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Monday 13 February 2023 03:44:51 PM
बेंगलुरु। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बेंगलुरु के येलहंका वायुसेना स्टेशन में 14वें एयरो इंडिया का उद्घाटन किया और कहाकि बेंगलुरु का आसमान आज नए भारत के सामर्थ्य का साक्षी बन रहा है, यह नई ऊंचाई नए भारत की सच्चाई है, आज भारत नई ऊंचाइयों को छू भी रहा है और उन्हें पार भी कर रहा है। उन्होंने कहाकि एयरो इंडिया-2023 भारत के बढ़ते हुए सामर्थ्य का उदाहरण है, इसमें दुनिया के करीब 100 देशों की मौजूदगी होना दिखाता हैकि भारत पर विश्वभर का विश्वास कितना बढ़ गया है। एयरो इंडिया-2023 की थीम 'दी रन-वे टू अ बिलियन अपॉरट्यूनिटीज़' है, इसमें 80 से अधिक देश हिस्सा लेंगे, उनके साथ 800 रक्षा कंपनियां भी शामिल होंगी, जिनमें लगभग 100 विदेशी और 700 भारतीय कंपनियां हैं। प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया मेक फॉर दी वर्ल्ड की परिकल्पना के अनुरूप एयरो इंडिया में स्वदेशी उपकरणों एवं प्रौद्योगिकियों को प्रस्तुत किया जाएगा तथा विदेशी कंपनियों केसाथ साझेदारी की जाएगी। प्रधानमंत्री ने कहाकि इसमें 700 से अधिक प्रस्तुतकर्ता भाग ले रहे हैं, जिनमें भारतीय सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उपक्रम हैं और स्टार्ट-अप भी, ये सभी दुनिया की प्रसिद्ध कंपनियों केसाथ हिस्सा ले रहे हैं। एयरो इंडिया की विषयवस्तु पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि आत्मनिर्भर भारत की शक्ति हर गुजरते दिन केसाथ बढ़ती रहेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एयरो इंडिया केसाथ रक्षामंत्रियों के सम्मेलन और सीईओ गोलमेज के आयोजन का उल्लेख करते हुए कहाकि रक्षा सेक्टर में सक्रिय भागीदारी से एयरो इंडिया की क्षमता बढ़ेगी। प्रधानमंत्री ने कर्नाटक में एयरो इंडिया के आयोजन पर कहाकि कर्नाटक भारत की प्रौद्योगिकीय प्रगति का केंद्र है, इससे विमानन सेक्टर में युवाओं केलिए नई संभावनाएं खुलेंगी और कर्नाटक के युवाओं का आह्वान कियाकि वे देश को मजबूत बनाने केलिए अपनी प्रौद्योगिकीय विशेषज्ञता को रक्षाक्षेत्र में लगाएं। एयरो इंडिया को नए भारत की बदलती सोच का प्रतीक बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि जब कोई देश नई सोच, नए अप्रोच केसाथ बढ़ता है तो उसकी व्यवस्थाएं भी नई सोच के हिसाब से ढलने लगती हैं। प्रधानमंत्री ने उस समय को याद किया जब एयरो इंडिया केवल एक प्रदर्शनी और भारत केलिए एक बाजार हुआ करता था, लेकिन अब यह अवधारणा बदल चुकी है। उन्होंने कहाकि आज एयरो इंडिया केवल प्रदर्शनी मात्र नहीं है, बल्कि वह भारत की ताकत दर्शाता है, ऐसा वह इसलिए कहते हैंकि यह केवल रक्षा उद्योग की संभावनाओं को परिलक्षित नहीं करता है, बल्कि भारत के आत्मविश्वास को भी प्रकट करता है। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत की सफलताओं को उसकी क्षमताओं में देखा जा सकता है, तेजस, आईएनएस विक्रांत, सूरत और टुमकुर में उन्नत निर्माण सुविधाओं की मौजूदगी आत्मनिर्भर भारत की क्षमता प्रकट करती हैं, जिनसे विश्व के नए विकल्प एवं अवसर जुड़े हैं।
प्रधानमंत्री ने सुधारों की मदद से हर सेक्टर में आनेवाले क्रांतिकारी बदलावों के आलोक में कहाकि 21वीं सदी का भारत, अब न कोई मौका खोएगा और ना ही अपनी मेहनत में कोई कमी रखेगा। उन्होंने कहाकि जो देश दशकों से सबसे बड़ा रक्षा आयातक था, उसने अब दुनिया के 75 देशों को रक्षा उपकरण निर्यात करने शुरू कर दिए हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि लक्ष्य यह हैकि वर्ष 2024-25 तक रक्षा निर्यात को 1.5 अरब से बढ़ाकर पांच अरब कर दिया जाए। उन्होंने कहाकि सबसे बड़े रक्षा उत्पादक देशों में शामिल होने केलिए भारत तेज कदमों से आगे बढ़ेगा तथा हमारा निजी क्षेत्र और निवेशक इसमें बड़ी भूमिका निभाएंगे। प्रधानमंत्री ने निजी सेक्टर का आह्वान कियाकि वह रक्षा सेक्टर में निवेश करे, जिससे भारत और कई अन्य देशों में उनके लिए नए अवसर पैदा होंगे। नरेंद्र मोदी ने अमृतकाल के भारत को लड़ाकू विमान चालक की उपमा देते हुए कहाकि आजका भारत तेज सोचता है, दूर की सोचता है और तुरंत फैसले लेता है। