स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Monday 6 February 2023 11:54:13 AM
जयपुर/ नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिए जयपुर महाखेल के प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए न केवल खेल के क्षेत्रमें, बल्कि दैनिक जीवन मेभी फिटनेस बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहाकि यह किसीभी खिलाड़ी केलिए सबसे महत्वपूर्ण और जरूरी है। उन्होंने खेलो इंडिया और फिट इंडिया जैसे अभियानों की चर्चा करते हुए फिटनेस में आहार और पोषण की भूमिका पर प्रकाश डाला और कहाकि आप फिट होंगे, तभी आप सुपरहिट होंगे। गौरतलब हैकि जयपुर ग्रामीण से लोकसभा सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ 2017 से जयपुर महाखेल का आयोजन कर रहे हैं। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने इस व्यापक प्रतिस्पर्धा में पदक विजेता खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों और उनके परिवारों को बधाई दी। उन्होंने कहाकि ये खिलाड़ी खेल के मैदान में केवल भाग लेने केलिए नहीं, बल्कि जीतने और सीखने केलिए आए हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि जीत तभी सुनिश्चित होती है, जब उसमें सीखने की लगन शामिल होती है। उन्होंने कहाकि कोईभी खिलाड़ी खेल के मैदान से खाली हाथ नहीं जाता। प्रतिस्पर्धा में खेल के क्षेत्र में भारत का नाम नई ऊंचाइयों पर ले जानेवाले कई नामचीन चेहरों की उपस्थिति को देखते हुए प्रधानमंत्री ने एशियाई खेलों के पदक विजेता रामसिंह, ध्यानचंद खेलरत्न पुरस्कार विजेता पैरा एथलीट देवेंद्र झाझरिया, अर्जुन पुरस्कार विजेता साक्षी कुमारी और वरिष्ठ एथलीटों का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहाकि भारत के ये प्रसिद्ध खिलाड़ी जयपुर महाखेल में युवा एथलीटों का समर्थन करने केलिए आए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेखांकित कियाकि देश में खेल प्रतिस्पर्धाओं और खेल महाकुंभों की श्रृंखला आयोजित की जा रही है और यह पहल व्यापक स्तरपर हो रहे परिवर्तनों को प्रतिबिंबित करती है। प्रधानमंत्री ने उल्लेख कियाकि राजस्थान की भूमि युवाओं के जोश और उत्साह केलिए जानी जाती है, इतिहास इस बात का प्रमाण हैकि इस भूमि के बच्चों ने अपने पराक्रम से युद्ध के मैदान को खेल के मैदान में बदल दिया है, जब देश की सुरक्षा की बात आती है तो राजस्थान के युवा हमेशा दूसरों से आगे रहते हैं। प्रधानमंत्री ने क्षेत्र के युवाओं की मानसिक और शारीरिक क्षमताओं को आकार देने केलिए राजस्थान की खेल परंपराओं को इसका श्रेय दिया। उन्होंने दादा, सितोलिया और रुमाल झपट्टा जैसे पारंपरिक खेलों का उदाहरण दिया, जो मकर संक्रांति के दौरान होते हैं और सैकड़ों वर्षों से राजस्थान की परंपराओं का हिस्सा हैं। प्रधानमंत्री ने राजस्थान के कई एथलीटों, जिन्होंने अपने खेल योगदान केसाथ तिरंगे को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है का उल्लेख करते हुए कहाकि जयपुर के लोगों ने एक ओलंपिक पदक विजेता को अपने सांसद के रूपमें चुना है, सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौर सांसद खेल प्रतिस्पर्धाओं के रूपमें योगदान देकर युवा पीढ़ी को खेल के मैदान में वापस ला रहे हैं। प्रधानमंत्री ने अधिक व्यापक परिणामों केलिए ऐसे प्रयासों के विस्तार पर जोर देने केसाथ-साथ जयपुर महाखेल के सफल आयोजन को इन प्रयासों की अगली महत्वपूर्ण कड़ी के रूपमें चिन्हित किया।
