर चिमनियों पर बेसिक सीमा शुल्क को 7.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव। इलेक्ट्रिक रसोई घर चिमनियों के हीट क्वायलों पर आयात शुल्क को 20 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव। रसायन उद्योग में डिनेचई इथाइल अल्कोहल का उपयोग किया जाता हैं। इस बेसिक सीमा शुल्क में छूट देने का प्रस्ताव। घरेलू फ्लोरोकेमिकल्स उद्योग में प्रतिस्पर्धा कायम रखने केलिए एसिड ग्रेड फ्लोरसपार पर बेसिक सीमा शुल्क को 5 प्रतिशत से कम कर 2.5 प्रतिशत किया जा रहा है। इपिक्लोरोहाइड्रिन के विनिर्माण में प्रयुक्त कच्चे ग्लिसरिन पर बेसिक सीमा शुल्क को 7.5 प्रतिशत से कम कर 2.5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव। श्रीम्प फीड के घरेलू विनिर्माण केलिए मुख्य इनपुट पर शुल्क में कमी का प्रस्ताव। प्रयोगशाला निर्मित हीरों के विनिर्माण में प्रयुक्त बीजों पर सीमा शुल्क को घटाने का प्रस्ताव। सोने के डोरे और बारों और प्लेटिनम पर सीमा शुल्क को बढ़ाने का प्रस्ताव। चांदी के डोरे, बारों और सामानों पर आयात शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव। सीआरजीओ स्टील के विनिर्माण केलिए कच्ची सामग्री, लौह स्क्रैप और निकेल कैथोड पर बेसिक सीमा शुल्क छूट जारी। कॉपर स्क्रैप पर 2.5 प्रतिशत की रियायती बीसीडी को जारी रखा गया। संमिश्रित रबर पर बेसिक सीमा शुल्क को बढ़ाकर, लेटेक्स को छोड़कर अन्य प्राकृतिक रबर के बराबर, 10 प्रतिशत से 25 प्रतिशत या 30 रुपये प्रति किलोग्राम, जोभी कम हो करने का प्रस्ताव।
विनिर्दिष्ट सिगरेटों पर राष्ट्रीय आपदा आकस्मिकता शुल्क को तीन वर्ष पूर्व संशोधित किया गया था, इसमें लगभग 16 प्रतिशत की वृद्धि करने का प्रस्ताव किया गया। अप्रत्यक्ष करों के संबंध में सीमा शुल्क अधिनियम-1962 को आवेदन दायर करने की तारीख से 9 महीने की समयसीमा विनिर्दिष्ट करने केलिए निपटान आयोग का अंतिम आदेश पारित करने केलिए संशोधन का प्रस्ताव। एंटी डम्पिंग ड्यूटी, काउंटरवेलिंग ड्यूटी और सुरक्षात्मक उपायों से संबंधित प्रावधानों के दायरे और प्रायोजन को स्पष्ट करने केलिए सीमा शुल्क टैरिफ अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव। सीजीएसटी अधिनियम में संशोधन किया जाएगा। जीएसटी के अंतर्गत अभियोजन की शुरूआत करने केलिए कर राशि की न्यूनतम सीमा को 1 करोड़ से बढ़ाकर 2 करोड़ किया जाएगा। कम्पाउडिंग कर राशि की वर्तमान 50 से 150 प्रतिशत वर्तमान सीमा को घटाकर 25 से 100 प्रतिशत किया जाएगा। कुछ अपराधों को अपराधीकरण की सीमा से बाहर किया जाएगा। संबंधित रिटर्न विवरण को भरने की निर्धारित तिथि से न्यूनतम तीन वर्ष की अवधि तक रिटर्न विवरणी को भरने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। ई-वाणिज्य संचालनों के माध्यम से माल की अंतर्राज्य आपूर्ति को सुनिश्चित करने केलिए गैरपंजीकृत आपूर्तिकर्ताओं को मिश्रित करदाताओं को सक्षम बनाया जाएगा।