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Wednesday 22 February 2023 01:13:48 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सिएन लूंग ने ऑनलाइन कार्यक्रम के जरिए भारत के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस और सिंगापुर के पेनॉउ केबीच रीयल टाइम पेमेंट लिंकेज का शुभारंभ कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर कहाकि भारत-सिंगापुर की मित्रता बहुत पुरानी है और समय की कसौटी पर हमेशा खरी उतरी है, हमारे लोगों से लोगों के रिश्ते इसका मुख्य आधार हैं और रीयल टाइम भुगतान लिंकेज दोनों देशों के नागरिकों केलिए एक ऐसा उपहार है, जिसका वे उत्सुकता से इंतजार कर रहे थे। गौरतलब हैकि सिंगापुर पहला देश है, जिसके साथ भारत की ओर से सीमा पार व्यक्ति से व्यक्ति (पी2पी) भुगतान सुविधा शुरू की गई है। यह सिंगापुर में भारतीय समुदाय विशेष रूपसे प्रवासी श्रमिकों एवं विद्यार्थियों की मदद करेगा और सिंगापुर से भारत में और भारत से सिंगापुर में तत्काल तथा कम लागत वाले धन के हस्तांतरण के माध्यम से डिजिटलीकरण और फिनटेक के लाभों को आम आदमी तक पहुंचाएगा। क्यूआर कोड के माध्यम से यूपीआई भुगतान की स्वीकृति सिंगापुर में चुनिंदा मर्चेंट आउटलेट्स में पहले सेही उपलब्ध है।
भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास और सिंगापुर के मौद्रिक प्राधिकरण के प्रबंध निदेशक रवि मेनन ने मोबाइल फोन से एक-दूसरे केसाथ लाइव सीमा पार लेनदेन संपन्न किया। वर्चुअल शुभारंभ कार्यक्रम से पहले दोनों प्रधानमंत्रियों केबीच टेलीफोन पर बातचीत हुई, जिसमें उन्होंने आपसी हित के क्षेत्रों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत और सिंगापुर केबीच संबंधों को आगे लेजाने में साझेदारी केलिए प्रधानमंत्री ली सिएन लूंग को धन्यवाद दिया और भारत की जी20 अध्यक्षता के अंतर्गत उनके साथ काम करने की इच्छा व्यक्त की। उन्होंने कहाकि आज के युग में तकनीक हमें अनेक प्रकार से एक-दूसरे से जोड़ती है, फिनटेक भी एक ऐसा क्षेत्र है, जो लोगों को एक-दूसरे से कनेक्ट करता है, सामान्य तौरपर इसका दायरा एक देशकी सीमाओं के भीतर ही सीमित होता है, लेकिन आज क्रॉस-बॉर्डर फिनटेक कनेक्टिविटी के एक नए अध्याय का शुभारंभ किया गया है। उन्होंने कहाकि आजके बाद सिंगापुर और भारत के लोग अपने मोबाइल फोन से उसी तरह पैसे ट्रांसफर कर पाएंगे, जैसे वे अपने-अपने देश के अंदर करते हैं, इससे दोनों देशों के लोगों को अपने मोबाइल से तत्काल व कम खर्च में फंड ट्रांसफर करने में मदद मिलेगी, इस सुविधा से दोनों देशों केबीच धन प्रेषण का सस्ता और रियल टाइम विकल्प संभव हो पाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि बीते वर्षों में भारत ने इनोवेशन और आधुनिकीकरण केलिए उचित वातावरण बनाने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहाकि हमारे डिजिटल इंडिया प्रोग्राम से देश ईज ऑफ लिविंग और व्यापार करने में आसानी भी बढ़ा है, इससे डिजिटल कनेक्टीविटी केसाथ वित्तीय समावेशन कोभी अभूतपूर्व गति मिली है। प्रधानमंत्री ने कहाकि डिजिटल इंडिया अभियान ने शासन और सार्वजनिक सेवा वितरण में अभूतपूर्व सुधार को संभव बनाया है और ये भारत के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर कीही ताकत हैकि कोविड महामारी के दौरान हम करोड़ों लोगों के बैंक खातों में सीधे पैसे ट्रांसफर कर पाए। उन्होंने कहाकि पांच साल पहले मैंने सिंगापुर में कहा थाकि फिनटेक इनोवेशन और युवा ऊर्जा में विश्वास का एक बहुत बड़ा उत्सव है, फिनटेक और डिजिटल क्रांति में भारत की सफलता की अगुवाई हमारे टेक्नॉलॉजी ट्रेंड युवा ही कररहे हैं, फिनटेक की दुनिया में भारत के हजारों स्टार्टअप्स अपना लोहा मनवा रहे हैं, इसी ऊर्जा की वजह से आज रियल टाइम डिजिटल ट्रांजेक्शंस के मामले में भारत विश्व के अग्रणी देशों में है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि यूपीआई भारत में सबसे पसंदीदा भुगतान तंत्र बन गया है, व्यापारी और उपभोक्ता दोनों ने ही इसे ज्यादा से ज्यादा अपना रहे हैं, इसलिए बहुत से विशेषज्ञ ये अनुमान लगा रहे हैंकि जल्दही भारत में डिजिटल वॉलेट ट्रांजेक्शन नकद लेन-देन से अधिक हो जाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहाकि पिछले वर्ष 2022 में यूपीआई के माध्यम से करीब 126 लाख करोड़ रुपए यानि लगभग 2 ट्रिलियन सिंगापुर डॉलर से अधिक मूल्य के भुगतान हुए हैं, अगर मैं लेन-देन की संख्या की बात करूं तो ये भी 7400 करोड़ से अधिक होता है और ये दिखाता हैकि भारत का यूपीआई सिस्टम कितनी बड़ी संख्या को आसानी से और सुरक्षित तरीके से हैंडल कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि अच्छा ये भीकि विभिन्न देशों केसाथ यूपीआई की पार्टनरशिप्स बढ़ रही है, सिंगापुर पहला देश है, जिसके साथ व्यक्ति से व्यक्ति पेमेंट फैसिलिटी लॉंच हुई है, इसके लिए मैं सिंगापुर की मॉनेटरी अथॉरिटी, भारत के रिज़र्व बैंक और इस प्रयास को सफ़ल बनाने में जुड़े सभी लोगों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं।