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Sunday 12 February 2023 04:00:33 PM
हैदराबाद। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी हैदराबाद में 74 आरआर आईपीएस बैच के पासिंग आउट समारोह में शामिल हुए। उन्होंने शहीद स्मारक पर जाकर देश की आंतरिक सुरक्षा की रक्षा केलिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले 36000 शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धासुमन अर्पित किए। अमित शाह ने इस अवसर पर अपने प्रेरणाप्रद संबोधन में प्रशिक्षु अफसरों से कहाकि आईपीएस की महान परंपरा से जुड़ने वाला उनका 74 आरआर बैच अमृतकाल का बैच कहलाएगा और आशा व्यक्त कीकि प्रशिक्षण के उपरांत यह बैच देश के सामने उभरने वाली हर चुनौती का सामना करने केलिए सक्षम, समर्पित और सुसज्ज होगा। गृहमंत्री ने प्रशिक्षु अफसरों से कहाकि संविधान की आत्मा नागरिक और उसके अधिकार हैं, पुलिस बल को इसी लक्ष्य को सामने रखकर संविधान और कानून की धाराओं की व्याख्या करनी होगी, यदि व्यक्ति के मानव अधिकारों का हनन होता है तो संविधान की कोईभी धारा मायने नहीं रखती। उन्होंने कहाकि अधिकारी अपने पेशेवर और निजी जीवन में संतुलन बनाकर चलें और स्थानीय लोगों खासतौर से आम जनता का विश्वास जीतें एवं अपनी मानवीयता को बरकरार रखना एक बहुत श्रमसाध्य कार्य है, जो उनको करना होगा।
गृहमंत्री अमित शाह ने प्रशिक्षु अधिकारियों से कहाकि पुलिस बल के मुखिया के नाते यह बहुत जरूरी हैकि आप दबाव में ना आएं, सावधानियां बरतें, प्रसिद्धि से दूर रहें और साथही अंतिम स्तरपर बैठे व्यक्ति के अधिकार और संवेदना को समझें। अमित शाह ने कहाकि आप सभी केवल आईपीएस बनकर नहीं जा रहे हैं, बल्कि आनेवाले 25 साल में जब भारत अपनी आजादी की शताब्दी मनाएगा, उसकी नींव डालने की जिम्मेदारी भी लेकर जा रहे हैं। उन्होंने कहाकि आंतरिक सुरक्षा की दृष्टि से 75 साल से 100 साल के पूरे कर्तव्य पथ की संकल्प से सिद्धि की यात्रा का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी भी आपकी है। उन्होंने कहाकि देश की आजादी के 75 साल की समाप्ति में यह बैच देशकी आंतरिक सेवा की सुरक्षा केलिए जा रहा है, यह गौरव की बात है। उन्होंने कहाकि देश ने इन 7 दशक में सुरक्षा के क्षेत्रमें कई उतार-चढ़ाव देखे और कई चुनौतियों का सामना किया है और इनका सामना करते-करते लगभग 36000 से अधिक पुलिस कर्मियों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दे दिया है। अमित शाह ने कहाकि आज़ादी केबाद के 75 वर्ष को मुड़कर देखें तो आज भारत की परिस्थिति वैश्विक और दुनियाभर के देशों केलिए आशाजनक बनी हुई है।
गृहमंत्री ने कहाकि देश के प्रथम गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने अखिल भारतीय सेवाओं की शुरुआत करते समय कहा थाकि भारत को एक संघीय संविधान केतहत अक्षुण्ण बनाए रखने की जिम्मेदारी अखिल भारतीय सेवाओं की है, प्रशिक्षु अधिकारी इस वाक्य को अपना मार्गदर्शक सिद्धांत बनाएं। अमित शाह ने कहाकि सरदारजी ने कहा थाकि यह भविष्य की पीढ़ियों केलिए यह एक प्रेरक उदाहरण बनेगा और उन्होंने इस अकादमी के सामने जो लक्ष्य रखे थे, वो इन 75 साल में भली-भांति पूर्ण किएगए हैं, आज इससे कुल 195 प्रशिक्षु अधिकारी बेसिक कोर्स का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, जिनमें 41 महिला अधिकारी और 29 प्रशिक्षु अधिकारी हमारे पड़ोसी देशों भूटान, नेपाल, मालदीव और मॉरिशस से शामिल हैं। उन्होंने कहाकि इस बैच में बेसिक क्वालिफिकेशन में सबसे ज्यादा प्रशिक्षु टेक्निकल बैकग्राउंड के हैं। अमित शाह ने कहाकि भविष्य की चुनौतियों से निपटने केलिए पुलिस टेक्नोलॉजी मिशन की स्थापना की गई है, ये सिपाही से लेकर डीजीपी तक पूरी पुलिस प्रणाली को न केवल तकनीकी चुनौतियों के अनुरूप बनाएगा, बल्कि तकनीकप्रेमी भी बनाएगा, यह पुलिस टेक्नोलॉजी मिशन हमारे देश के सभी पुलिस संस्थानों को टेक्नोलॉजी की दृष्टि से वैश्विक टेक्निकल चुनौतियों के अनुरूप बनाएगा।