जयपुर महाखेल की सफलता का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रतिस्पर्धा के इस वर्ष के संस्करण में 600 से अधिक टीमों और 6500 युवाओं ने भाग लिया है। उन्होंने 125 से अधिक लड़कियों की टीमों की भागीदारी का भी उल्लेख किया, जो एक सुखद संदेश देती है। प्रधानमंत्री ने कहाकि आजादी के अमृतकाल में देश नई परिभाषा गढ़ रहा है, नई व्यवस्था बना रहा है, खेलों को आखिरकार राजनीतिक के बजाय एथलीट के नजरिए से देखा जा रहा है। उन्होंने कहाकि युवाओं केलिए कुछभी असंभव नहीं है और उनकी क्षमताओं, स्वाभिमान, स्वावलंबन, सुविधाओं तथा संसाधनों की ताकत का एहसास होने पर हर लक्ष्य आसान हो जाता है। प्रधानमंत्री ने कहाकि इस तरह के दृष्टिकोण की झलक इस साल के बजट मेंभी देखी जा सकती है। उन्होंने बतायाकि खेल मंत्रालय को 2014 से पहले के 800-850 करोड़ रुपये की तुलना में इस साल 2500 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। उन्होंने कहाकि देश का खेल बजट 2014 से लगभग तीन गुना बढ़ गया है, अकेले खेलो इंडिया अभियान केलिए 1000 करोड़ रुपये से अधिक आवंटित किए गए हैं, जो देश में खेल सुविधाओं और संसाधनों के विकास पर खर्च किए जाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत के युवाओं में खेलों केलिए जुनून और प्रतिभा की कमी नहीं थी, लेकिन संसाधनों की अनुपलब्धता और सरकार से समर्थन की कमी के कारण बाधाएं थीं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि एथलीटों के सामने आनेवाली इन समस्याओं का समाधान किया जा रहा है और पिछले 5-6 वर्ष से होनेवाले जयपुर महाखेल जैसेही देश के कोने-कोने में खेल महाकुंभ का आयोजन भाजपा के सांसद कर रहे हैं, जहां हजारों युवाओं की प्रतिभा उभरकर सामने आ रही है। प्रधानमंत्री ने इन सफलताओं केलिए केंद्र सरकार को श्रेय दिया, क्योंकि जिला और स्थानीय स्तरपर खेल सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। देश के सैकड़ों जिलों में लाखों युवाओं केलिए खेल से संबंधित सुविधाओं के विकास के बारेमें जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री ने राजस्थान राज्य पर प्रकाश डाला, जहां कई शहरों में खेल से संबंधित सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। उन्होंने कहाकि आज देशमें खेल विश्वविद्यालय स्थापित हो रहे हैं और खेल महाकुंभ जैसे बड़े कार्यक्रम भी पेशेवर तरीके से आयोजित किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने लोगों का ध्यान आकर्षित करते हुए कहाकि राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय केलिए इस वर्ष के बजट में अधिकतम धनराशि आवंटित की गई है, खेल प्रबंधन और खेल प्रौद्योगिकी से संबंधित प्रत्येक विषय को सीखने केलिए एक ऐसा वातावरण बनाने की आवश्यकता पर बल दिया, जिससे युवाओं को इन क्षेत्रों में अपना करियर बनाने का अवसर मिले। प्रधानमंत्री ने कहाकि हमारी सरकार इस बात पर ध्यान दे रही हैकि पैसे की कमी के कारण कोईभी युवा पीछे न छूटे।
प्रधानमंत्री ने कहाकि केंद्र सरकार अब सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करनेवाले खिलाड़ियों को सालाना 5 लाख रुपये तक का समर्थन कर रही है, प्रमुख खेल पुरस्कारों में दी जानेवाली धनराशि कोभी बढ़ाकर तीन गुना करदिया गया है। टॉप्स जैसी योजनाओं का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि ओलंपिक जैसी बड़ी वैश्विक प्रतियोगिताओं में भी सरकार अपने खिलाड़ियों केसाथ पूरी ताकत केसाथ खड़ी है। प्रधानमंत्री ने संयुक्तराष्ट्र द्वारा वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के रूपमें मनाने की जानकारी दी और कहाकि राजस्थान बाजरा, श्री अन्न की एक बहुत समृद्ध परंपरा का स्थान है। उन्होंने कहाकि राजस्थान के श्री अन्न बाजरा और श्री अन्न ज्वार इस जगह की पहचान हैं। प्रधानमंत्री ने यहां बने बाजरे के दलिया और चूरमा को याद करते हुए यह बात कही। उन्होंने युवाओं से श्री अन्न को न केवल अपने आहार में में शामिल करने, बल्कि उसका ब्रांड एंबेसडर बनने की भी अपील की। उन्होंने कहाकि हमारी सरकार युवाओं के सर्वांगीण विकास केलिए काम कर रही है और आजके युवा अपनी बहुप्रतिभाशाली और बहुआयामी क्षमताओं के कारण सिर्फ एक क्षेत्र तक सीमित नहीं रहना चाहते हैं। उन्होंने कहाकि एक ओर जहां आधुनिक खेल से संबंधित सुविधाएं विकसित की जा रही है, वहीं इस बजट में बच्चों और युवाओं केलिए एक राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय का भी प्रस्ताव किया गया है, जहां शहर से गांव तक हर स्तरपर विज्ञान, संस्कृत और इतिहास जैसे हर विषय की किताबें उपलब्ध होंगी।
प्रधानमंत्री ने कहाकि खेल केवल एक शैली नहीं है, बल्कि एक उद्योग है, क्योंकि खेल से संबंधित चीजें और संसाधन बना रहे एमएसएमई के माध्यम से बड़ी संख्या में लोगों को रोज़गार मिल रहा है। उन्होंने खेल क्षेत्र से जुड़े एमएसएमई को मजबूत करने केलिए बजट में की गई कई महत्वपूर्ण घोषणाओं की जानकारी दी। उन्होंने पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान यानि पीएम विकास योजना का उदाहरण दिया और कहाकि यह योजना शारीरिक कौशल और हाथ के औजारों से काम करनेवाले लोगों केलिए बहुत मददगार साबित होगी। उन्होंने बतायाकि पीएम विश्वकर्मा योजना में दी जानेवाली वित्तीय सहायता से युवाओं केलिए रोज़गार के नए अवसर सृजित होंगे और उनके लिए नए बाजार भी तैयार होंगे। संबोधन का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि जब पूरे मन से प्रयास किए जाते हैं तो परिणाम सुनिश्चित होते हैं। उन्होंने टोक्यो ओलंपिक और राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान देश के प्रयासों पर कहाकि परिणाम सबके सामने हैं। उन्होंने कहाकि जयपुर महाखेल के दौरान किएगए प्रयासों के भविष्य में शानदार परिणाम मिलेंगे। इस मौके पर उन्होंने कबड्डी मैच भी देखा। इस वर्ष कबड्डी प्रतियोगिता पर विशेष ध्यान देते हुए यह महाखेल आयोजन राष्ट्रीय युवा दिवस 12 जनवरी 2023 को शुरू हुआ था, इसमें जयपुर ग्रामीण लोकसभा क्षेत्र के 450 से अधिक ग्राम पंचायतों, नगर पालिकाओं तथा सभी 8 विधानसभा क्षेत्रों के वार्डों के 6400 से अधिक युवाओं और खिलाड़ियों की भागीदारी है। यह आयोजन जयपुर के युवाओं को अपनी खेल प्रतिभा दिखाने का अवसर और उन्हें खेल को करियर विकल्प के रूपमें अपनाने केलिए प्रेरित करता है। इस अवसर पर जयपुर ग्रामीण से लोकसभा सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौर, विभिन्न प्रतिस्पर्धा के खिलाड़ी और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।