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Thursday 2 March 2023 04:32:35 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी केसाथ हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय वार्ता शुरू करने से पहले एक संयुक्त प्रेस बैठक में प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी की पहली भारत यात्रा पर उनका और उनके साथ आए प्रतिनिधिमंडल का भारत में हार्दिक स्वागत किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वक्तव्य में कहाकि आज 8वें रायसीना डायलॉग में प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी मुख्य अतिथि और मुख्य वक्ता के तौरपर शामिल होंगी। उन्होंने कहाकि पिछले वर्ष के चुनाव में इटली के नागरिकों ने जियोर्जिया मेलोनी को प्रथम महिला एवं सबसे युवा प्रधानमंत्री के रूपमें चुना, इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर मैं उन्हें भारतवासियों की ओरसे बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। नरेंद्र मोदी ने जियोर्जिया मेलोनी के प्रधानमंत्री पद के कार्यभार संभालने के कुछ दिन बादही बाली में जी20 समिट के दौरान उनके साथ हुई पहली बैठक को भी याद किया। उन्होंने कहाकि हमारी आजकी चर्चाएं बहुतही सार्थक और बहुतही उपयोगी रही हें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि इस वर्ष भारत-इटली अपने राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं और इस अवसर पर हमने भारत-इटली साझेदारी को रणनीतिक भागीदारी का दर्जा देने का निर्णय लिया है एवं हमने अपने आर्थिक संबंधों को और ज्यादा सुदृढ़ करने पर जोर दिया है। प्रधानमंत्री ने कहाकि हमारे मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान से भारत में निवेश के अपार अवसर खुल रहे हैं, हमने अक्षय ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन, आईटी, अर्धचालक, दूरसंचार, अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर विशेष जोर दिया है। उन्होंने कहाकि भारत-इटली केबीच एक स्टार्टअप ब्रिज की स्थापना की घोषणा आज हम कर रहे हैं, जिसका हम स्वागत करते हैं। उन्होंने कहाकि एक और क्षेत्र है जहां दोनों देश एक नया अध्याय शुरू कर रहे हैं और वह है रक्षा सहयोग का, भारत में रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में सह-उत्पादन और सह-विकास के अवसर बन रहे हैं, जो दोनों देशों केलिए लाभदायक हो सकते हैं। उन्होंने कहाकि हमने दोनों देशों की सेनाओं केबीच नियमित रूपसे संयुक्त अभ्यास और प्रशिक्षण पाठ्यक्रम आयोजित करने काभी निर्णय लिया। प्रधानमंत्री ने कहाकि आतंकवाद और अलगाववाद के खिलाफ लड़ाई में भारत और इटली कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं, हमने इस सहयोग को और मज़बूत करने पर विस्तारपूर्वक चर्चा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इससे पहले राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी की भव्य अगवानी करते हुए उनका गर्मजोशी से स्वागत किया और कहाकि यह उनकी भारत की पहली यात्रा है, जो भारत-इटली केबीच ऐतिहासिक संबंधों को और मजबूत एवं गहरा करेगी। प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने सुबह राजघाट पर जाकर महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित करके उन्हें श्रद्धासुमन भी अर्पित किए। भारत-इटली केबीच सदियों पुराने सांस्कृतिक और व्यक्ति से व्यक्ति के संबंधों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि हमने वर्तमान समय की आवश्यकताओं के अनुसार इन संबंधों को एक नया स्वरूप और नई ऊर्जा देने पर विचार-विमर्श किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि दोनों देशों केबीच प्रवासन और गतिशीलता भागीदारी समझौता पर चल रही वार्ता का विशेष महत्व है, इस समझौते के शीघ्र समापन से हमारे व्यक्ति से व्यक्ति के रिश्ते और सुदृढ़ होंगे, हमने दोनों देशों के उच्चशिक्षा संस्थानों केबीच सहयोग को बढ़ावा देने परभी बल दिया। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत-इटली संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मनाने केलिए हमने एक कार्ययोजना बनाने का निर्णय लिया, इससे हम अपने देशों की विविधता, इतिहास, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, नवाचार, खेल और अन्य क्षेत्रों में उपलब्धियों को वैश्विक पटल पर प्रदर्शन कर सकेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि कोविड महामारी और यूक्रेन संघर्ष से उत्पन्न हुए भोजन, ईंधन और उर्वरक संकट से सभी देश प्रभावित हुए हैं, विकासशील देशों पर इनका विशेष रूपसे नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि हमने इस बारेमें अपनी साझा चिंता व्यक्त की है और इन समस्याओं के समाधान केलिए हमने संयुक्त प्रयासों पर बल दिया है। उन्होंने कहाकि भारत की जी20 अध्यक्षता मेभी हम इस विषय को प्राथमिकता दे रहे हैं, यूक्रेन संघर्ष के शुरुआत सेही भारत ने यह स्पष्ट किया हैकि इस विवाद को केवल डायलॉग और डिप्लोमेसी के ज़रिए ही सुलझाया जा सकता है और भारत किसीभी शांति प्रक्रिया में योगदान देने केलिए पूर्ण रूपसे तैयार है। उन्होंने कहाकि हम भारत-प्रशांत में इटली की सक्रीय भागीदारी का भी स्वागत करते हैं, यह बहुत ख़ुशी की बात हैकि इटली ने इंडो-पैसिफिक महासागर पहल में शामिल होने का निर्णय लिया है, इससे हम भारत-प्रशांत में अपना सहयोग बढ़ाने केलिए ठोस विषयों की पहचान कर सकेंगे। प्रधानमंत्री ने कहाकि वैश्विक वास्तविकताओं को बेहतर तरीके से दर्शाने केलिए मल्टी-लेटरल संस्थानों में सुधार आवश्यक है, हमने इस विषय परभी विचार-विमर्श किया।