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत एक ऐसा राष्ट्र है, जिसे नई ऊंचाइयां छूने में डर नहीं लगता, बल्कि वह इसके लिए उत्साहित है। उन्होंने कहाकि भारत की रफ्तार चाहे जितनी तेज हो, लेकिन वह अपनी जड़ों से जुड़ा रहता है। प्रधानमंत्री ने कहाकि एयरो इंडिया की गगनभेदी गर्जना में भारत के सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन के संदेश की गूंज है। उन्होंने उल्लेख किया दुनिया भारत में व्यापार सुगमता केलिए किए जानेवाले सुधारों का संज्ञान ले रही है और वैश्विक निवेश तथा भारतीय नवाचार के पक्ष में वातावरण बनाने केलिए उठाए जानेवाले कदमों परभी गौर किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रक्षा एवं अन्य सेक्टरों में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश में किए जानेवाले सुधारों तथा उद्योगों को जारी किए जानेवाले लाइसेंस की प्रक्रिया को सरल बनाए जाने का उल्लेख किया, साथही उनकी वैधानिकता बढ़ाने कीभी चर्चा की। प्रधानमंत्री ने कहाकि इस वर्ष के बजट में निर्माण इकाइयों केलिए कर लाभों में बढ़ोतरी की गई है, जहां मांग विशेषज्ञता और अनुभव मौजूद होता है, वहां उद्योगों का विकास स्वाभाविक रूपसे होता है। उन्होंने उपस्थितजनों को आश्वस्त कियाकि रक्षा सेक्टर को मजबूत बनाने के प्रयास होते रहेंगे और पूरे दम-खम के साथ चलते रहेंगे। इस अवसर पर कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय नागरिक विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। गौरतलब हैकि रक्षा क्षेत्रमें आत्मनिर्भरता पर प्रधानमंत्री के जोर देने के क्रम में यूएवी सेक्टर, रक्षा क्षेत्र और भावी प्रौद्योगिकियों को पेश करने वाले कार्यक्रम होंगे, इनके स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान तेजस, एचटीटी-40, डॉर्नियर लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर, हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर और उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर को आयात केलिए प्रस्तुत किया जाएगा। स्वदेशी एमएसएमई और स्टार्ट-अप का एकीकरण भी संभव होगा, जो वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला से सम्बंधित है, इसके जरिए विदेशी निवेश सहित सहविकास और सहउत्पादन केलिए साझेदारी भी आमंत्रित की जाएगी।
एयरो इंडिया-2023 में 80 से अधिक देश भाग लेंगे, लगभग 30 देशों के मंत्री और वैश्विक एवं भारतीय ओईएम के 65 सीईओ केभी एयरो इंडिया 2023 में हिस्सा लेने की संभावना है। एयरो इंडिया प्रदर्शनी में लगभग 100 विदेशी और 700 भारतीय कंपनियों सहित 800 से अधिक रक्षा कंपनियां भाग लेंगी। प्रदर्शनी में भाग लेनेवाली भारतीय कंपनियों में एमएसएमई और स्टार्ट-अप शामिल हैं, जो देश में विशिष्ट प्रौद्योगिकियों की उन्नति, एयरोस्पेस में वृद्धि और रक्षा क्षमताओं को पेश करेंगे। एयरो इंडिया में प्रमुख प्रदर्शकों में एयरबस, बोइंग, डसॉल्ट एविएशन, लॉकहीड मार्टिन, इज़राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्री, ब्रह्मोस एयरोस्पेस, आर्मी एविएशन, एचसी रोबोटिक्स, एसएएबी, सफ्रान, रॉल्स रॉयस, लार्सन एंड टुब्रो, भारत फोर्ज लिमिटेड, एचएएल, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल), भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल) और बीईएमएल लिमिटेड शामिल हैं।