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Saturday 25 February 2023 05:35:26 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ केसाथ संयुक्त प्रेस वक्तव्य में चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ और उनके डेलिगेशन का भारत में स्वागत किया और कहाकि चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ कई वर्ष बाद भारत का दौरा कर रहे हैं, वर्ष 2012 में उनकी भारत यात्रा हैम्बर्ग के किसी भी मेयर की पहली भारत यात्रा के रूपमें थी, स्पष्ट हैकि उन्होंने भारत-जर्मनी संबंधों की संभावनाओं को बहुत पहले ही समझ लिया था। प्रधानमंत्री ने कहाकि पिछले वर्ष हमारी तीन बैठकें हुईं और हर बार हमारी चर्चाओं में उनकी इसी दूरदृष्टि और विज़न से हमारे द्विपक्षीय संबंधों को एक नई गति और ऊर्जा मिली है। उन्होंने कहाकि आज की बैठक मेभी हमने सभी महत्वपूर्ण द्विपक्षीय मुद्दों और क्षेत्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय विषयों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत और जर्मनी के मजबूत संबंध साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और एक-दूसरे के हितों की गहरी समझ पर आधारित हैं। उन्होंने कहाकि दोनों देशों केबीच सांस्कृतिक एवं आर्थिक आदान-प्रदान का लंबा इतिहास है और विश्व की दो बड़ी लोकतांत्रिक अर्थव्यवस्थाओं केबीच बढ़ता सहयोग दोनों देशों की जनता केलिए तो लाभकारी हैही, आजके तनावग्रस्त विश्व में इससे एक सकारात्मक संदेश भी जाता है। उन्होंने कहाकि जर्मनी यूरोप में हमारा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार होने केसाथ भारत में निवेश काभी महत्वपूर्ण स्रोत है। प्रधानमंत्री ने कहाकि आज मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान की वजह से भारत में सभी सेक्टर में नए अवसर खुल रहे हैं, इन अवसरों के प्रति जर्मनी की रुचि से हम उत्साहित हैं। उन्होंने कहाकि चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ केसाथ आया व्यापार प्रतिनिधिमंडल और भारतीय व्यापार प्रतिनिधिमंडल केबीच एक सफल बैठक हुई और कुछ बड़े महत्वपूर्ण समझौते भी हुए। उन्होंने कहाकि डिजिटल परिवर्तन, फिनटेक, आईटी, दूरसंचार और सप्लाई चेन्स के डायवर्सिफिकेशन जैसे विषयों पर हमें दोनों देशों के प्रमुख इंडस्ट्री लीडर्स के उपयोगी विचार और सुझाव भी सुनने को मिले।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत और जर्मनी त्रिकोणीय विकास सहयोग के तहत तीसरे देशों के विकास केलिए आपसी सहयोग बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहाकि पिछले कुछ वर्ष में हमारे बीच व्यक्ति से व्यक्ति के संबंध सुदृढ़ हुए हैं एवं पिछले वर्ष दिसंबर में किएगए प्रवासन और गतिशीलता भागीदारी समझौते से ये संबंध और भी गहरे होंगे। प्रधानमंत्री ने कहाकि बदलते समय की आवश्यकताओं के अनुसार हम अपने संबंधों में नए और आधुनिक पहलू भी जोड़ रहे हैं। उन्होंने पिछले वर्ष अपनी जर्मनी यात्रा को याद करते हुए कहाकि इस दौरान हमने हरित और सतत विकास साझेदारी की घोषणा की थी, इसके माध्यम से हम जलवायु कार्रवाई और सतत विकास लक्ष्य के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ा रहे हैं, अक्षय ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन और जैव ईंधन जैसे क्षेत्रों मेभी हमने साथ काम करने का निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री ने कहाकि सुरक्षा और रक्षा सहयोग हमारी सामरिक भागीदारी का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बन सकता है, इस क्षेत्रमें न खोजी गई संभावनाएं को पूरी तरह समझने केलिए हम साथ मिलकर प्रयास करते रहेंगे। उन्होंने कहाकि आतंकवाद और अलगाववाद के खिलाफ लड़ाई में भारत-जर्मनी केबीच सक्रिय सहयोग है, दोनों देश इस बात परभी सहमत हैंकि सीमा पार आतंकवाद को समाप्त करने केलिए ठोस कार्रवाई आवश्यक है।
प्रधानमंत्री ने कहाकि कोविड महामारी और यूक्रेन संघर्ष के प्रभाव पूरे विश्व पर पड़े हैं, विकासशील देशों पर इनका विशेष रूपसे नकारात्मक प्रभाव रहा है। उन्होंने कहाकि हमने इस बारेमें अपनी साझा चिंता व्यक्त की, हम सहमत हैंकि इन समस्याओं का समाधान संयुक्त प्रयासों सेही संभव है, भारत की जी20 की अध्यक्षता मेभी हम इस बात पर बल दे रहे हैं। उन्होंने कहाकि यूक्रेन के घटनाक्रम के शुरुआत सेही भारत ने डायलॉग और डिप्लोमेसी के माध्यम से इस विवाद को सुलझाने पर जोर दिया है। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत किसीभी शांति प्रक्रिया में योगदान देने केलिए तैयार है, हमने इस बात परभी सहमति दोहराईकि वैश्विक वास्तविकताओं को बेहतर तरीके से दर्शाने केलिए मल्टी-लेटरल संस्थान में सुधार आवश्यक है, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार लाने केलिए जी4 के अंतर्गत हमारी सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट है। उन्होंने चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ से कहाकि इस वर्ष सितंबर में भारत में आयोजित जी20 समिट केलिए हमें आपका फिरसे स्वागत करने का अवसर मिलेगा, आपकी इस भारत यात्रा और आजकी हमारी उपयोगी चर्चा केलिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!