स्वतंत्र आवाज़
word map

'लेखा सेवाएं शासन में प्रमुख भूमिका निभाती हैं'

राष्ट्रपति का लेखा सेवाओं के परिवीक्षाधीन अधिकारियों को संबोधन

राजस्व व विभिन्न लेखा सेवाओं की पहले की तुलना में बड़ी भूमिका

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 3 February 2023 03:47:27 PM

president's address to probationary officers of accounts services

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क और अप्रत्यक्ष कर), भारतीय सिविल लेखा सेवा, भारतीय रक्षा लेखा सेवा, भारतीय रेलवे लेखा सेवा, भारतीय डाक और दूरसंचार (वित्त और लेखा) सेवा के परिवीक्षाधीन अधिकारियों से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की और उनको संबोधित करते हुए कहा हैकि लेखा सेवाएं शासन में एक प्रमुख भूमिका निभाती हैं। उन्होंने कहाकि जैसे-जैसे हमारी शासन प्रणाली अधिक कुशल, जवाबदेह और पारदर्शी प्रशासन एवं निर्बाध सेवा वितरण की दिशामें तेजीसे आगे बढ़ रही है, राजस्व सेवा और विभिन्न लेखा सेवाएं पहले की तुलना में बहुत बड़ी भूमिका निभाने जा रही हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि दो दिन पहले केंद्रीय बजट 2023-24 पेश किया जा चुका है, जो आनेवाले वित्तीय वर्ष केलिए सरकार के वित्त का अनुमानित लेखा-जोखा देता है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहाकि बजट का उद्देश्य नागरिकों विशेष रूपसे युवाओं, समावेशी विकास केलिए विकास के अवसर पैदा करना और कई अन्य राष्ट्रीय उद्देश्यों को प्राप्त करना है। उन्होंने लेखा सेवाओं के परिवीक्षाधीन अधिकारियों से कहाकि उन सभीको अपनी संबंधित सेवाओं में लेखांकन, लेखा परीक्षा और बजट के माध्यम से यह सुनिश्चित करना होगाकि करदाताओं के पैसे का एक-एक रुपया देश के विकास और लोगों की भलाई केलिए उपयोग किया जाए। राष्ट्रपति ने कहाकि भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क और अप्रत्यक्ष कर) के अधिकारियों के पास सरकार के अप्रत्यक्ष करों के संग्रह और प्रशासन केलिए जिम्मेदार अधिकारियों के रूपमें एक चुनौतीपूर्ण काम है, कर अनुपालन सुनिश्चित करने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह आर्थिक विकास और समावेशी विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा। उन्होंने कहाकि आईआरएस सीमा शुल्क अधिकारी देश के 'आर्थिक मोर्चे' के संरक्षक के रूपमें भी कार्य करते हैं और देश के सामने आनेवाले नशीले पदार्थों के नियंत्रण, मनी लॉन्ड्रिंग और कर चोरी के मुद्दों से निपटने में केंद्रीय भूमिका निभाते हैं।
राष्ट्रपति ने परिवीक्षाधीन अधिकारियों से यह याद रखने का आग्रह कियाकि कराधान केवल सरकारी राजस्व बढ़ाने का माध्यम नहीं है, यह आर्थिक और सामाजिक विकास केलिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। राष्ट्रपति ने कहाकि शासन में जवाबदेही लागू करने केलिए लेखांकन प्रमुख उपकरणों मेसे एक है, एक मजबूत सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली सुशासन का आधार है। उन्होंने कहाकि भारतीय नागरिक, रक्षा, रेलवे और डाक और दूरसंचार लेखा सेवाओं के अधिकारियों के पास एक मजबूत वित्तीय प्रबंधन प्रणाली बनाने और बनाए रखने की जिम्मेदारी है, जो सरकार के सुचारू कामकाज को पूरा करने में मदद करती है, इसलिए सरकार में उनकी भूमिका का बहुत महत्व है और पूरी प्रतिबद्धता और प्रासंगिक कौशल केसाथ यह जिम्मेदारी निभानी होगी। राष्ट्रपति ने कि पारदर्शिता और उत्तरदायित्व केसाथ-साथ सेवा वितरण में अधिक दक्षता केलिए लोगों में अपेक्षाएं बढ़ रही हैं, इनको पूरा करने केलिए सरकारी विभागों केलिए यह अनिवार्य हैकि वे सूचना और संचार प्रौद्योगिकी का सर्वोत्तम उपयोग करके अपनी प्रणालियों का आधुनिकीकरण करें।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहाकि इस प्रकार प्रौद्योगिकी की तेजीसे बदलती दुनिया केसाथ तालमेल बिठाना एक चुनौती का क्षेत्र है। उन्होंने कहाकि सेवाओं की पहुंच को अधिकतम करने केलिए हमें अपने ज्ञान और प्रणालियों को अद्यतन करते रहने की आवश्यकता है, हमें यह देखना होगाकि हम अपने भुगतान, लेखा और कर संग्रह प्रणालियों को सुचारू और निर्बाध बनाने केलिए प्रौद्योगिकी का सर्वोत्तम उपयोग कैसे कर सकते हैं। उन्होंने कहाकि आईटी उपकरणों का उपयोग न केवल गलत कामों को उजागर करने केलिए, बल्कि विभिन्न सरकारी योजनाओं की प्रक्रियाओं और परिणामों का मूल्यांकन और निगरानी करने केलिए ऑडिटिंग में किया गया है। राष्ट्रपति ने कहाकि एक राष्ट्र अपने मानव संसाधन के बल पर प्रगति करता है, जो अन्य भौतिक संसाधनों को सर्वोत्तम संभव तरीके से जुटाता है। उन्होंने सभी अधिकारियों से ईमानदारी और प्रतिबद्धता केसाथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का आग्रह किया।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]