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Tuesday 21 February 2023 05:12:25 PM
पिंजौर (हरियाणा)। गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र पिंजौर देखने गए केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव का कहना हैकि प्रजनन के बाद गिद्धों को जंगल में छोड़ा जा सकता है। उन्होंने जटायु गिद्ध प्रजनन केंद्र के विकास केलिए तकनीकी और वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने काभी आश्वासन दिया। वन मंत्री ने इस अवसर पर बतायाकि वर्ष 2023-24 के दौरान जंगल में ओरिएंटल सफेद पीठ वाले गिद्धों को छोड़ने का प्रस्ताव किया गया है, छोड़े गए गिद्धों की कम से कम एक वर्ष तक उपग्रह ट्रांसमीटरों की सहायता से कड़ी निगरानी रखी जाएगी। उन्होंने बतायाकि यह सुनिश्चित करने केलिए कि वे जंगली परिस्थितियों में अच्छी तरह से समायोजित हो जाएं और डाइक्लोफेनाक विषाक्तता के कारण कोई मृत्यु दर न हो, उनकी किसीभी व्यवहार संबंधी समस्या का पता लगाया जाएगा, इसके बाद गिद्धों को हर साल नियमित रूपसे जंगल में छोड़ा जाएगा।
वन मंत्री ने बतायाकि जटायु संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र की स्थापना गिद्धों की तीन भारतीय गिप्स प्रजातियों-ओरिएंटल व्हाइट बैक्ड, लॉन्ग बिल्ड और स्लेंडर बिल्ड गिद्धों की आबादी में नाटकीय रूपसे आई गिरावट की जांच केलिए कीगई थी। उन्होंने बतायाकि यह हरियाणा वन विभाग और बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी केबीच एक सहयोगी पहल है, इस केंद्र का मुख्य उद्देश्य 15 वर्ष में गिद्धों की 3 प्रजातियों में से प्रत्येक के 25 जोड़ों की एक संस्थापक आबादी स्थापित करना और कम से कम 200 पक्षियों की आबादी का उत्पादन करना और उनका वन्य जीवन में पुन: प्रवेश कराना है। प्रधान मुख्य संरक्षक वन वन्यजीव पंकज गोयल ने कहाकि यह केंद्र देशमें मवेशियों के शवों के नमूने लेकर गिद्धों की जहरीली दवाओं विशेष रूपसे डाइक्लोफेनाक के पशु चिकित्सा उपयोग में बढ़ोतरी की निगरानी करके जंगल में गिद्धों केलिए सुरक्षित माहौल बनाने के लगातार प्रयास कर रहा है।
वन वन्यजीव के प्रधान मुख्य संरक्षक ने कहाकि यह केंद्र गिद्ध संरक्षण प्रजनन कार्यक्रम केलिए केंद्रीय प्राणी उद्यान प्राधिकरण का समन्वय कर रहा है, इसको केंद्रीय प्राणी उद्यान प्राधिकरण से तकनीकी और वित्तीय सहायता प्राप्त हुई है। उन्होंने कहाकि वन्यजीव पर्यटन के संवर्धन और विकास केलिए विदेशी पक्षियों और जानवरों की विभिन्न प्रजातियों को अन्य राज्यों से हरियाणा राज्य के पिपली, रोहतक और भिवानी प्राणी उद्यानों में लाया जा रहा है, हालांकि छात्रों में वन्य जीवन और पर्यावरण केप्रति जागरुकता पैदा करनी है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक जगदीश चंद्र ने कहाकि यह केंद्र देश में अन्य गिद्ध संरक्षण प्रजनन सुविधाओं केलिए गिद्धों का संस्थापक स्टॉक भी उपलब्ध कराएगा।