गृहमंत्री ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशकी जनता के सामने एक लक्ष्य रखा हैकि जब 2047 में देश आजादी की शताब्दी मनाएगा तो देश हर क्षेत्र में विश्व में सर्वप्रथम हो, इस लक्ष्य की परिपूर्ति हर एक भारतीय नागरिक की जिम्मेदारी और कर्तव्य दोनों हैं और प्रशिक्षु अधिकारी आईपीएस बनकर जा रहे हैं तो इनकी यह विशेष जिम्मेदारी है, क्योंकि अच्छी कानून व्यवस्था और अभेद्य आंतरिक सुरक्षा केबिना कोईभी राष्ट्र महान नहीं बन सकता। अमित शाह ने कहाकि कमजोर से कमजोर नागरिक के अधिकारों की रक्षा, उसके प्रति तंत्रकी संवेदनशीलता और सभी चुनौतियों का सामना करने वाला पुलिस तंत्र ही एक विकसित राष्ट्र की नींव डाल सकता है। उन्होंने कहाकि 2025 तक भारत को 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर वाली अर्थव्यवस्था बनाने और 2047 तक भारत को पूरी तरह से विकसित राष्ट्र बनाने का हमारा लक्ष्य है, इसको प्राप्त करना संभव भी है, क्योंकि 2014 में हम दुनिया के अर्थतंत्र की तालिका में 11वें नंबर पर थे और महज 8 साल के अंतराल में हम पांचवे पायदान पर पहुंच गए हैं।
अमित शाह ने कहाकि प्रशिक्षु अधिकारी यहां देश के संविधान और संविधान की स्पिरिट को समझ कर जारहे हैं, उन्हें यह बातभी समझनी होगीकि हमारी संवैधानिक व्यवस्था में तीन प्रकार की व्यवस्था बहुत महत्वपूर्ण है, पहली 5 वर्ष में एकबार वोटकर शासन व्यवस्था चुनने वाला नागरिक, दूसरी 5 वर्ष केलिए नागरिकों की चुनी गई सरकार और तीसरी 30 से 35 वर्ष केलिए चयनित ब्यूरोक्रेसी जो देश की सेवा करती है। उन्होंने कहाकि नागरिक को 5 साल में एकबार वोट का अधिकार है, जो लोग चुनकर आते हैं, वह देश के विकास केलिए 5 साल काम करते हैं, जिन्हें बादमें फिरसे जनता के समक्ष मैंडेट लेकर जाना है, लेकिन अखिल भारतीय सेवाओं में चयनित अधिकारियों को 30-35 साल तक नि:स्वार्थ भावना से देशकी सेवा करने का अधिकार मिलता है। अमित शाह ने कहाकि आनेवाले 25 साल देश केलिए बहुत महत्वपूर्ण हैं, ये 25 साल हमारी आजादी के स्वतंत्रता सेनानियों के देखे गए महान भारत के सपने को सिद्ध करने का समय है और इन 25 साल में इस बैच के अधिकारी आईपीएस ऑफिसर होने के नाते देशकी आंतरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेंगे, जोकि एक बहुत महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है, जिसका संज्ञान हमेशा अधिकारियों के मन, कर्तव्य और जवाबदेही पर रहना चाहिए।
गृहमंत्री ने कहाकि 8 साल पहले के देश की आंतरिक सुरक्षा का परिदृश्य देखें तो जम्मू कश्मीर में आतंकवादी घटनाएं, पूर्वोत्तर के अंदर इनसरजेंशी और वामपंथी उग्रवाद क्षेत्रों में बढ़ती वामपंथी हिंसा के रूपमें 3 बड़े हॉटस्पॉट देश की आंतरिक सुरक्षा की दृष्टि से नासूर बनकर हमारे सामने खड़े थे, वहीं 8 साल बाद जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर और वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में विकास का युग है। उन्होंने कहाकि जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटने केबाद आतंकवादी घटनाओं में बड़ी मात्रा में कमी दिखाई पड़ी है, पूर्वोत्तर में बहुत सारे उग्रवादी संगठनों से शांति समझौता कर 8000 कैडेट्स को मुख्यधारा में वापस लाकर, राज्यों केबीच सीमा को लेकर झगड़ों का निपटान कर और पूर्वोत्तर में विकास की एक बयार पहुंचा कर शांति की स्थापना कर विकास के युग की शुरुआत की गई है। उन्होंने कहाकि 