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Tuesday 21 February 2023 01:15:07 PM
ईटानगर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अरुणाचल प्रदेश के 37वें स्थापना दिवस समारोह में शामिल हुईं और राज्य सरकार द्वारा उनके सम्मान में ईटानगर में आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में भाग लिया। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहाकि क्षेत्रफल के लिहाज से पूर्वोत्तर का सबसे बड़ा राज्य और एक सीमावर्ती राज्य होने के नाते अरुणाचल प्रदेश सामरिक एवं भौगोलिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण राज्य है और राष्ट्रीय सुरक्षा एवं राज्य के आर्थिक विकास केलिए अच्छा बुनियादी ढांचा आवश्यक है। राष्ट्रपति को यह जानकर खुशी हुईकि केंद्र सरकार ने अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग बुनियादी ढांचे के विकास केलिए 44000 करोड़ रुपये से अधिक की योजनाओं को मंजूरी दी है। उन्होंने कहाकि 600 मेगावॉट के कामेंग हाइड्रोपावर स्टेशन के चालू होने केसाथ ही अरुणाचल प्रदेश बिजली अधिशेष वाला राज्य बन गया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त कियाकि हाल में उद्घाटित हर मौसम केलिए अनुकूल डोनयी पोलो हवाई अड्डे से राज्य की कनेक्टिविटी में सुधार होगा, इससे व्यापार एवं पर्यटन कोभी बढ़ावा मिलेगा।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहाकि महिलाओं के विकास के बिना किसीभी समाज का विकास समावेशी नहीं हो सकता और उन्हें यह जानकर खुशी हुईकि अरुणाचल प्रदेश में पंचायतों की लगभग 47 प्रतिशत प्रतिनिधि महिलाएं हैं। उन्होंने कहाकि अरुणाचल प्रदेश की महिलाओं को हर क्षेत्र में सफलता मिल रही है। उन्होंने विश्वास जताया कियाकि देशभर की महिलाएं अंशु जमसेनपा और तगे रीता ताखे जैसी महिलाओं से प्रेरणा लेंगी। अंशु जमसेनपा पांच दिन में दोबार माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली महिला हैं और तगे रीता ताखे उद्यम में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा दे रही हैं एवं अरुणाचल प्रदेश के कृषि आधारित स्थानीय उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक ले जा रही हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि भारत में सूर्य की पहली किरण अरुणाचल प्रदेश पर पड़ती है, अरुणाचल प्रदेश की विभिन्न जनजातियां, उनकी सांस्कृतिक विरासत और उनकी विविधता में एकता हम सबको प्रेरित करती है, ऐसा कहा जा सकता हैकि अरुणाचल प्रदेश के समाज में सूक्ष्म भारत की झलक मिलती है। राष्ट्रपति ने कहाकि अरुणाचल प्रदेश में देशके 'प्राकृतिक फलों का कटोरा' के रूपमें उभरने की क्षमता है, यह राज्य खासी मंदारिन संतरे और कीवी उत्पादन में पहले स्थान पर है, जबकि बड़ी इलायची के उत्पादन में इसका देश में दूसरा स्थान है।
राष्ट्रपति ने कहाकि पहाड़ों, घने जंगलों, झीलों, झरनों और वनस्पतियों एवं जीवों से समृद्ध यह राज्य एक समृद्ध जैव विविधता वाला क्षेत्र है। उन्होंने प्रसन्नता जाहिर कीकि अरुणाचल प्रदेश सरकार ने जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना करने और जैवविविधता के संरक्षण केलिए 'पक्के घोषणा' को अपनाया है और कृषि, बागवानी, स्वास्थ्य सेवाओं एवं पर्यावरण संरक्षण केलिए ड्रोन तकनीक का उपयोग कर रही है, जो पर्यावरण संरक्षण केलिए महत्वपूर्ण कदम हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि अरुणाचल प्रदेश सहित पूरा पूर्वोत्तर क्षेत्र भारत के विकास में उल्लेखनीय भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहाकि जी20 की कई बैठकें भी पूर्वोत्तर राज्यों में आयोजित की जा रही हैं, जिनसे विश्वास हैकि पूर्वोत्तर राज्यों की संस्कृति एवं पर्यटन को और ज्यादा बढ़ावा मिलेगा और इस क्षेत्रमें निवेश की संभावनाएं भी पैदा होंगी। उन्होंने कहाकि अरुणाचल प्रदेश की संस्कृति, विविधता और प्राकृतिक सुंदरता इसको भारत में एक विशेष स्थान प्रदान करती है, देश अरुणाचल प्रदेश की ओर यहां की क्षमता तथा यहां के लोगों की उपलब्धियों के कारण नई दृष्टि से देख रहा है।