स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Friday 24 February 2023 02:32:24 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो संदेश के जरिए भारत की जी20 की अध्यक्षता केतहत वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की पहली बैठक को संबोधित करते हुए इस तथ्य को रेखांकित किया हैकि यह भारत की जी20 की अध्यक्षता केतहत पहली मंत्रीस्तरीय वार्ता है। वर्तमान समय में दुनिया के सामने आनेवाली चुनौतियों कीओर ध्यान दिलाते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि आज की इस बैठक के प्रतिभागी एक ऐसे समय में वैश्विक वित्त और अर्थव्यवस्था के नेतृत्व का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, जब दुनिया गंभीर आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रही है। उन्होंने कोविड महामारी एवं वैश्विक अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभावों, बढ़ते भू-राजनैतिक तनावों, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में आनेवाले व्यवधानों, बढ़ती कीमतों, खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा, कई देशों के सामर्थ्य को प्रभावित करने वाले अस्थिर ऋण स्तर और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों की तेजी से सुधार लाने में अक्षमता के कारण उनके प्रति विश्वास का क्षरण का उदाहरण दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि अब यह दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं और मौद्रिक प्रणालियों के संरक्षकों के ऊपर हैकि वे वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्थिरता, विश्वास और विकास को वापस लाएं। भारतीय अर्थव्यवस्था की जीवंतता पर प्रधानमंत्री ने भारत की अर्थव्यवस्था के भविष्य केप्रति भारतीय उपभोक्ताओं एवं उत्पादकों के आशावाद को रेखांकित किया। उन्होंने प्रतिभागी सदस्यों से अपनी चर्चा को दुनिया के सबसे कमजोर नागरिकों पर ध्यान केंद्रित रखने का आग्रह किया और इस बात पर जोर देकर कहाकि वैश्विक आर्थिक नेतृत्व एक समावेशी एजेंडा बनाकर ही दुनिया का विश्वास वापस जीत सकता है। प्रधानमंत्री ने कहाकि हमारी जी20 की अध्यक्षता का विषय-एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य इसी समावेशी दृष्टिकोण को बढ़ावा देता है। उन्होंने कहाकि सतत विकास लक्ष्यों की दिशामें प्रगति धीमी होती मालूम पड़ रही है, जबकि दुनिया की आबादी आठ बिलियन के आंकड़े को पार करगई है। उन्होंने जलवायु परिवर्तन और उच्च ऋण स्तरों जैसी वैश्विक चुनौतियों का सामना करने केलिए बहुपक्षीय विकास बैंकों को मजबूत करने की जरूरत पर बल दिया। वित्तीय दुनिया में प्रौद्योगिकी के बढ़ते प्रभुत्व पर प्रधानमंत्री ने याद दिलायाकि कैसे महामारी के दौरान डिजिटल भुगतान ने संपर्क रहित और निर्बाध लेनदेन को सक्षम बनाया। गौरतलब हैकि जी20 बैठकें भारत की प्रौद्योगिकी राजधानी बेंगलुरु में आयोजित की जाएंगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रतिभागी सदस्यों से डिजिटल वित्त में अस्थिरता और दुरुपयोग के संभावित जोखिम को नियंत्रित करने हेतु मानक विकसित करते हुए प्रौद्योगिकी की शक्ति का पता लगाने और उसका उपयोग करने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत ने बीते कुछ वर्ष में अपने डिजिटल भुगतान इकोसिस्टम में अत्यधिक सुरक्षित, विश्वसनीय और कुशल सार्वजनिक डिजिटल बुनियादी ढांचा तैयार किया है। प्रधानमंत्री ने कहाकि हमारे डिजिटल भुगतान इकोसिस्टम को एक नि:शुल्क सार्वजनिक कल्याण के रूपमें विकसित किया गया है, जिसने देश में शासन, वित्तीय समावेशन और जीवनयापन में सुगमता की दिशामें व्यापक बदलाव सुनिश्चित किया है। उन्होंने कहाकि प्रतिभागी प्रत्यक्ष रूपसे इस बात का अनुभव कर सकते हैंकि भारतीय उपभोक्ताओं ने कैसे डिजिटल भुगतान को अपनाया है। उन्होंने भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान बनाई गई नई प्रणाली के बारेमें भी बताया, जो जी20 मेहमानों को भारत के पथप्रदर्शक डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म यूपीआई का उपयोग करने की अनुमति देती है। प्रधानमंत्री ने कहाकि यूपीआई जैसे उदाहरण कई अन्य देशों केलिए भी आदर्श साबित हो सकते हैं और हमें अपने अनुभव को दुनिया केसाथ साझा करने में खुशी होगी एवं जी20 मंच इसका एक माध्यम हो सकता है।