2010 में 96 जिले वामपंथी उग्रवादी क्षेत्रों केतहत आते थे, जिनकी संख्या 2021 में घटकर 46 रह गई है, सिक्योरिटी वैक्यूम भररहा है और वामपंथियों के शीर्ष नेतृत्व पर नकेल कसी जा रही है। अमित शाह ने कहाकि भारत ने हालही में पीएफआई पर बैन लगाकर एक बहुत सफल उदाहरण दुनिया के सामने पेश किया है, केंद्रीय एजेंसियों और देश के सभी राज्यों की पुलिस ने एकसाथ एकही दिन में सफल ऑपरेशन कर पीएफआई जैसे संगठन को बैन करने में सफलता हासिल की है, यह हमारे लोकतंत्र की परिपक्वता और शक्ति को दर्शाता है।
अमित शाह ने कहाकि मोदी सरकार में देशभर में आतंकवाद की घटनाओं में कमी आने के मुख्य कारण हैं-टेररिज्म के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति, काउंटर टेरर कानूनों का मजबूत फ्रेमवर्क, सभी एजेंसियों का सशक्तिकरण एवं दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति। उन्होंने कहाकि हमारी एजेंसियों की वैश्विक भागीदारी भी बढ़ रही है, इंटरपोल जनरल की असेंबली का भारत में आयोजन होना और नो मनी फॉर टेरर में टेररिज्म एवं फाइनेंस के विषयों में भारत का नेतृत्व प्रदान करना वैश्विक रूपसे हमारे सिक्योरिटी एजेंसिज की स्वीकृति का परिचायक है। उन्होंने कहाकि 3 वर्ष में फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी की स्थापना करके भारत ने फॉरेंसिक साइंस क्षेत्रमें एक्सपर्ट ह्युमन रिसोर्स और लॉजिस्टिक गैप भरने का प्रयास किया है। उन्होंने कहाकि प्रशिक्षु अधिकारी जब अकादमी से फील्ड में जाएंगे, तब आईसीजेएस के रूपमें क्रिमिनल जस्टिस के मुख्य स्तंभ अर्थात ई-कोर्ट, ई-प्रिजन, ई-फॉरेंसिक, ई-प्रॉसीक्यूशन और क्राईम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सीसीटीएन केसाथ जुड़ेंगे और इन्हें पुलिसिंग के काम को आईसीजेएस के साथ जोड़ने का कार्य करना होगा। अमित शाह ने कहाकि वर्तमान में एनआईए देश के सभी राज्यों में प्रसार कर रही है, एनआईए और एनसीबी का एक्सटेंशन अंतर्राष्ट्रीय स्तर के नारकोटिक्स और टेररिज्म से जुड़े हुए अपराधियों पर नकेल कसने केलिए बहुत महत्वपूर्ण कदम है।
गृहमंत्री ने कहाकि वर्तमान में सुरक्षा परिदृश्य भौगोलिक दृष्टि से विषयगत हो रहा है, अब एकल आयामी पुलिसिंग के जगह बहुआयामी पुलिसिंग को स्वीकारना होगा, पूर्वोत्तर वामपंथी उग्रवाद, कम्युनल हॉटस्पॉट जैसे ज्योग्राफिकल थ्रेट्स की जगह अब साइबर अपराध, डाटा का मिस यूज, मिस इंफॉर्मेशन जैसे थीमेटिक्स थ्रेट्स उभर रहे हैं, जिनका हमें डटकर सामना करना है। उन्होंने कहाकि पहले आतंकवाद, उग्रवाद और दिन-प्रतिदिन की पुलिसिंग के चैलेंजेज थे, अब टेरर फाइनेंस, नार्को टेरर, इंफॉर्मेशन वॉर फेयर, फोर्थ जनरेशन इंफॉर्मेशन वॉर फेयर जैसी मल्टीडाइमेंशनल चुनौतियां हमारे सामने हैं, इनसे लड़ने केलिए हमारी पुलिस को सुसज्ज रहना होगा। अमित शाह ने कहाकि पुलिसिंग को सशक्त करने में अधिकारियों के समक्ष गहरी चुनौतियां आनेवाली हैं, जिसके लिए एक नई अप्रोच की जरूरत पड़ेगी, जिसमें देश के आर्थिक केंद्रों की सुरक्षा, गरीबों के मानव अधिकारों की सुरक्षा, इन्वेस्टिगेशन और फॉरेंसिक साइंस को एविडेंस बेस्ड बनाना, नार्कोटिक्स के टेरर लिंक पर नकेल कसना, साइबर तथा फाइनेंशियल फ्रॉड जैसे विषयों पर हमारा फोकस बढ़ाना होगा। अमित शाह ने कहाकि पुलिस बल को सुलभ, जवाबदेह और पहुंच योग्य होना होगा। उन्होंने कहाकि स्थानीय भाषा, भूगोल व संस्कृति को समझकर ही पुलिस बल को वहां की कानून व्यवस्था ठीक करनी होगी। आईपीएस प्रोबेशनर्स के 74 आरआर बैच की पासिंग आउट परेड के दौरान तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन, अकादमी के निदेशक एएस राजन और गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे।