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Monday 20 February 2023 12:18:00 PM
जयपुर। इंटरनेशनल यूनियन ऑफ रेलवे (यूआईसी) और रेलवे सुरक्षा बल 20 से 23 फरवरी तक संयुक्त रूपसे जयपुर में 18वीं विश्व सुरक्षा कांग्रेस का आयोजन करने जा रहे हैं। गौरतलब हैकि यूआईसी रेलवे क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता है एवं दुनियाभर में रेल परिवहन को बढ़ावा देता है और रेलवे सुरक्षा बल भारत में रेलवे सुरक्षा के क्षेत्रमें एक प्रमुख सुरक्षा और कानून प्रवर्तन एजेंसी है। भारत की प्रमुख रेलवे सुरक्षा एजेंसी के तौरपर आरपीएफ राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर रेलवे सुरक्षा के क्षेत्रमें राष्ट्र के प्रयासों का नेतृत्व करता है। यूआईसी सुरक्षा मंच की अध्यक्षता संभालने केबाद महानिदेशक आरपीएफ ने एशिया में कार्यरत सदस्यसंगठनों की भागीदारी को बढ़ाने केलिए उपाय किए हैं। अफ्रीका और कई अन्य विकासशील देशों के समान जनसांख्यिकीय पैटर्न है, ताकि उनकी आवाज़ सुनी जा सके और यूआईसी के बहुपक्षीय मंच के जरिए चिंताओं का समाधान किया जा सके। उल्लेखनीय हैकि भारत को जी20 देशों के समूह की अध्यक्षता मिली है, जिसके मद्देनज़र भारत जयपुर में इंटरनेशनल यूनियन ऑफ रेलवे की 18वीं विश्व सुरक्षा कांग्रेस की मेजबानी कर रहा है।
भारत केलिए आजादी के अमृत महोत्सव के वर्ष में अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, सॉफ्ट पावर और अपनी प्रगति को उचित अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर प्रदर्शित करने की आवश्यकता है और यूआईसी विश्व सुरक्षा कांग्रेस ऐसाही एक अवसर है। रेलवे सुरक्षा रणनीति: भविष्य केलिए तैयारी और दृष्टिकोण विषय पर केंद्रित कांग्रेस के 18वें संस्करण यूआईसी, साझेदार अंतर्राष्ट्रीय संगठनों, भारतीय रेलवे, आरपीएफ के संबंधित अधिकारियों के अलावा दुनियाभर के रेलवे संगठनों के सुरक्षा प्रमुख भाग ले रहे हैं। भारत के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी इसमें शामिल हैं। इसमें भारत दुनियाभर के रेलवे सुरक्षा प्रतिनिधियों की मेजबानी कर रहा है। आरपीएफ दुनियाभर में रेलवे सुरक्षा केलिए चिंता और चुनौतियों के मुद्दों पर प्रभावशाली विचार-विमर्श की मेजबानी करने केलिए तैयार है और दूसरे क्रम की समस्या समाधान पर ध्यान केंद्रित करने केलिए सत्रों को तैयार किया है, ताकि व्यावहारिक और तुरंत कार्यांवयन योग्य समाधान निकल सकें। इनके परिणामस्वरूप दुनियाभर में रेलवे सुरक्षा का कायाकल्प संभव होगा।
रेलवे विश्व सुरक्षा कांग्रेस को महत्वपूर्ण परिसंपत्तियों और माल ढुलाई की रक्षा, मानव सुरक्षा दृष्टिकोण, दुनियाभर में सर्वश्रेष्ठ रेलवे सुरक्षा उपकरण और प्रथाएं और विजन-2030 के अंतर्निहित उपविषयों केसाथ 4 सत्रों में विभाजित किया गया है। इससे पहले 2006 और 2015 में आरपीएफ ने नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय यूआईसी विश्व सुरक्षा कांग्रेस का सफलतापूर्वक आयोजन और मेजबानी की थी। यह भी गर्व की बात हैकि आरपीएफ के महानिदेशक संजय चंदर जुलाई 2022 से जुलाई 2024 तक अंतर्राष्ट्रीय यूआईसी सुरक्षा मंच के अध्यक्ष के रूपमें पदभार संभाल रहे हैं। इंटरनेशनल यूनियन ऑफ रेलवे का मुख्यालय पेरिस फ्रांस में है, यह वर्ष 1922 से अस्तित्व में आया। यह रेलवे क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता है और दुनियाभर में रेल परिवहन को बढ़ावा देता है। यूआईसी रेल परिवहन की अंतःक्रियाशीलता और मानकीकरण को बढ़ावा देने, सहयोग बढ़ाने एवं उत्कृष्ट व्यवहारों को साझा करने, नए व्यवसाय और गतिविधियों के नए क्षेत्रों में सदस्यों का समर्थन करने और रेल परिवहन के बेहतर तकनीकी और पर्यावरण अनुकूल कामकाज करने, प्रतिस्पर्धा में सुधार करने और लागत को कम करने का अभियान चला रहा है।
इंटरनेशनल यूनियन ऑफ रेलवे विश्व रेलवे क्षेत्रों केबीच रणनीतिक और सामरिक सहयोग को बढ़ावा देता है, क्योंकि यह वैश्विक सरकारों और महाद्वीपों में सुरक्षा परिदृश्य के मद्देनज़र कार्यरत है। यूआईसी सुरक्षा मंच को व्यक्तियों, संपत्ति और प्रतिष्ठानों की सुरक्षा से संबंधित मामलों में रेल क्षेत्र की ओर से विश्लेषण और नीतिगत स्थिति विकसित करने और तैयार करने का अधिकार है। यह सुरक्षा मंच सुरक्षा क्षेत्र में यूआईसी सदस्यों के सामान्य हितों की रक्षा करने वाले मुद्दों पर समय-समय पर अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों का आयोजन करने, यूआईसी सदस्यों के सुरक्षा निदेशकों केबीच सूचना और अनुभवों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने, साझा हितों का प्रस्ताव करने और सदस्यों की आवश्यकताओं या बाहरी घटनाओं से निर्धारित वैश्विक और क्षेत्रीय स्तरपर परियोजनाओं की रूपरेखा तैयार करने केलिए जिम्मेदार है। एक वैश्विक परिदृश्य में जहां आपराधिक तत्व नए तरीकों और हमले के साधनों को तैयार करने केलिए नेटवर्किंग से फायदा उठाते हैं तो यह अत्यधिक जरूरी हो जाता हैकि सकारात्मक ताकतें भी ऐसे चुनौती देने वालों का सामना करने केलिए एकसाथ आएं। यूआईसी का सुरक्षा मंच संयुक्त राष्ट्र से मान्यता प्राप्त एक अंतर्राष्ट्रीय निकाय होने के नाते विचारों और उत्कृष्ट व्यवहारों को साझा करने केलिए मंच प्रदान करता है।
भारत का रेलवे सुरक्षा बल देशमें रेलवे सुरक्षा के क्षेत्रमें एक प्रमुख सुरक्षा और कानून प्रवर्तन एजेंसी है। रेलवे संपत्ति की बेहतर सुरक्षा और सुरक्षा केलिए 1957 में गठित होने केबाद इसने खुदको रेलवे संपत्ति की सुरक्षा और संरक्षा की अपनी मुख्य भूमिका से यात्री सुरक्षा और यात्री सुविधा की अतिरिक्त भूमिकाओं केलिए विकसित किया है। बदलते समय केसाथ यात्री सुरक्षा और सुविधा केबारे में भूमिका प्रमुखता में बढ़ रही है। आरपीएफ ने अब रेल यात्रियों को सर्वोत्तम संभव सेवा प्रदान करने की एक शानदार परंपरा स्थापित करने के उद्देश्य से एक यात्रा शुरू की है। यह बल रेलवे के उद्देश्यों को पूरा करने में सक्रिय भूमिका निभा रहा है। रेलवे और उसके ग्राहकों की बदलती सुरक्षा जरूरतों की पहचान करता है और खुद को कौशल एवं संसाधनों से लैस करके और अभिनव समाधानों को लागू करके खुद को उसके अनुकूल बनाता है। आरपीएफ को वर्तमान में भारत का केंद्रीय बल होने का गौरव प्राप्त है, जिसमें इसके रैंक में नौ प्रतिशत महिलाओं की सबसे बड़ी हिस्सेदारी है, बढ़ती जिम्मेदारियों को पूरा करने केलिए आरपीएफ ने यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा केलिए कई अभियान भी शुरू किए हैं।